Friday, July 5, 2024
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अचानक बढ़ा तापमान, लू के थपेड़े से बचे

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  • अलर्ट जारी, उत्तर भारत के कई राज्यों में 40 से लेकर 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया तापमान

जनवाणी संवाददाता |

मोदीपुरम: इस समय पूरा उत्तर भारत गर्मी की चपेट में है। अप्रैल में ही मई और जून की गर्मी जैसा मौसम हो गया है। लू चलने लगी है। उत्तर भारत के कई राज्यों में तापमान 40 से लेकर 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। उत्तर प्रदेश में ही नहीं मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, हरियाणा में भी तापमान 44 के पार पहुंचने लगा है। कुछ राज्यों में लू तेजी से चलने लगी है।

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आने वाले समय में यदि तापमान इसी प्रकार से बढ़ता रहा तो लू से स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। भारतीय मौसम वैज्ञानिकों की माने तो हल्की बारिश होने पर ही मौसम से कुछ राहत मिल सकती है। पश्चिमी विक्षोभ अपने हिमालय क्षेत्र में सक्रिय होने से बृहस्पतिवार को हल्की बारिश हो सकती है। शिमला और जम्मू कश्मीर में हिमपात भी हो सकता है।

लू से कैसे करें बचाव?

लू से बचने के लिए धूप में बाहर न निकले ज्यादा से ज्यादा पानी पिए हल्के रंग के ढीले कपड़े पहने धूप में बचने के लिए तोलिया, गमछा, टोपी, छाते का इस्तेमाल करें। धूप से आंखों को बचाने के लिए चश्मे का भी प्रयोग करें यदि खुले आसमान के नीचे कार्य करते हैं तो अपने चेहरे हाथ एवं पैरों को गीले कपड़े से ढक कर रखें।

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घर में बने पेय पदार्थ जैसे लस्सी नमक और चीनी का घोल नींबू, पानी, छाछ, आम का पना आदि का अधिक से अधिक सेवन करें। घर को ठंडा रखें पर्दे शटर आदि का इस्तेमाल करें और रात में घर की खिड़कियों को खोल कर रखें, लेकिन इस बात का भी ध्यान रखें कि खिड़कियों में जाली लगी होनी चाहिए, मच्छरों से भी अपने को बचा कर रखना है।

तेज धूप में अधिक समय न रहे

इन दिनों गर्म हवा ने परेशान करना शुरू कर दिया है। इसे लू या स्वीट बेबी कहा जाता है। डा. दिव्यांशु सेंगर ने बताया कि अधिक देर तक लू में रहने पर शरीर में पानी की कमी हो सकती है। लू दिल, किडनी, लिवर आदि को नुकसान पहुंचा सकती है। समय पर उपचार न मिले तो मौत होने का भी खतरा बढ़ जाता है।

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ऐसे में सबसे अच्छी बात तो यह है कि गर्मी में तेज धूप में जाने से बचें बहुत जरूरी हो तो सिर और अंगों को ढककर ही धूप में जाएं। इसके बाद भी धूप में अधिक समय तक न रहे, यदि लू लग जाती है तो निकटतम हॉस्पिटल या डॉक्टर से सलाह लें और अधिक से अधिक पानी भी पीते रहे।

ये दर्ज किया गया तापमान

राजकीय मौसम वैधशाला पर बुधवार को दिन का अधिकतम तापमान 37.9 डिग्री एवं न्यूनतम तापमान 24.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम आर्द्रता 48 एवं न्यूनतम आर्द्रता 24 प्रतिशत दर्ज की गई। हवा सुबह आठ किमी और शाम को 10 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से आंका गया। कृषि विवि के मौसम वैज्ञानिक डा. यूपी शाही का कहना है कि बढ़ती गर्मी के कारण मौसम में बदलाव के संकेत मिल रहे हैं।

जिला अस्पताल में मरीजों की भीड़, वार्डों में बेड खाली

गर्मी का मौसम आते ही बुखार, उल्टी-दस्त, डायरिया, मलेरिया, संचारी रोगों के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। ऐसे में जिला अस्पताल में भी मरीज पहुंच रहे है लेकिन इनमें से गंभीर मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है जबकि निजी अस्पतालों फुल है। जिला अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने के लिए कुल 12 वार्ड है लेकिन इनमें से अधिकतर वार्डो में कम ही मरीज भर्ती है।

बुधवार को इमरजेंसी में 11 मरीज, मेल सर्जरी वार्ड में 37, जरनल वार्ड में 8, महिला वार्ड में 43, पुरूष मेडिसन वार्ड में 23, पुरूष हड्डी वार्ड में 8, टीबी वार्ड में 8, बच्चा वार्ड में 18, एनआरसी वार्ड में 4, आइसोलेशन वार्ड में 12, पीकू वार्ड में 12 व आईसीसीयू में कोई मरीज भर्ती नहीं है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल में सुबह से ही काऊंटर पर मरीजों की भीड़ लग जाती है।

इनमें से बड़ी संख्या में संचारी रोगो से ग्रस्त मरीजो के साथ गंभीर बीमारियों के मरीज भी होते है जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जाना जरूरी है। लेकिन जिला अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की जांच कर उन्हें दवा लिखकर भेजा जा रहा है। जबकि गंभीर मरीजों को अस्पताल में भर्र्ती करना जरूरी है।

जब मरीजों को जिला अस्पताल जैसे बड़े सरकारी अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा रहा तो वह निजी अस्पतालों का रूख कर रहें है। बताया जा रहा है निजी अस्पतालों में इन दिनों सभी बैड फुल है जबकि सरकारी अस्पताल में बड़ी संख्या में बैड खाली पड़े है।

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