- आयोजकों ने चौधरी चरण सिंह पार्क में चल रहा धरना जारी रखने का किया ऐलान
- आमरण अनशन पर बैठे आशीष वशिष्ठ को पूर्व विधायक रामाशीष रॉय ने जूस पिलाकर उठाया
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: दिन भर अधिकारियों और त्यागी समाज के प्रतिनिधियों के बीच हुई सुलह-सफाई के बाद रात के समय डीएम दीपक मीणा ने एक प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए आमंत्रित किया, लेकिन घंटों तक चली बातचीत किसी नतीजे तक नहीं पहुंच सकी। जिसके बाद देर रात समाज के प्रतिनिधियों ने धरना जारी रखने का ऐलान कर दिया।
चौधरी चरण सिंह पार्क में चल रहे त्यागी समाज के धरने को समाप्त कराने के लिए आठवें दिन एडीएम सिटी और सीओ स्तर से कई बार प्रयास किए गए। इस बीच धरने को लेकर मुख्य भूमिका निभाने वाले मांगेराम त्यागी मुजफ्फरनगर में आयोजित समाज की पंचायत में भाग लेने के लिए गए हुए थे। देर शाम उनके आने के बाद छह बजे पांच लोगों के प्रतिनिधिमंडल को बुलाकर डीएम दीपक मीणा ने वार्ता का निमंत्रण भिजवाया।
एक उम्मीद के साथ त्यागी समाज के प्रतिनिधि वार्ता के लिए पहुंचे, लेकिन घंटों की बातचीत में कोई नतीजा नहीं निकल सका। त्यागी समाज के प्रतिनिधियों का कहना है कि प्रशासन की ओर से बिना शर्त धरना समाप्त करने के लिए कहा गया। जबकि त्यागी समाज की मांग रही कि श्रीकांत त्यागी की धर्मपत्नी अनु त्यागी को मुख्यमंत्री से मिलवाया जाए। ताकि वह अपने साथ पेश आए घटनाक्रम से उन्हें अवगत करा सके।
समाज के लोगों का कहना था कि श्रीकांत त्यागी की पत्नी अनु त्यागी और उनकी मामी को चार दिन तक अवैध हिरासत में रखने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ समुचित धाराओं में कार्रवाई की जाए। इसके अलावा उनके फ्लैट की बिजली-पानी काटने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी एक्शन लिया जाए, लेकिन जिला प्रशासन की ओर से पहले धरना समाप्त करने की बात कही गई।
बेनतीजा रही बातचीत के बाद बाहर निकलकर आए त्यागी समाज के प्रतिनिधियों ने धरना जारी रखने का ऐलान किया। प्रतिनिधिमंडल में पुष्पेन्द्र त्यागी, कुलदीप त्यागी, प्रशांत त्यागी, सुनील त्यागी, मनोज त्यागी, ज्ञानेश्वर त्यागी, इंद्रमुनि त्यागी खरखौदा आदि मौजूद रहे। इससे पूर्व दोपहर बाद रालोद के पूर्व विधायक रामाशीष रॉय धरनास्थल पहुंचे।
उन्होंने आमरण अनशन पर बैठे आशीष वशिष्ठ से अनशन समाप्त करने का आग्रह किया। तीसरे दिन हालत बिगड़ने के चलते समाज के कुछ और लोगों ने भी उनसे अनशन समाप्त करने को कहा। जिसके बाद रामाशीष रॉय ने अपने हाथों से जूस पिलवाते हुए उनका अनशन समाप्त कराया गया।