Monday, October 14, 2024
- Advertisement -

रहिए अलर्ट! फिर टूट सकता है कोरोना का कहर

  • विभाग की नाकामी के चलते पहले से ज्यादा बदतर होंगे हालात
  • तैयारियों के लिए मिले समय का नहीं किया जा सका सही से इस्तेमाल

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: कोरोना की दूसरी वेव जिसको विशेषज्ञ बेहद खतरनाक मान रहे हैं, उसका सामना करने के लिए तैयार रहिए। दूसरी वेव की आहट सुनाई देने लगी है। दिल्ली में संक्रमितों की तेजी से बढ़ रही संख्या सेकेंड वेव की आहट है।

जहां तक निपटने की बात तो जिस प्रकार की तैयारियां निपटने के नाम पर की गयी हैं। उसके चलते हालात पहले बहुत ज्यादा बदतर होने वाले हैं। कोरोना से निपटने के नाम लगाए गए लॉकडाउन के समय की जिस तरह से बर्बादी की गयी उसकी कीमत सेकेंड वेव में चुकानी पड़ सकती है।

कोरोना की जिस सेकेंड वेव की बात तमाम विशेषज्ञ कर रहे हैं, उसकी आहट साफ सुनी जा सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि देश से बाहर तो सेकेंड वेव काफी पहले शुरू हो चुकी है। जबकि यदि देश की बात की जाए तो पहले दिल्ली और अब गुजरात के सूरत में तेजी से आ रही संक्रमण के केसों से इसे आसानी से समझा जा सकता है।

आईएमए के सेक्रेटरी डा. अनिल नौसरान ने बताया कि सूरत में तो सेकेंड वेव का अलर्ट जारी कर दिया गया है। औसतन पांच हजार केस प्रतिदिन सामने आने से दिल्ली में सेकेंड वेव की हालात सबके सामने है। आईएमए के स्टेट सेक्रेटरी डा. शिशिर जैन ने बताया कि यूरोप के तो कई देशों में अलर्ट के बाद लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया है।

प्रोटोकॉल को लेकर लापरवाह

संक्रमण से बचाव के लिए जो प्रोटोकॉल आईसीएमआर ने तय किया है उसको लागू कराने के मामले में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से लापरवाह बने रहे। शहर में तमाम भीड़ वाले स्थानों पर 50 फीसदी बगैर मास्क के झुंड में नजर आएंगे। बाजारों की हालात बेहद खराब है। लोगों ने हाथों को सैनिटाइज करना करीब करीब छोड़ दिया है।

विभाग की लापरवाहियों का नतीजा

जिस सेकेंड वेव की बात की जा रही है विशेषज्ञों का कहना है कि उसको न्योता दिया गया है। संक्रमण की कोई न तो दवा है न ही वैक्सीन। केसों पर भी प्रभावी नियंत्रण नहीं लगाया सका। विभाग ने सिर्फ नाकामी पर पर्दा डालने के स्टेप बाई स्टेप अनलॉक करना शुरू कर दिया। शुरूआत शराब की दुकानें खुलवाने से की गयी और ये मासूमों के स्कूल व धार्मिक स्थल तथा चुनाव सरीखे आयोजन संक्रमण को न्योता देने का काम किया।

छोटी चूक की बड़ी कीमत

आईएमए अध्यक्ष डा. नवीन शर्मा का कहना है कि कोरोना की सेकेंड वेव को लेकर बेहद सावधान रहने की जरूरत है। इसको लेकर एक छोटी-सी चूक की भी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। इसको लेकर बेहद गंभीर रहने की जरूरत है।

नाजुक हैं शहर के हालात

विशेषज्ञों की मानें तो शहर के हालात बेहद नाजुक हैं। इसका अंदाजा सीएमओ कार्यालय में एसीएमओ समेत आधा दर्जन के संक्रमित आने से लगाया जा सकता है। इसके अलावा शहर की तमाम भीड़ वाले स्थान जहां पूल सैंपलिंग की जा रही है जिनमें मिठाई की दुकान व पार्लर तथा मॉल शामिल हैं, वहां बड़ी संख्या में केस मिल रहे हैं। इससे खतरा कितना बड़ा हो चुका है समझा जा सकता है।

बचाव का नहीं कोई रास्ता

दावे भले ही कुछ भी किए जाएं, लेकिन करीब एक साल होने को है, दुनिया का कोई भी देश या साइंटिस्ट अभी तक कोरोना से निपटने का रास्ता नहीं सुझा सका। या यूं कहें कि तमाम मेडिकल साइंस कोरोना के सामने घुटनों पर नजर आती है। ऐसी स्थिति में सोचा जा सकता है कि सेकेंड वेव जिसकी आहट साफ सुनी जा सकती है, कितना बड़ा खतरा लेकर आ रही है। खासतौर यूपी के परिपेक्ष्य में बेहद खतरनाक हालात होंगे बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं की जाती है।

निपटने के नाम पर केवल बेड़, बाकी कुछ नहीं

स्वास्थ्य विभाग की यदि तैयारियों की बात की जाए तो कोरोना की सेकेंड वेव से निपटने के नाम पर केवल बेड का इंतजाम किया जा रहा है। एलएलआरएम मेडिकल-250 बेड, सुभारती व एमएसवाई में चार-चार सौ। इसके अलावा आनंद हॉस्पिटल में 100 बेड तथा संतोष हॉस्पिटल को पूरी तरह से एक एक नया कोविड हॉस्टिपल तैयार किए जाने की जानकारी मिली है।

डाक्टर और वेंटिलेटर पर चुप्पी

इंतजाम के नाम पर पर अफसरों ने केवल बेड का इंतजाम किया है। संक्रमितों के लिए वेंटिलेटर, आॅक्सीजन सप्लाई, मॉनिटर और इससे भी आगे डाक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ को लेकर स्थिति कतई साफ नहीं है। एल-1 संक्रमितों को तो केवल बेड पर रखा जा सकता है, लेकिन ले-2 व एल-3 मरीजों के लिए तो वेंटिलेटर व दूसरे क्लीनिकल इंस्ट्रूमेंट की बेहद जरूरत होती है।

मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा पर चुप्पी

कोरोना संक्रमण से निपटने का दम भरने वाला सिस्टम मेडिकल स्टाफ जो इलाज में जुटा है। उसको कोरोना संक्रमण से बचाने के सवालों पर भी सिस्टम के बडेÞ अफसर फिलहाल चुप्पी साधे हैं। मेरठ की यदि बात की जाए तो मेडिकल में स्टाफ के लिए पीपीई किट, मास्क, फेस शील्ड, शूज कवर आदि की उपलब्धता को जनवाणी से बेहतर शायद ही कोई दूसरा मीडिया ग्रुप जानता हो। सबसे ज्यादा जरूरी तो कोरोना वारियर्स की सुरक्षा है।

खतरनाक है सेकेंड वेव

आईएमए के स्टेट सेक्रेटरी डा. शिशिर जैन का कहना है कि कोरोना की सेकेंड वेव तय है। ये बेहद खतरनाक हालात पैदा करने वाली है, लेकिन दु:ख इस बात का है कि इसको गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। इसकी गंभीरता समझनी होगी। दिल्ली के केसों से गंभीरता को समझा जा सकता है।

मेडिकल की है पूरी तैयारी

मेडिकल के प्राचार्य डा. ज्ञानेन्द्र कुमार भी मानत हैं कि कोरोना की सेकेंड वेव आ रही है। इसकी आहट सुनाई देने लगी है, लेकिन उनका कहना है कि जो बेहतर तैयारियां होनी चाहिए वो मेडिकल प्रशासन स्तर पर की गयी हैं। हमने पहले भी इससे मुकाबला किया है। दोबारा भी हालात से निपटने को तैयार हैं।

इलाज करते-करते 42 डाक्टर अब तक गवां चुके जान

कोरोना संक्रमितों का इलाज करते करते प्रदेश भर में अब तक 42 सीनियर डाक्टर्स अपनी जान गंवा चुके हैं। संक्रमितों की जान बचाने के प्रयास में अपनी जिदंगी दांव पर लगाने व गंवाने वाले ऐसे कोरोना वॉरियर्स की मदद के सवाल पर सरकार की नाक के बाद अब आईएमए ने ऐसे डाक्टरों के परिवारों की मदद का बीड़ा उठाया है।

आईएमए के स्टेट सेक्रेटरी डा. शिशिर जैन ने बताया कि आईएमए के प्रदेश भर के पदाधिकारी स्वेच्छा से सहयोग के लिए आगे आ रहे हैं। एक अच्छे और बड़े सहयोग से हम उन डाक्टर साथियों के परिवारों की मदद कर सकेगे जो कोरोना के खिलाफ चल रही जंग में जान गवां चुके हैं।

वहीं, दूसरी ओर सरकार के रवैये को लेकर भी आईएमए ने कठोर नाराजगी जतायी है। उनका कहना है कि सरकार ने जिस प्रकार से इस संबंध में मृतक डाक्टरों का कोई डाटा न होने की बात कही है उससे आने वाले समय में कोरोना के खिलाफ चल रही इस लड़ाई पर बुरा असर पड़ना तय है।

वहीं दूसरी ओर पता चला है कि संक्रमण से निपटने के दौरान 42 डाक्टरों की मौत के अलावा बड़ी संख्या पैरा मेडिकल स्टाफ की भी है। इनमें नर्स व दूसरे स्टाफ भी शामिल हैं। संक्रमितों के इलाज के दौरान जिदंगी हारने वालों की तेजी से बढ़ती संख्या के चलते अब मांग उठ रही है कि सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टाफ की तर्ज पर निजी चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टाफ को भी 50 लाख रुपये का बीमा सरकार की ओर से दिलाया जाना चाहिए। इस संबंध में आईएमए व नर्सिंग एसोसिएशन के अलावा भी कई अन्य संगठनों ने आवाज उठायी है।

कोरोना की दूसरी आहट के बीच अनलॉक-6 में बड़ी रियायतें

रविवार से अनलॉक-6 की शुरूआत हो गई हैं। जिसमें लोगों को और कई तरह की छूट मिलना शुरू हो जायेगी। गाइडलाइन जारी कर दी है तो आइए जानते हैं अनलॉक-6 में क्या-क्या खुलेगा और क्या-क्या बंद रहेगा। स्कूल खोलने के निर्णय को इस बार भी केंद्र सरकार ने राज्यों के ऊपर छोड़ दिया है।

अगर राज्य चाहे तो छोटी कक्षों को खोल सकते हैं। शादी समारोह में केवल 50 मेहमानों के प्रतिबंध को हटा दिया गया हैं। अब जितने चाहे उतने मेहमान शादी में बुलाए जा सकते हैं। बशर्ते उन्हें कोरोना गाइडलाइन का पालन करना होगा। लोगों को सोशल डिस्टेंस का पालन करना होगा। साथ ही साथ मास्क लगाना भी अनिवार्य होगा।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

Bijnor News: फर्नीचर हाउस की दुकान में चोरी, नगर में मचा हड़कंप

जनवाणी संवाददाता | झालू: नगर में बीती रात्रि चोरों ने...

Do Patti: फिल्म का ट्रेलर हुआ रिलीज, एक्शन,सस्पेंस और रोमांस से भरी है ‘दो पत्ती’

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत...
spot_imgspot_img