- संजीव गुप्ता और सचिन समेत चारों आरोपियों के घर पुलिस पहुंची
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: 60 करोड़ के एनसीईआरटी की निकली किताबों के मामले में परतापुर पुलिस ने पहली बार मुख्य आरोपी संजीव गुप्ता और सचिन गुप्ता समेत चारों आरोपियों के घर ताबड़तोड़ दबिशें दी, लेकिन कोई भी आरोपी हाथ नहीं लगा। वहीं, एनसीईआरटी ने अभी तक रिपोर्ट नहीं सौंपी है। संभवत सोमवार को रिपोर्ट मिल जाएगी।
एसटीएफ ने परतापुर के अच्छरौंड़ा स्थित गोदाम और गजरौला में छापा मारकर एनसीईआरटी की 15 लाख नकली किताबों को बरामद कर चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
मुख्य आरोपी संजीव गुप्ता, सचिन गुप्ता समेत चार लोग मौके से फरार हो गए थे। पुलिस पर आरोप लग रहे थे कि मुख्य आरोपी संजीव गुप्ता भाजपा का महानगर अध्यक्ष होने के कारण पुलिस उस पर हाथ नहीं डाल रही है।
इसको देखते हुए परतापुर पुलिस ने देर रात तीन बजे के करीब ठठेरवाड़ा स्थित संजीव गुप्ता और अंसल कालोनी स्थित सचिन गुप्ता के आवास पर छापा मारा लेकिन वहां मौके पर कोई नहीं मिला। पुलिस की दबिश से मौहल्ले में हड़कंप मच गया और लोग जब बाहर निकले तो पता लगा कि पुलिस की दबिश पड़ी है।
परतापुर इंस्पेक्टर आनंद मिश्रा ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिये दबिशें डाली गई है। 19 लाख किताबों के अलावा हजारों बिल और महत्वपूर्ण कागजों को पढ़ने में टाइम लग रहा है।
वहीं, एनसीईआरटी से तमाम सवालों के जबाव मांगे गए हैं। जिनके उत्तर मिलने के बाद ही जांच तेजी से आगे बढ़ेगी। वहीं, भाजपा में अभी भी इस घोटाले के कारण चर्चाएं चल रही है और कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस प्रकरण ने पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाया है।
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