- मोबाइल चुरा रहा नींद, दो घंटे ही ठीक से सो पा रहे लोग
जनवाणी संवाददाता |
सहारनपुर: स्वस्थ रहने के लिए छह घंटे की नींद जरूरी है, मगर ज्यादातर शहरी अधिकतम दो से तीन घंटे ही अच्छी नींद ले रहे हैं। लिहाजा, वे इंसोम्निया की चपेट में आ रहे हैं। दूसरी ओर नींद कम आने की समस्या लेकर पहुंचने वाले लोगों की तादाद कम हो रही है। मनोवैज्ञानिक के मुताबिक मोबाइल की लत इसकी बड़ी वजह है।
मनोचिकित्सक चिकित्सकों के मुताबिक इस समय सबसे ज्यादा केस इंसोम्निया के पहुंच रहे हैं। इसमें 15 से लेकर 55 वर्ष तक के लोग शामिल हैं। पहले 30 साल की आयु के बाद ही नींद न आने की समस्या होती थी, पर अब किशोर भी इसकी चपेट में हैं। काउंसिलिंग से पता चला है कि चपेट में आ रहे लोग रात में दो से तीन बजे तक जागकर मोबाइल देखते हैं।
इससे आंखें भारी होती हैं और अचानक गहरी नींद आ जाती है, मगर यह नींद शरीर को आराम नहीं पहुंचाती है। इससे छह से आठ घंटे की नींद का चक्र पूरा नहीं हो रहा है। कम नींद लेने से हाइपरटेंशन के मामले भी बढ़ रहे हैं। इसकी चपेट में आकर लोग लगातार नींद की दवाएं ले रहे हैं। इससे अब थर्ड जेनरेशन तक की दवाएं उनपर बेअसर हो रही हैं।
ऐसे में दवा का पैटर्न बदलना पड़ रहा है। अनियमित नींद से तनाव बढ़ने और भूलने की समस्या भी काफी बढ़ रही है। इसका सीधा असर लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। पूर्व में लोग शारीरिक श्रम करते थे। सूरज की रोशनी में रहते थे। रात में छत पर या खुले में सोते थे। शाम को जल्दी खाना खा लेते थे। अब सब उल्टा है। जिसका असर नींद और सेहत पर पड़ रहा है।
गहरी नींद के लिए जरूरी बातें
- सोने और जागने का समय तय करें।
- सोते समय मोबाइल को दूर ही रखें।
- नींद नहीं आ रही तो गुनगुने पानी से पैर धोएं।
- दिन में ज्यादा न सोएं, रात में ही पूरी नींद लें।
- चाय-कॉफी का ज्यादा इस्तेमाल न करें।
- रोजाना छह से आठ घंटे की नींद जरूर लें।
- बिना चिकित्सक की सलाह के नींद की गोली न लें।