- टीमवर्क के साथ रणनीति बनाकर, बेहतर सर्विलांस और बेहतर कांट्रेक्ट ट्रेसिंग से रोके मृत्युदर
- 48 घंटे के अंदर कांट्रेक्ट ट्रेसिंग को पूर्ण कर संदिग्ध व्यक्तियों की कराये जांच: सीएम
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोरोना महामारी के संबंध में समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सभी टीमवर्क के साथ रणनीति बनाकर बेहतर सर्विलांस व बेहतर कांट्रेक्ट ट्रेसिंग के साथ मृत्युदर को रोके।
उन्होंने जनपदों में माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने, एल-2, एल-3 अस्पताल बनाने के लिए केजीएमयू से वर्चुअल आईसीयू कराने के लिए कहा। आक्सीजन सिलेंडर और मास्क की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये तथा एक प्रतिशत से अधिक सीएफआर वाले प्रत्येक जनपद में कोरोना टेस्टिंग बढ़ाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे जनपद जहां कोरोना के मरीज बढ़े हैं, वहां नोडल अधिकारियों सहित चार सदस्यीय टीम भेजी गयी है। प्रत्येक जनपद में इंटीगेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाने के निर्देश दिये गये हैं।
कमांड सेंटर से होम आइसोलेशन में रह रहे व्यक्तियों से बराबर संपर्क में रहा जाये साथ ही अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीजों से अस्पतालों का फीडबैक लिया जाये। उन्होंने बताया कि सीएम हेल्पलाइन से भी होम आइसोलेशन में रह रहे व्यक्तियों से फीडबैक लिया जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पब्लिक एड्रेस सिस्टम ऐसे स्थानों पर लगे जहां लोग उसे सुन सके। कांट्रेक्ट ट्रेसिंग को ठीक प्रकार से किया जाये तथा ये 12 से 15 के बीच होनी चाहिए साथ ही कोरोना मरीज मिलने के उपरांत 24 से 48 घंटे के अंदर कांट्रेक्ट ट्रेसिंग को अंतिम रूप देते हुये संदिग्ध व्यक्तियों की जांच करायी जानी चाहिए।
उन्होंने माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने पर बल दिया। जिसमें जिस घर में कोरोना मरीज निकला है उसके आसपास के घरों तक ही जो कंटेनमेंट जोन बनाया जायेगा वह माइक्रो कंटेनमेंट जोन होगा। अब हम अनलॉक के पांचवें चरण में है। माइक्रो कंटेनमेंट जोन में सिविल डिफेंस, होमगार्ड, पीआरडी, एनएसएस व एनसीसी कैडेट व स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों की सेवायें ली जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी टेस्टिंग करायी जा रही है। वह उसमें से एक तिहाई आरटीपीसीआर व दो तिहाई एंटीजन टेस्ट होना चाहिए। कुछ जनपदों में इस पर अमल नहीं किया जा रहा है। किसी भी स्तर पर लापरवाही होने पर कार्रवाई करें।
ऐसे सभी जनपद जिनका सीएफआर एक प्रतिशत से अधिक है, वह अपने यहां कोरोना टेस्टिंग बढ़ाये। आॅक्सीजन सिलेंडर व एन-95 मास्क की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये तथा कालाबाजारी करने वालों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई अमल में लायी जाये।
उन्होंने जनपदों में कोविड हेल्पडेस्क बनाने के निर्देश दिये गये थे। उसके अनुरूप सरकारी व प्राइवेट चिकित्सालयोें में, सरकारी कार्यालयों में व अन्य जगहों पर कोविड हेल्पडेस्क सुचारु रूप सें संचालित हो।
प्राइवेट अस्पताल निर्धारित दर पर ही मरीजों व तीमारदारों से चार्ज लें। आयुक्त अनीता सी. मेश्राम ने कहा कि जनपद में सितम्बर माह में 85 मृत्यु हुयी है। जिसमें से 58 की 48 घंटों के अंदर हुयी है।
इसकी निरंतर समीक्षा की जा रही है तथा नियंत्रित करने का प्रयास किया जा रहा है। एल-2 अस्पतालों की गुणवत्ता व परीक्षण भी कराया जा रहा है। नोडल अधिकारी पी गुरुप्रसाद ने कहा कि कांट्रेक्ट ट्रेसिंग की गुणवत्ता में सुधार के प्रयास किये जा रहे हैं। अधिकारियों व चिकित्सकों के साथ बैठकें भी की है।
पोर्टल पर अपलोड डाटा को भी ठीक कराया जा रहा है। सभी प्राइवेट अस्पताल सॉरी व आईएलआई के मरीजों की सूचना स्वास्थ्य विभाग को दें ये सुनिश्चित कराया जा रहा है। साथ ही टेस्टिंग बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
इस अवसर पर मेरठ, अलीगढ़, बरेली, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, लखीमपुर खीरी, आगरा, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर नगर के नोडल अधिकारियों ने और गौतमबुद्धनगर के डीएम ने जनपद की प्रगति के बारे में अवगत कराया।
इस अवसर पर विशेष सचिव उत्तर प्रदेश शासन अरुण प्रकाश, आईजी पुलिस प्रवीण कुमार, जिलाधिकारी के बाला, जिलाधिकारी बागपत शकुन्तला गौतम, एसएसपी अजय साहनी, प्रधानाचार्य एलएलआरएम डा. ज्ञानेन्द्र कुमार, डा. अशोक तालियान, डा. पीपी सिंह, सीएमओ डा. राजकुमार, एमएसवाई मेडिकल कालेज के जीएम डा. अश्वनी शर्मा सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।