नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। मार्गशीर्ष माह में कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मार्गशीर्ष अमावस्या कहते हैं। माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। साथ ही इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है। वहीं, मार्गशीर्ष अमावस पर कुछ उपाय करने से भी लोगों के कष्ट दूर होते हैं। साथ सुख समृद्धि मिलती है। बताया जा रहा है कि, इस बार मार्गशीर्ष अमावस्या 12 दिसंबर को मनाई जाएगी।
यह तिथि मंगलवार सुबह 06:24 बजे से शुरू होकर अगले दिन यानि 13 दिसंबर को 05:01 बजे तक संपूर्ण होगी। इस अवसर पर हमारे पास कुछ उपाय हैं जिसको करने से लक्ष्मी जी की कृपा आप पर बनी रहेगी। तो चलिए जानते हैं उन उपायों के बारे में…
मार्गशीर्ष अमावस्या के उपाय
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार स्नान के बाद पितरों को जल तर्पण करना चाहिए। अपने पूर्वजों को याद करना चाहिए और उन्हें याद करते हुए अपने हाथों में पवित्र कुश रखना चाहिए। फिर उन्हें काले तिल और जल से पितरों को तर्पण करना चाहिए। प्रचलित मान्यता के अनुसार इससे पितर प्रसन्न होंगे।
- पितृ दोष से मुक्ति के लिए मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन त्रिपिंडी श्राद्ध कर सकते हैं। यदि यह अनुष्ठान विधिपूर्वक किया जाए तो तीन पीढ़ियों के पूर्वज प्रसन्न हो जाते हैं। उनके आशीर्वाद से सुख, शांति और समृद्धि में वृद्धि होगी।
- इस दिन अपने पितरों को प्रसन्न करने के लिए पंचबली अनुष्ठान कर सकते हैं। इस अनुष्ठान में पितरों के लिए भोजन बनाया जाता है। फिर यह भोजन कौवे, गाय, कुत्ते, चींटियों और अन्य लोगों को दिया जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस अनुष्ठान से पितरों को पोषण मिलता है और वे अपने वंशजों को भी आशीर्वाद देते हैं।
- मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन स्नान करने के बाद पितृ देवता अर्यमा की पूजा करनी चाहिए। इस दौरान भक्तों को पितृ सूक्तम का पाठ करना चाहिए। इससे पितर प्रसन्न होंगे।