- नवंबर-दिसंबर माह में 14 साये, तैयारियां तेज
- घोड़ी-बग्गी वालों को भी मिलेगा रोजगार
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कोरोना के कारण आर्थिक नुकसान से जूझ रहे मंडप संचालकों की इस बार नवंबर माह से ही बल्ले-बल्ले हो जायेगी। इस बार 14 नवंबर से साया शुरू हो जायेगा। पहले ही साये में मेरठ में दिन और शाम में मिलाकर एक ही दिन में करीब 600 शादियां होंगी। यह साया दिसंबर माह तक रहेगा। दोनों माह की बात करें तो मंडल संचालकों के पास किसी भी दिन साये के दौरान बुकिंग खाली नहीं हैं। मंडप संचालकों के साथ-साथ बैंडवालों और बग्गी वालों के चेहरे पर भी मुस्कान आई है। इसे लेकर उन्होंने अभी से तैयारी भी शुरू कर दी है।
कोरोना के कारण पिछले दो सालों में मंडप संचालकों के हालात किसी से छुपे नहीं है। शादियों मानों जैसे मंडपों में होनी ही बंद हो गई थी। मंडप संचालक काफी आर्थिक नुकसान से जूझ रहे थे। उन्हें बिना बुकिंग के ही मंडपों का बिजली का बिल व अन्य स्टाफ का खर्च उठाना पड़ रहा था। टेंट व्यवसायों ने तो अपना टेंट का सामान ही बेचना शुरू कर दिया था, लेकिन इस बार के सीजन से मंडप संचालकों और टेंट एसोसिएशन को काफी उम्मीदे हैं। मंडप संचालकों की मानें तो कोरोना के बाद पिछले दो साल में यह ऐसा सीजन है कि एक भी दिन मंडप खाली नहीं होगा। उनके पास अभी तक सभी बुकिंग फुल हो चुकी हैं।
दिन-रात की आई बुकिंग
मेरठ मंडप एसोसिएशन के महामंत्री विपुल सिंघल ने बताया कि 14 नवंबर से साया शुरू हो रहा है। जिसके बाद 16, 20, 21, 28, 29 और 30 में नवंबर में साया है। इसके बाद दिसंबर में दोनों माह में मिलाकर 14 साये हैं और एक भी दिन मंडपों में बुकिंग खाली नहीं है। पहले ही दिन 14 नवंबर को दिन और रात में ही 600 शादियां हैं। ऐसे में कोरोना को लेकर भी मंडपों में नियमों का पालन किया जायेगा। जो छूट दी गई है उसके हिसाब से ही कार्य किया जायेगा। लोन आदि में पूरी व्यवस्था की जायेगी। पिछले दो सालों से जो नुकसान मंडप संचालकों को उठाना पड़ा है। वह इस सीजन से काफी हद तक पूरा होने की उम्मीद है।
टेंट व्यापारियों ने ली राहत की सांस
टेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन अग्रवाल ने बताया कि पिछले कुछ सालों में टेंट व्यापारियों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। कुछ व्यापारियों ने तो अपना टेंट का सामान तक बेच दिया, लेकिन इस बार के साये से व्यापारियों को काफी उम्मीदें हैं। कोरोना न होने के कारण सभी लोग मंडप बुक करा रहे हैं और मंडपों के फुल होने के बाद टेंट भी बुक कराये जा रहे हैं। जिसे लेकर काफी व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि कोरोना के दौरान मजदूर भी वापस लौट आए हैं। अब मजदूरों की भी आवश्यकता पड़ रही है। इस बार सीजन से व्यापारियों को काफी राहत मिलने की उम्मीद है।
फिर बजेंगी शहनाइयां सजेगी बग्गी
न्यू जयहिंद बैंड के आॅनर और बैंड एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र धानक ने बताया कि पिछले दो सालों की बात करें तो मजदूर भी छोड़कर जा चुके थे और घोड़ा बग्गी वाले भी अपना सामान रखकर किसी अन्य कार्य में लग गये थे, लेकिन इस बार के साये से सभी समस्याओं का हल निकल जायेगा। जो लेबर छोड़कर जा चुकी थी, बुकिंग के चलते वह वापस बुला ली गई है। नवंबर और दिसंबर माह में सभी साये फुल हैं। बुकिंग लगातार आ रही है। ऐसे में घोड़ा बग्गी वालों से भी संपर्क किया जा रहा है। सबकुछ ठीक रहा तो यह सीजन कोरोना से पहले के सीजन से भी बेहतर साबित होगा।