नीतू गुप्ता |
पानी कम पीने और अस्वस्थ जीवनशैली के कारण शरीर में कुछ ऐसे अपशिष्ट पदार्थ बच जाते हैं जो पेशाब के जरिए पूरी तरह बाहर नहीं निकल पाते, तब वे किडनी में ही एकत्रित होते जाते हैं और पथरी का रूप ले लेते हैं। पथरी प्रारंभ में छोटे कणों के रूप में होती है। उनमें से बहुत से कण तो पेशाब के साथ बाहर आ जाते हैं। जो कण अंदर जमा होते रहते हैं तो उनका आकार बढ़ जाता है।
पथरी भी कई तरह की होती है। कैल्शियम आक्सलेट, कैल्शियम फास्फेट, यूरिक एसिड और सिस्टेन। कैल्शियम आक्सलेट के स्टोन अधिक होते हैं। कई लोगों को यूरिन इंफेक्शन की शिकायत अधिक रहती है या पेशाब नली ब्लाकं होने की। ऐसे मरीजों को पथरी की आशंका अधिक होती है। कुछ बातों को समझ कर अगर हम अपनी जीवनशैली में सुधार ले आएं तो हम पथरी से अपना बचाव कर सकते हैं:-
सेवन कम करें नमक का: जो लोग सोडियम का अधिक सेवन करते हैं, उनकी किडनी कैल्शियम
को अधिक एब्जार्ब करती है जिससे पेशाब में कैल्शियम की मात्र बढ़ जाती है। सोडियम अधिकतर डिब्बाबंद भोजन सामग्री में, जंक फूड, नमक, रेडी टू ईट भोजन और चाइनीज फूड में होता है। भोजन में नमक का सेवन कम करें और जंक फूड, चाइनीज फूड और डिब्बाबंद भोजन से परहेज करें। भोजन में धनिया, नींबू, लहसुन, अदरक, करी पत्ता, काली मिर्च का प्रयोग करें।
पशुओं से प्राप्त होने वाले प्रोटीन से बचें: गाय, भैंस के दूध और उनसे बने उत्पाद का सेवन कम करें। इनमें प्यूरीन नामक तत्व होता है जो पेशाब में यूरिक एसिड की मात्रा को बढ़ा देता है। इनके अधिक सेवन से पेशाब से अधिक कैल्शियम निकलने लगता है। मीट में भी प्यूरीन प्रोटीन की मात्र अधिक होती है। इसके अतिरिक्त चुकंदर, ब्रोकली, भिंडी, पालक, शकरकंद, ब्लैक टी, टमाटर, चाकलेट, सोयाबीन में आक्सलेट की मात्र अधिक होती है इनका सेवन भी कम कर दें। अगर आप कैल्शियम सप्लीमेंट लेते हैं तो डाक्टर से परामर्श करें।
विटामिन सी का सेवन भी कम करें: विटामिन सी की अधिक मात्र भी पथरी के खतरे को बढ़ाती है। विटामिन सी खट्टे रसेदार फलों में अधिक होता है। विटामिन सी सप्लिमेंट भी डाक्टर से पूछ कर लें।
अन्य बदलाव जीवन शैली में:
- पेशाब को लंबे समय तक न रोकें।
- अगर अधिक पसीना आता हो तो पेशाब कम आता है, पेशाब कम आने से पेशाब के जरिए बाहर निकलने वाले पदार्थ किडनी में जमा हो जाते हैं इससे पथरी बनती है। पानी अधिक पिएं।
- कोल्ड ड्रिंक्स, पैक्ड जूस, चाय-काफी का सेवन कम से कम करें।
- अगर आप पानी कम पीते हैं तो हर सप्ताह एक गिलास पानी की मात्र बढ़ाएं ताकि पानी पीने की आदत में सुधार आ सके।
- पथरी कौन सी है, उसी आधार पर अपना आहार निर्धारित करें। डाक्टर से पूछ कर अपना डाइट चार्ट बनवाएं।