जनवाणी संवाददाता |
हस्तिनापुर: कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर महाभारत कालीन तीर्थ नगरी में बूढ़ी गंगा नदी किनारे आयोजित होने वाले गंगा मेले में अवैध वसूली का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ठेकेदार के गुर्गें नियमों की धज्जियां उड़ाकर दुकानदारों से नगर पंचायत के तय मानकों से चार गुना से भी अधिक वसूली की।
वसूली के दौरान विवाद भी हुए और दुकानदारों ने नगर पंचायत के अधिकारियों को इसकी जानकारी भी दी, लेकिन उनके कानों पर जूं नहीं रेंगी। अधिकारी विवाद होने पर समझौता कराकर कर्तव्यों की इतिश्री कर लेते हैं। इससे ठेकेदार के गुर्गों का मनोबल और भी बढ़ गया है।
बता दें कि कार्तिक पूर्णिमा में अवसर पर महाभारत कालीन तीर्थ नगरी से होकर गुजरने वाली बूढ़ी गंगा नदी किनारे विशाल मेले का आयोजिन किया जाता है। जिसमें विभिन्न जनपदों से आये श्रद्धालु दीपदान और स्नान कर पितृों की आत्मा शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। मेले आयोजन की जिम्मेदारी सालों से नगर पंचायत के कंधों पर रहती है।
जिसके लिए नगर पंचायत मेले आयोजन से मेले में आने वाले दुकानदार से वसूली का ठेका छोड़ती है। जिसके लिए वसूली के मानक भी तय किया जाते हैं। नगर पंचायत ने मेला आयोजन से पूर्व दुकानदारों से अधिकतम 151 रुपये फीट की वसूली का रेट रखा। जिस पर सभी दुकानदार सहमत भी हो गये, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
ठेकेदार और उसके गुर्गों ने मेला आयोजन से पूर्व ही अवैध वसूली का सिलसिला शुरू कर दिया। दुकानदारों ने नगर पंचायत अधिकारियों को इसकी जानकारी दी तो उन्होंने कार्य का आदेश न दिये जाने का हवाले देकर पल्ला झाड़ लिया। जिसके बाद ठेकेदार व उसके गुर्गों ने अवैध वसूली का सिलसिला और भी बढ़ा दिया। सूत्रों की माने तो शुक्रवार देर रात ठेकेदार और उसके गुर्गों ने नगर पंचायत के तय रेट से चार गुना अधिक वसूली की।
दुकानदारों ने विरोध करते हुए नगर पंचायत अधिकारियों से इसकी शिकायत करनी चाही तो नगर पंचायत का कैम्प कार्यालय खाली मिली और अधिकारियों ने फोन तक उठना उचित नहीं समझा। उधर, एसडीएम मवाना अमित गुप्ता का कहना है कि मामला संज्ञान में नहीं है। न किसी दुकानदार द्वारा ऐसी कोई शिकायत की गई है। इसके बाद भी जल्द ही मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
दुकानदारों ने सुनाया दु:खड़ा
मेले में प्रतिवर्ष आने वाले मुजफ्फरनगर निवास प्रदीप के साथ कई अन्य दुकानदारों का कहना है कि वे प्रतिवर्ष मेले में आइसक्रीम की दुकान लगाते आ रहे हैं, लेकिन इस जैसी वसूली कभी नहीं की गई। ठेकेदार और उसके गुर्गों ने उनसे 400 रुपये फीट से लेकर 600 रुपये फीट तक की वसूली की और रसीद मांगने पर उनसे विवाद का प्रयास किया।
मुजफ्फरनगर के खतौली निवासी विपिन, सुनील, सुखबीर, अनिल आदि सहित दर्जनों दुकानदारों का कहना है कि कोरोना की मार के बाद इस बार कर्ज पर पैसे लेकर मेले में परिवारों को साथ लेकर दुकानें लाई थी, लेकिन कमाई तो दूर की बात ठेकेदार की वसूली ने ही उनकी कमर तोड़ दी।
ठेका छोड़ते समय नगर पंचायत में 151 रुपये फीट वसूली की बात की गई, लेकिन शुक्रवार की रात ठेकेदार और उसके गुर्गों मारपीट तो उतारू हुई ही साथ में 400 से 600 रुपये फीट की वसूली भी की।