- मुख्य बाजार बंद, बाकी सब सामान्य, खूब दौड़ रहे निजी वाहन और आॅटो, पुलिस की सख्ती बेअसर
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में लगातार संक्रमितों की संख्या के साथ मौतों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। इसके बावजूद जिला प्रशासन की गाइड लाइन की धज्जियां जमकर उड़ाई जा रही है। यही नहीं लॉकडाउन होने के बाद भी दिनभर तो वाहनों का आवागमन होता ही है, लेकिन शाम होते ही शहर के सभी मार्गों पर अनलॉक की तरह निजी वाहनों समेत ई-रिक्शा व आॅटो खूब दौड़ते हुए दिखाई देते हैं। इन वाहन चालकों पर पुलिस की सख्ती भी बेअसर दिखाई दे रही है।
प्रदेश सरकार ने कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए शनिवार, रविवार व सोमवार का संपूर्ण लॉकडाउन लगाया था, लेकिन इसके बावजूद लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के केस को लेकर अब सरकार ने लॉकडाउन को तीन दिन और बढ़ा दिया है। इसके बावजूद लोगों पर कोई असर नहीं दिखाई दे रहा है। शहर में जहां दिनभर वाहन दौड़ते रहते हैं, वहीं शाम होते ही हालात अनलॉक की तरह हो जाते हैं।
अनलॉक जैसा नजारा आप शाम होते ही हापुड़ अड्डा से लेकर भूमिया पुल होते हुए मेट्रो प्लाजा तक देख सकते हैं। इस क्षेत्र में जहां शाम होते ही अनलॉक की तरह सब्जी व फलों की रेहड़ी लग जाती है, वहीं लोगों की टोली भी सड़कों व गलियों में खुलेआम घूमते हुए दिखाई देती है।
पुलिस की सख्ती भी ऐसे लोगों पर बेअसर हो रही है। हालांकि पुलिस भी अब कोरोना खौफ के साए में आ चुकी है और सड़कों पर बिना वजह घूमने वाले लोगों के चालान काटने से कतरा रही है और अधिकांश चालान आॅनलाइन ही काटे जा रहे हैं। वहीं, दिनभर पुलिस चौराहों के पास सड़क किनारे ही छांव में बैठे रहते हैं।
लॉकडाउन की अवधि दो दिन और बढ़ी
कोविड-19 के संक्रमण से उत्तर प्रदेश के प्रमुख जिलों के साथ मेरठ के हालात दिन-प्रतिदिन बदहाल होते जा रहे हैं, हर रोज कहीं न कहीं सुविधा के अभाव के कारण कोरोना संक्रमित लोगों की मृत्यु के सुचना मिलती रहती है। जिस कारण अब अस्पतालों के बाहर हंगाम भी देखने को मिल रहा है।
इन्हीं सभी बातों को देखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा पहले 59 घंटे फिर 83 घंटे एवं अब दो दिन अर्थात गुरुवार सुबह सात बजे तक लॉक डाउन एवं नाइट कर्फ्यू को बढ़ा दिया है। जिससे संक्रमण पर काबू पाया जा सके, लेकिन जिस प्रकार शहर भर के वाहन दौड़ रहे हैं, उसको देखकर लगता नहीं कि जनता नियमों का पालन नहीं करना चाहती है। जिसकी वानिगी गत 83 घंटों की अवधि में देखने को मिली।
इस दौरान मार्केट तो पूरी तरह से लॉक दिखाई दी, लेकिन सड़कों पर बिना रोक टोक के वाहन दौड़ते रहे। जिससे कहीं न कहीं संक्रमण का खतरा बढ़ने की प्रबल संभवनाएं हैं। दरअसल, जनपद में 83 घंटे के साप्ताहिक कोरोना कर्फ्यू के तीसरे दिन भी शहर के सभी बाजार पूर्ण रूप से बंद रहे, लेकिन सड़कों पर बेतहाशा दौड़ रहे वाहनों की संख्या में तीनों दिन कोई कमी नहीं आई।
यदि यह सिलसिला ऐसे ही जारी रहा तो कोरोना कर्फ्यू का कोई लाभ मिलने वाला नहीं है। इस तरह के हालात तब देखने को मिल रहे हैं। जब शासन द्वारा संख्त निर्देश दिए गए है कि जनता नियमों का पालन करे। आवश्यक सेवाओं में कार्य करने वालें लोगों के अलावा कोई भी अपने घर से बाहर ना निकले। उसके बावजूद जनता नियमों का पालन करने को तैयार नहीं हैं।
पुलिस की संख्ती से ही रुकेगा वाहनों का सिलसिला
गत वर्ष पुलिस प्रशासन की टीम एवं सिविल डिफेंस के लोगों ने मुस्तैद होकर कोविड-19 के संक्रमण को रोकने में अहम् भूमिका निभाई थी। हर तिराहे चौराहे पर अनावश्यक रूप से घूमने वालें लोगों को रोक कर उन्हें वापस भी भेजा था। हालांकि इसका विरोध भी देखने को मिला था, लेकिन जिस प्रकार अब कोविड-19 का संक्रमण बढ़ रहा है। ऐसे में जो संक्रमण को रोकने के लिए अपने घरों में कैद हो गए है।
वह सभी सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए नियमों को तोड़ने वालों के खिलाफ संख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। जिससे संक्रमण की चेन को ब्रेक करने में आसानी मिल सकें। ऐसे में उम्मीद जतायी जा रही है कि चुनाव में ड्यूटी कर अपने शहर लौटी पुलिस प्रशासन की टीम अब सख्ती दिखाएंगी।
संक्रमण को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार शाम आठ बजे से मंगलवार सुबह सात बजे तक लगाएं गए लॉकडाउन अवधि को बढ़ाकर गुरुवार सुबह सात बजे तक कर दिया है। इस अवधि के दौरान सिर्फ आवश्यक सेवाओं की दुकानें खुली रहेगी।