जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: बीते दिन यानि गुरूवार को तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पण कर भारत लाया गया और पटियाला हाउस कोर्ट ने उसे 18 दिन की रिमांड पर एनआईए को सौंप दिया है, जबकि एनआईए ने 20 दिन की रिमांड की मांग की थी। बता दें कि कल दोपहर बाद दिल्ली पहुंचने के बाद आतंकी की मेडिकल जांच और दूसरी प्रकिया पूरी करने के बाद देर रात पटियाला कोर्ट के सामने पेश किया गया।
18 दिन की रिमांड पर एनआईए को सौंप दिया
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने देर रात सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) के पूरे पक्ष को पक्ष गंभीरता से सुना। सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने तहव्वुर राणा की 18 दिन की एनआईए रिमांड मंजूर कर दी। अब तहव्वुर राणा 18 दिनों तक एनआईए की कस्टडी में रहेगा। रिमांड के दौरान तहव्वुर राणा से 2008 में 26/11 के मुंबई टैरर अटैक पर अधिकारी बड़ी बारीकी से पूछताछ करेंगे। मुंबई में 10 स्थानों पर हुए आतंकी हमलों में 166 लोग मारे गए थे और 238 से अधिक लोग जख्मी हुए थे।
कई अहम सबूत किए पेश
कोर्ट के सामने एनआईए ने रिमांड के की जरूरत को साबित करने के लिए ईमेल समेत कई अहम सबूत पेश किए। एनआईए ने बताया कि राणा से पूछताछ बेहद जरूरी है ताकि 2008 में हुए भयावह आतंकी हमले की गहराई से जांच की जा सके। इस दौरान एनआईए ने कोर्ट को बताया कि आरोपी डेविड कोलमैन हेडली ने भारत आने से पहले राणा के साथ पूरी साजिश पर विस्तार से चर्चा की थी। हेडली ने राणा को भेजे एक ईमेल में अपने सामान और संपत्तियों की जानकारी दी थी और इस ऑपरेशन में इलियास कश्मीरी व अब्दुर रहमान की भूमिका का भी खुलासा किया था।
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 2023 में दी थी प्रत्यर्पण को मंजूरी
राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 2023 में उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी, जिसे 2025 में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अंतिम रूप दिया, और प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण का ऐलान कर दिया। तहव्वुर राणा को लेकर दिल्ली पहुंची एनआईए की सात सदस्यीय टीम में झारखंड-छत्तीसगढ़ कैडर के तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की विशेष भूमिका रही है। ये आईपीएस अधिकारी हैं- आशीष बत्रा, प्रभात कुमार और जया रॉय।
राणा की सुनवाई बंद कमरे में हुई
गुरुवार रात राणा को विशेष अदालत में पेश किए जाने के दौरान कोर्ट परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया। भारी सुरक्षा के बीच एनआईए राणा को जेल वैन, एसयूवी, एंबुलेंस और बख्तरबंद गाड़ियों के काफिले में कोर्ट लेकर आई। सुनवाई बंद कमरे में कैमरे की निगरानी में हुई। राणा की तरफ से दिल्ली लीगल सर्विस अथॉरिटी ने वकील पीयूष सचदेवा को नियुक्त किया था, जबकि एनआईए की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन और विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र मान ने पैरवी की।
रूट पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखी गई
कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद रात में 10 बजे के बाद तहव्वुर राणा को एनआईए की टीम पालम एयरपोर्ट से पटियाला हाउस कोर्ट के लिए लेकर निकली थी। इस दौरान पूरी रूट पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखी गई। दिल्ली पुलिस ने हाई अलर्ट के तहत सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए थे।
एयरपोर्ट से अदालत तक ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी गई। पूरे रूट पर ट्रैफिक को ग्रीन सिग्नल दिया गया था, ताकि काफिला बिना रुकावट अपने गंतव्य तक पहुंचे। जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम मेट्रो स्टेशन के दो गेट बंद कर दिए गए थे और इलाके की आवाजाही पर भी नियंत्रण रखा गया।