- सांसद के आवास पहुंचे खरखौदा के ग्रामीणों पर भड़के राजेंद्र अग्रवाल
जनवाणी संवाददाता|
मेरठ: गंगा एक्सप्रेस वे के लिये तय किये गए एलाइनमेंट को लेकर सांसद राजेन्द्र अग्रवाल के आवास पर पहुंचे ग्रामीणों का गुस्सा उस वक्त बढ़ गया, जब सांसद ने गुस्साए ग्रामीणों से कह दिया कि जब इलेक्शन होगा तब सबक सिखा देना।
गंगा एक्सप्रेस-वे को लेकर किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल मेरठ-हापुड़ लोकसभा सांसद राजेंद्र अग्रवाल के आवास पर एलाइनमेंट बदले जाने की सूचना पर पहुंचा। जहां पहुंचे किसानों से सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने तीखी टिप्पणी की।
जब किसानों ने कहा कि हम लोगों ने आपको यूपी से केन्द्र में भेजा है तो हमारा दर्द भी सुनिये। एक किसान ने कहा कि हम लोगों की इस वक्त मजबूरी है। चुनाव आने दीजिये।
इस पर सांसद ने कहा कि जब चुनाव आए तब सबक सिखा लेना और मैं लखनऊ नहीं जाता। इस बात से क्षेत्र के किसान आक्रोशित हो गए।
सपा नेता पवन गुर्जर के नेतृत्व में गांव सोलाना में किसानों की एक वार्ता हुई जिसमें गंगा एक्सप्रेस-वे से प्रभावित दक्षिण विधानसभा के गांव सोलाना, काशी, इटारा प्रथम गढ़ के लोग शामिल हुए और भविष्य में सांसद के क्षेत्र में आने पर पूर्ण विरोध की बात हुई।
वहीं सपा नेता पवन गुर्जर व महबूब अली का कहना है कि सांसद सिर्फ वोट के समय क्षेत्र में दिखाई देते हैं और इस तरह जनता के साथ अमर्यादित भाषा का प्रयोग करना उनके हिटलर शाही रवैए को दर्शाता है। अगर गंगा एक्सप्रेस-वे का एलाइनमेंट बदलता है तो जल्द ही सरकार के खिलाफ आंदोलन व धरना प्रदर्शन शुरू होगा।
इस मौके पर मुख्य रूप से निशांत भड़ाना, विकास प्रथम गढ़, मोहित भड़ाना, नजर मोहम्मद, सलमान, शहजाद आदि मौजूद रहे।
सांसद ने डिप्टी सीएम को लिखा पत्र
सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने डिप्टी सीएम को पत्र लिखकर कहा कि खरखौदा के किसान आये थे। उनके द्वारा दिया गया ज्ञापन भेज रहा हूं।
ग्रामीणों का कहना था कि गंगा एक्सप्रेस-वे के लिये पहले किये गए एलाइनमेंट में जिन गांवों में खूंटिया लगा दी गई थी तथा बैनामे भी रोक दिये थे, अब उनको बदल कर नये एलाइनमेंट का प्रस्ताव किया गया है।
इस नये एलाइनमेंंट के गांवों में अभी तक बैनामे चल रहे हैं। इसे बदलने में अधिकारियों के द्वारा भ्रष्टाचार की आशंका दिख रही है। इस कारण इसकी जांच कराई जाए।
सीएम योगी तथा प्रभारी मंत्री से मिल करायेंगे जांच
एलाइनमेंट बदले जाने पर क्षेत्र के किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। जिसके चलते किसानों ने गांव-गांव जाकर नुक्कड़ बैठक की। एलाइनमेंट बदलवाने में क्षेत्रीय नेताओं पर आरोप लगाया है। भाजपा प्रभारी मंत्री व सीएम से मिलकर जांच कराने का निर्णय लिया है।
एलाइनमेंट को लेकर सांसद राजेन्द्र अग्रवाल तथा क्षेत्रीय विधायक से मिलने तथा उनके आश्वासन के बाद भी किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। जिसके चलते किसानों ने गांव काशी, सोलाना, नंगला पातू, खंदावली, खानपुर, धनोटा, बिजौली, खड़खड़ी, बधौली, अतराड़ा, लोटी आदि गांवों में नुक्कड़ बैठकें की गई।
जिसमें सभी किसानों ने एकजुटता दिखाते हुुए एलाइनमेंंट बदले जाने का विरोध किया और कहा कि जब एक्सप्रेस-वे का सरकार और यूपीडा का मन काशी टोल प्लाजा से निकालने का था। जहां से दिल्ली-देहरादून बाइपास हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड के लिए सुरक्षित और सुगमता से पहुंचा जा सकता है।
तब काशी सहित 32 गांवों की जमीन के बैनामे 14 माह पहले क्यों बंद किये गए। जबकि उन्ही गांवों में पिछले आठ-दस माह चले सर्वे का काम पूूूरा होने के बाद एलाइनमेंट भी लगभग फाइनल होने के साथ किस खसरा संख्या में कितने मीटर किस किसान की जमीन जा रही है।
लेखपालों द्वारा किसानों को ये भी बता दिया गया था। ऐसे में अचानक एलाइनमेंट बदलने जाने से भ्रष्टाचार की बू आ रही हैं। क्योंकि वहां पर मीट फैक्ट्री होने के कारण और काली नदी और कूड़े के बड़े-बड़े ढेर होने के कारण न तो वहां का पर्यावरण शुद्ध नहीं है और न ही वहां बैनामे बंद किये गए थे।
किसानों का कहना है कि बैनामे चालू होने की वजह से यहां जमीन घोटाला भी हो सकता है। किसानों का आरोप है कि इस एलाइनमेंट को बदलवाने तथा यहां से दिल्ली रोड को जोड़ने वाले आठ किमी के बनने वाले रिंग रोड दोनों में किसी नेता या नेता के सगे संबंधियों या अधिकारियों की जमीन भी आ रही है।
जिसकी वजह से एलाइनमेंट को बदलवाया गया। जिसकी जांच के लिए किसानों का एक दल जल्द ही प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर इसकी गहनता से जांच कराने की मांग करेंगे तथा दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग करेंगे।
इस मौके पर नरेश त्यागी, गजेंद्र सिंह, अशोक धनौटा, आशीष प्रधान, दीपक त्यागी, ऋषि प्रधान, बिजेन्द्र त्यागी, आशीष अतराड़ा, दीपांशु आदि किसान मौजूद रहे।
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