- मोर्चरी पर सात श्रमिकों के शव पड़े थे, लेकिन रोने वाला अपना कोई नहीं था
- सिर्फ पुलिस ही शवों की पहरेदारी कर रही थी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कितना अंतर है अगर हादसे में कोई स्थानीय व्यक्ति मरता है तो पोस्टमार्टम हाउस में हमेशा हलचल रहती है, लेकिन कोल्ड स्टोर हादसे में मारे गए सात लोगों के शव मोर्चरी के अंदर रखे हुए हैं और एक भी रोने वाला वहां नहीं था। मोर्चरी पर मौजूद पुलिसकर्मियों की आपसी बातें जरूर सन्नाटे को चीर रही थी। मृतकों के परिजन जब उधमपुर और राम नगर से आएंगे तब जाकर इनका पोस्टमार्टम किया जाएगा।
शुक्रवार को हुए भीषण हादसे के शिकार सात लोग जम्मू के उधमपुर के रहने वाले थे। मेरठ की धरती पर इन लोगों ने बमुश्किल तीन घंटे भी नहीं गुजारे थे कि इनकी जिंदगी का हिसाब किताब एक हादसे ने पूरा कर दिया। कोल्ड स्टोर की दीवार और छत गिरने से मरे सात लोगों बलबंत, बलदेव, बलवीर सिंह, सतपाल, कालू, रमेश और होशियार सिंह के शव मोर्चरी में रखे हुए हैं। शाम चार बजे से लेकर पांच बजे तक एंबुलेंसों के सायरनों की आवाज ने मोर्चरी में हलचल पैदा कर दी थी।
सात एंबुलेंस एसडीएस ग्लोबल, फ्यूचर प्लस और मेडिकल अस्पताल से मृतकों के शवों को लेकर मोर्चरी आई तो लोगों को लगा कि शहर में कोई बड़ा हादसा हो गया है। अधिकांश लोगों को कोल्ड स्टोर हादसे की भनक तक नहीं गली थी। अमूमन ऐसा होता है कि शहर में किसी बड़े हादसे या घटना में कोई मारा जाता है तो उसके शव के साथ काफी लोग चलते हैं। पोस्टमार्टम के इंतजार में बिना खाये पिये बैठे रहते हैं, लेकिन सात शवों के बावजूद कोई हलचल नहीं है
जबकि दोपहर तीन बजे से लेकर पांच बजे तक जब तीन शवों का पोस्टमार्टम हुआ उस वक्त मोर्चरी के आसपास पैर रखने की जगह नहीं थी। कोल्ड स्टोर के हादसे में बचे एक मजदूर ने रोते हुए बताया कि गरीबी ने पूरे परिवार को सड़क पर लाकर खड़ा कर दिया है तभी घर से दूर आकर थोड़े पैसे कमाते जिससे परिवार का पेट भरता। अब समस्या यह आ रही है कि पोस्टमार्टम के बाद शव को 600 किलोमीटर दूर कैसे ले जा पांएगे।
इतने पैसे भी नहीं है कि प्राइवेट गाड़ी कर सकें। अब तो बस यही आसरा है कि या तो सरकार मदद करे या फिर ठेकेदार अपने दम पर ले जाए। यह आने वाला वक्त तय करेगा। लेकिन जिनके मृत शरीर मोर्चरी में रखे हैं उनके खास अस्पताल में घायल पड़े हुए है, उनको अभी तक किसी ने नहीं बताया है कि तुम लोगों के दोस्त सबको राम राम कहते हुए अपने धाम चले गए हैं।
अमोनिया गैस से फायदा और नुकसान
कोल्ड स्टोर में प्रयोग होने वाली अमोनिया गैस जहां फायदेमंद है। वहीं शरीर के लिये हानिकारक भी है। हवा में अमोनिया की उच्च सांद्रता का एक्सपोजर नाक, गले और श्वास नली के जलने का कारण बनता है। यही नहीं केंद्रित अमोनिया समाधान जैसे औद्योगिक क्लीनर के साथ संपर्क त्वचा की जलन, स्थायी आंख क्षति या अंधापन सहित संक्षारक चोट का कारण बन सकता है। अमोनिया का बहुत उच्च स्तर फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है या मृत्यु का कारण बन सकता है।
अमोनिया के संपर्क में आने से श्रमिकों को नुकसान हो सकता है। जहां तक फायदे की बात है इसका उपयोग यूरिया, अमोनियम सल्फेट, अमोनियम फास्फेट, अमोनियम नाइट्रेट आदि रासायनिक खादों को बनाने में अमोनिया का उपयोग किया जाता है। बड़े पैमाने पर नाइट्रिक एसिड तथा सोडियम काबोर्नेट के निर्माण में इसका उपयोग किया जाता है। बर्फ बनाने के कारखाने में शीतलीकारक के रूप में अमोनिया का उपयोग किया जाता है।