- आखिर रंग लाई ‘जनवाणी’ की मुहिम
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: जनवाणी ने 29 अप्रैल के अंक में घंटाघर की घड़ी में वर्षों से बजे हैं, 12, नहीं देती पेंडूलम की टिक-टिक समाचार को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसमें जनवाणी की खबर पर निगम के अधिकारियों द्वारा संज्ञान लिया गया। जिसमें अब घंटाघर की घड़ी कई वर्षों के बाद फिर से चालू हो सकी है। जिसको लेकर स्थानीय लोग बेहद खुश है कि आखिर घंटाघर की बंद घड़ी फिर से चालू जो हो गई।
क्रांतिधरा पर घंटाघर की घड़ी जोकि मेरठ की आन-बान और शान कही जाती है। जोकि कई वर्षों से उपेक्षा के चलते बंद हालत में पड़ी हुई थी। जिसको लेकर स्थानीय लोगों के साथ निगम के अधिकारियों से बातचीत की और जनवाणी ने अपने 29 अप्रैल 2023 के अंक में इस समाचार को प्रमुखता से प्रकाशित किया।
जिसके बाद निगम के अधिकारियों के द्वारा इस बंद पड़ी घड़ी को फिर से चालू कराने का प्रयास किया गया। जिसमें सफलता अब जाकर मिल सकी। वर्षों से बंद पड़ी प्राचीन घंटाघर की घड़ी की सुर्इं आखिकर 12 बजे से आगे बढ़ सकी है। अब स्थानीय लोगों को घड़ी की टिक-टिक की आवाज सुनाई देती है, लेकिन वह दूर तक सुनाई नहीं देती, स्थानीय लोग आसानी से इस घड़ी में समय देख लेते हैं।