Monday, July 8, 2024
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तिरंगे के साये में हुआ शहीद अंकित चौधरी का अंतिम संस्कार

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  • अश्रुपूरित नेत्रों से हजारों लोगों ने अंतिम यात्रा में शामिल होकर दी श्रद्धांजलि
  • गगनभेदी नारों से शहीद का स्वागत अंकित का तिरंगे में लिपटा शव देखकर बिखल उठी पत्नी, मां और पिता भी जार-जार रोये

जनवाणी संवाददाता  |

मुजफ्फरनगर: असम के नक्सल प्रभावित इलाके कोकराझार में अभियान के दौरान गोलियां लग जाने से शहीद हुए मुजफ्फरनगर के लाल अंकित चौधरी का शनिवार को गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार कर दिया गया। सवेरे से ही अंकित के शव का उसके परिजनों के साथ ही सैंकड़ों लोग इंतजार कर रहे थे।

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दिल्ली से दोपहर बाद उसका शव पैतृक आवास पर पहुंचा तो युवाओं ने जोशीली नारेबाजी की, वहीं परिजनों का मातम देखकर हर आंख नम हो गयी। पत्नी का करूण क्रंदन देखकर सभी का कलेजा मुंह को आ गया। गुरूवार की रात जबसे अंकित को गोली लगने की सूचना परिवार को मिली थी, कोई आंख सोई नहीं।

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इसके बाद शहीद की अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल रहे। भारत माता के जयघोष के बीच शहीद जवान का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ कर दिया गया और तिरंगा में लिपटा अंकित देश पर बलिदान होकर दुनिया से विदा हो गया।

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शहर के मौहल्ला दक्षिणी कृष्णापुरी निवासी पूर्व सभासद मुनेश देवी और भाजपा नेता प्रमोद बालियान का छोटा पुत्र अंकित चौधरी साल 2013 में सशस्त्र सीमा बल एसएसबी में बतौर हवलदार भर्ती हुआ था। वह तीन साल से असम के कोकराझार में तैनात था। गुरूवार की रात एसएसबी के अफसरों के एक फोन से प्रमोद बालियान के परिवार में कोहराम मचा दिया। अफसरों ने अंकित के भाई मोनू बालियान को सूचना दी थी कि अंकित को अभियान में गोलियां लगी है।

उसको अस्पताल ले जाया जा रहा है। शुक्रवार सुबह अंकित के उपचार के दौरान मौत होने की सूचना मिला तो शोक छा गया। अंकित की शहादत के बाद से ही परिवार सोया नहीं, सभी का रो रोकर बुरा हाल हो रहा है। पूर्व सभासद मुनेश देवी के बेटे अंकित चौधरी की मौत के बाद कृष्णापुरी में शनिवार को भी गम का माहौल बना नजर आया।

दिल्ली से एसएसबी के अफसर तिरंगे में लिपटा अंकित चौधरी का शव लेकर जैसे ही शहर में पहुंचे तो लोगों ने गगनभेदी नारों के साथ शहीद अंकित का स्वागत किया। इसके बाद शव उनके पैतृक आवास पर पहुंचा तो परिवार के लोग बिलख पड़े। एसएसबी के जवानों ने अंकित के शव को घर की दहलीज में उतारा तो अंकित की पत्नी के साथ ही परिजनों ने उसके अंतिम दर्शन किये।

यहां पर परिवार का मातम देखकर सभी की आंखों में पानी उतर आया। यहां मौजूद भाकियू के अध्यक्ष चौ. नरेश टिकैत, सपा नेता राकेश शर्मा ने शहीद के शव पर पुष्प अर्पित करते हुए श्र(ांजलि दी। इसके पहले सवेरे पूर्व मंत्री चौ. योगराज सिंह, रालोद नेता प्रभात तोमर के साथ ही अन्य राजनेता पहुंचे थे। गत दिवस नगरपालिका परिषद् की अध्यक्ष अंजू अग्रवाल ने घर पहुंचकर शोक संवेदना व्यक्त की थी। मां और पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल था तो पिता भी टूटा नजर आया।

बहन मोनिका भी परिजनो भाई का शव देखकर विलाप कर रही थी। इसके बाद तिरंगे में लिपटे अंकित चौधरी की अंतिम यात्रा प्रारम्भ हुई। काली नदी के पास शमशान घाट पर अंकित का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान हजारों नम आंखों ने अंकित को सलामी पेश करते हुए दुनिया से विदाई दी। युवा हाथों में तिरंगा लिये इस शहीद की अंतिम यात्रा में शामिल हुए थे।

बता दें कि दक्षिणी कृष्णापुरी निवासी प्रमोद बालियान मूल रूप से मुकुंदपुर गांव के रहने हैं। परिवार में पत्नी मुनेश देवी, बेटा मोनू, अंकित चौधरी, बेटी मोनिका, पुत्रवधू शिवानी और पौत्री तन्वी और अन्वी है। वहीं बेटे के शहीद होने पर पिता का भी रो-रोकर बुरा हाल है। मोनू ने बताया कि उसका भाई अंकित एक अप्रैल 2013 को सेना में हवलदार के पद पर भर्ती हुआ था। अंकित की शादी सरधना क्षेत्र के गांव भलसोना की शिवानी से सात दिसंबर 2016 को हुई थी। उसकी दो बेटियां हैं।

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