- समर गार्डन विस्फोट में इंतजार के नसीब में आई बर्बादी, घर के सपने खंडहर में तब्दील
- मास्टर माइंड मुस्तकीम और भाई यूनुस गिरफ्तार
- एक दूसरे पर आरोप लगाने में लगे दोनों भाई
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: इंसान लाखों रुपये खर्च करके मकान बनाता है और किसी कारण से मकान टूट जाए तो मेहनत मजदूरी करके फिर से खड़ा कर लेता है, लेकिन घर उजड़ जाए तो उसे बसाने में कई सदियां लग जाती है। ऐसा ही कुछ समर गार्डन 60 फुटा रोड पर रहने वाले इंतजार के साथ हुआ। खुशियों की पहचान पटाखों ने उसके परिवार की खुशियों में ऐसा विस्फोट कर दिया कि अब उसके घर के सपने खंडहर में तब्दील हो गए।
वक्त इंसान से कब क्या करा ले, यह कहा नहीं जा सकता है। रुपयों का ढेर पास में होने के बाद भी इंसान भीख मांगता रहता है। समर गार्डन में जिस मकान को पटाखों की बारूद ने जमींदोज कर दिया है उस घटना से एक दिन पहले इंतजार ने अपनी तीन बेटियों शगुफ्ता, शमीमा और फहीमा से कहा था कि अगले महीने बिजनेस को और आगे बढ़ाया जाएगा। इसके लिये पैसों की व्यवस्था हो गई है।
ससुराल से आई दो बेटियों शगुफ्ता और शमीमा ज्यादा उत्साही थी। इनके साथ इनके बच्चे भी नाना से फरमाइश करने लगे थे। इंतजार की पत्नी की पहले ही मौत हो गई थी। तीनों बेटियों के आने से परिवार में खुशियां भर जाती थी। किसी को नहीं पता था कि इंतजार का दोस्त कम दुश्मन घर के सपनों को चकनाचूर करने के लिये एक अलग रास्ते पर चल रहा है।
शगुफ्ता ने चाय बनाने के लिये जैसे ही गैस सिलेंडर का रेगुलेटर खोला तो उससे गैस रिस रही थी, उसने ध्यान नहीं दिया जैसे ही लाइटर चलाया तो सिलेंडर तेजी से फटा और उसने तबाही मचाई तभी आग की लपटें वहां रखे बारुद तक पहुंच गई और देखते-देखते जहां इंतजार का मकान ढह गया। वहीं पूरा घर उजड़ गया।
पुलिस के डर से बचने के लिये इंतजार भागता फिर रहा था। इस बीच उसे पता चला कि लाड़ली बेटी शमीमा का इंतकाल हो गया और शगुफ्ता झुलसी हुई है। शगुफ्ता के बच्चे मुस्कान रोजी उर्फ रजिया उजार और अरहान सभी बच्चे घायल है। उपचार के लिए मेडिकल में भर्ती कराया है और वही सुनील शर्मा, सुहेल पुत्र यूनुस अरहान की हालत बेहद गंभीर है और उनका दिल्ली में इलाज चल रहा है।
मौत का शिकार हुई शमीमा के बच्चे जिकरा व नसरा अपनी दादा के घर औरंगाबाद में है। जेल जाने से पहले इंतजार ने रोते हुए कहा था कि अगर वो मुस्तकीन को पटाखों की इजाजत न देता तो उसके घर को आज आग न लगती। जो भी खंडहर के सामने से निकलता है, बस यही कहता है किसी का पाप किसी के घर की बर्बादी का कारण बन गया।
थोड़े मुनाफे के लिये जिंदगी का सौदा
थोड़े से मुनाफे के लिये दो भाइयों ने कई जिंदगियों का सौदा कर दिया। समर गार्डन में बारूद के विस्फोट से जमींदोज हुए मकान से एक महिला की मौत हो गई और सात लोग घायल हो गए थे। पुलिस ने विस्फोट के सूत्रधार बागपत निवासी मुस्तकीम और उसके भाई युनुस को गिरफ्तार कर लिया है। अब दोनों भाई एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। मुस्तकीम के परिवार के चार भाईपटाखे बनाने के काम में लगे हुए हैं और कई राज्यों में इसकी सप्लाई भी करते हैं।
समर गार्डन के जिस मकान में सिलेंडर फटने के बाद बारूद में आग लगने से तबाही हुई उसके लिये बागपत के मुस्तकीम को जिम्मेदार माना जा रहा है। पुलिस का कहना है कि मुस्तकीम ही बारूद लाकर पटाखे बनाकर मेरठ समेत कई जनपदों में सप्लाई किया करता था।
पुलिस की इस बात में दम लग रहा था, लेकिन जैसे ही पुलिस ने अगले दिन युनुस के धर्मकांटे के तहखाने से इसके पास से बरामद पांच प्लास्टिक के कट्टे पोटाश से भरे हुए,एक प्लास्टिक का ड्रम रंग नीला लगभग 30 किलोग्राम गंधक से भरा। 10 खाली कारटून जिन पर स्टीकर लगा हुआ और लगभग 1000 माचिसनुमा पैकिट मार्का पटाखे मिले हैं। लिसाड़ीगेट पुलिस ने मकान मालिक इंतजार उर्फ इंतु पुत्र अब्दुल रशीद को गिरफ्तार करके उसको जेल भेज दिया गया।
गुरुवार को गिरफ्तार मुस्तकीम और युनुस से पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो मुस्तकीम साफ मुकर गया कि उसका बारूद से कोई लेना देना नहीं है। यह काम उसका भाई युनुस करता है और इसी कारण से उसका बेटा सुहैल गंभीर रूप से घायल हुआ है। पुलिस ने जब यूनुस से पूछा तो उसने भी सारा ठीकरा मुस्तकीम के सिर मढ़ दिया। पुलिस को प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि मुस्तकीम ने बताया है कि पटाखों का धंधा यूनुस देखता है।
हम तीनों भाई उसका सहयोग करते थे। राजस्थान और उत्तराखंड के हरिद्वार में चारों भाइयों के पटाखों के कारखाने हैं। बागपत और मेरठ में भी बड़े पैमाने पर पटाखा बनाकर बेचते थे। मुस्तकीम के बारे में यह भी जानकारी की जा रही है कि कहीं वह देशविरोधी गतिविधियों में तो शामिल नहीं है।
मुस्तकीम, उसके भाई यूनुस, याकूब और सलीम पटाखों का धंधा करते हैं। इन भाइयों की गांव में बीस बीघा जमीन है और र्इंट भठ्ठे का काम भी करते है। पुलिस ने बताया कि मुस्तकीम गांजे का काम भी करता है और एक बार असम से आते समय उसका ट्रक भी पकड़ा गया था फिलहाल पूरा परिवार आतिशबाजी बनाने के काम में लगा हुआ था।