नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को सर्वपितृ अमावस्या कहा जाता है। इस दिन पितृ पक्ष का समापन होता है और भूले-बिसरे पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध किया जाता है। लेकिन सर्वपितृ अमावस्या के दिन इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण भी है।
हिन्दू धर्म में सूर्य ग्रहण का विशेष महत्व होता है। सूर्य ग्रहण की अवधि के दौरान शुभ कार्य और पूजा-पाठ नहीं करना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि इन कार्यों को करने से शारीरिक और मानसिक सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इस बार सर्वपितृ अमावस्या 02 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण भी है। तो आइए जानते हैं इस ग्रहण का असर कब और कहां दिखाई देगा?
इस दिन लगेगा सूर्य ग्रहण
हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन माह की अमावस्या यानी 02 अक्टूबर को वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण है।
सूर्य ग्रहण का असर कहां दिखेगा
इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण सर्वपितृ अमावस्या पर लगेगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसी वजह से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। सूर्य ग्रहण पेरू, फिजी, प्रशांत महासागर, आर्कटिक और दक्षिणी अमेरिका समिति आदि देशों में देखने को मिलेगा।
सूर्य ग्रहण के समय न करें ये काम
सूर्य ग्रहण के समय पूजा-पाठ करना वर्जित है, लेकिन आप मन ही मन में किसी भी प्रभु के नाम का जप कर सकते हैं। इस दौरान गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जप करना फलदायी साबित होता है। मान्यता है कि ऐसा करने से ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव से बचाव होता है। ग्रहण में भोजन, दूध, लस्सी, पनीर समेत अदि चीजों में तुलसी का पत्ता या कुश डाल देना चाहिए। ऐसा करने से यह चीजें सूर्य ग्रहण के प्रभाव से मुक्त हो जाती हैं। इसके बाद श्रद्धा अनुसार गरीब लोगों में अन्न, धन और वस्त्र का दान करना चाहिए।