- मदरसे के छात्र अब जमीयत ओपन स्कूल से आधुनिक शिक्षा हासिल कर सकेंगे
जनवाणी संवाददाता |
बड़ौत: मदरसा छात्रों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ऩे के लिए जमीयत उलेमा ए हिंद ने पहल की है। ओपन स्कूल में हाईस्कूल तक की शिक्षा एनआईओएस (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग) के तहत दी जाएगी। इसके तहत अगले पांच वर्षों में 50,000 छात्र दसवीं पास करेंगे। जिसमें पश्चिमी यूपी और दिल्ली के 100 से अधिक मदरसों को शामिल किया जायेगा।
इसके लिए जमीयत ओपन स्कूल सेंटर शुरु किया है। जिसमे बड़ौत के मदरसा अरबिया नूरिया को जिले का मुख्य सेंटर बनाया गया है। जिसमें एडमिशन के लिए मदरसा अरबिया नूरिया में कुल 53 छात्रों ने जनपद बागपत और शामली में एग्जाम सेंटर के हेड मौलाना मन्नवर की उपस्थिति में जमीयत उलेमा ए हिन्द के जिलाध्यक्ष मुफ़्ती अब्बास, जिला महासचिव हाफिज कासिम और मदरसा अरबिया नूरिया के नाजिम मौलाना आरिफ उल हक की देखरेख में एंट्रेंस एग्जाम दिया।
जिसका रिजल्ट तीनअप्रैल को आएगा और उसमे से 20 छात्रों का सलेक्शन होगा। इस मौके पर मौलाना आरिफ उल हक ने बताया कि हर वर्ष हजारों मुस्लिम नौजवान विभिन्न इस्लामी शिक्षा केंद्रों से शिक्षा प्राप्त करते हैं। जहां वह परंपरागत इस्लामी शिक्षा में विशेष योग्यता भी प्राप्त करते हैं ।लेकिन वह वर्तमान में सेकुलरिज्म की शिक्षा से अनभिज्ञ या मुख्यधारा में शामिल शिक्षा से अपरिचित होने के कारण अपने समाज में एक विशेष महत्वपूर्ण भूमिका नहीं निभा पाते हैं।
इसलिए हमारा यह उद्देश्य है कि जमीयत ओपन स्कूल के माध्यम से स्तरीय शिक्षा उपलब्ध की जाए,ताकि विद्यार्थी आधुनिक शिक्षा के मैदान में भी प्रगति कर सकें। मदरसों में स्मार्ट क्लास के द्वारा छात्रों को शिक्षा दी जायेगी। शहर और गाँवों में स्थापित मदरसों के छात्रों को भी आधुनिक शिक्षा से जोड़ा जाएगा।
जमीयत ओपन स्कूल के तहत मदरसा छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं लगेंगी। वही जमीयत उलमा ए हिंद के इस फैसले से मदरसे में पढ़ने वाले बच्चे भी बहुत खुश हैं। उनका कहना है कि इस पढ़ाई से अब वह आगे की पढ़ाई भी कर सकेंगे और डॉक्टर इंजीनियर और बहुत सारे कोर्स करने का भी रास्ता साफ होगा।