Saturday, May 3, 2025
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सीमा विस्तार के नाम पर ‘खेल’, मानकों से नहीं खा रहा मेल

  • चेयरपर्सन ने फाइल पर हस्ताक्षर करने से किया इंकार
  • चेयरपर्सन के हस्ताक्षर के बिना भेजी गई सीमा विस्तार की फाइल

जनवाणी संवाददाता |

सरधना: निकाय चुनाव को देखते हुए नगर पालिका सरधना के सीमा विस्तार का काम पिछले कई महीने से चल रहा है। सरधना कस्बा मुस्लिम बाहुल्य होने के कारण सीट भी अधिकांश एक ही ओर रहती है। मगर इस बार सरधना की आबादी को बराबर मिश्रित करने की कोशिश की जा रही है। संभावना जताई जा रही है कि इसी के चलते सीमा विस्तार के नाम पर आसपास के गांवों को नगर पालिका में जोड़ने की कोशिश की जा रही है।

जिसको लेकर कई महीने से माथा पच्ची चल रही है। उच्चाधिकारी चार बार फाइल को संशोधन के नाम पर वापस कर चुके हैं। आखिरी बार वापस आई फाइल में बेगमाबाद, मंढियाई, मेहरमति गणेशपुर, जुल्हैड़ा, छबड़िया, सरधना देहात, नंगला आर्डर गांव को जोड़कर भेजा गया था। ऊपर से फरमान आया कि मंढियाई, नंगला आर्डर, मेहरमति गणेशपुर को निकाल दिया जाए। इसी के तहत नई फाइल बनी, जिसमें सरधना देहात, छबड़िया, बेगमाबाद व जुल्हैड़ा गांव को शामिल रखा गया।

फाइल बनने के बाद ईओ ने हस्ताक्षर कर दिए। फिर फाइल चेयरपर्सन के पास पहुंची। उन्होंने संशोधन देखा तो हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया और फाइल को वापस कर दिया। यानी चेयरपर्सन ने सीधे तौर पर सीमा विस्तार की इस नीति पर विरोध जताया।

उनका मानना है कि चुनावी समीकरण बदलने की नजर से मानक के विरुद्ध सीमा विस्तार किया जा रहा है। बात यहां नहीं रुकी। ईओ ने भी बिना चेयरपर्सन की रजामंदी के फाइल को आगे चलता कर दिया। अब देखना यह है कि चेयरपर्सन की सहमति के बिना फाइल पास होती है या नहीं। यदि फाइल पास हुई तो सीमकरण बदलना तय है।

फाइल पास हुई तो बदलेंगे समीकरण

सीमा विस्तार की जस फाइल को पास करने के लिए भेजा गया है, यदि उसे हरी झंडी मिलती है तो निकाय चुनाव के समीकरण पूरी तरह बदल जाएंगे। क्योंकि सरधना कस्बा मुस्लिम बाहुल्य होने के कारण अब अधिकांश बार सीट एक ओर ही रही है। अब सीमा विस्तारण के नाम पर कई ऐसे गांव जोड़े गए हैं, जिससे पालिका की आबादी बराबर मिश्रित हो जाएगी। चुनाव का जिससे समीकरण बदलना तय है।

लाभ वाले इलाके को कर दिया बाहर

सीमा विस्तारण को एक तरह से चुनावी राजनीतिक कार्रवाई की नजर से देखा जा रहा है। इसके पीछे सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं, क्योंकि जिन इलाकों से पालिका की आय बढ़ती उन्हें तो सीमा विस्तार से बाहर कर दिया गया। जहां पालिका को विकास के नाम पर मोटा पैसा खर्च करना पड़ेगा, उन्हें शामिल कर लिया गया। पिछली फाइल में मंढियाई गांव व नानू की सीमा तक का क्षेत्र शामिल किया गया था।

जिसके अंतर्गत दर्जनों फैक्ट्री और सबसे महत्वपूर्ण पशु पैंठ है। जिसका करोड़ों रुपये का सालाना ठेका छूटता है। यदि यह क्षेत्र शामिल होता तो निश्चित की पालिका की आए बढ़ती। मगर किसी की समझ में नहीं आ रहा है कि सीमा विस्तार किस आधार पर और किस लिए किया जा रहा है।

सीमा विस्तार की फाइल को बार बार संशोधन के नाम पर वापस भेजा जा रहा है। अब सीमा विस्तार के नाम पर महज तीन गांवों को जोड़ा जा रहा है। सीमा विस्तारण का तरीका पूरी तरह समझ से परे है। इसलिए सीमा विस्तार की फाइल पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। -सबीला अंसारी, चेयरपर्सन नगर पालिका सरधना

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