- रुयत ए हिलाल कमेटी की बैठक में हुआ ऐलान
- 10 जुलाई को मनाया जाएगा बकरीद का त्योहार
- दिल्ली, हैदराबाद और कोलकाता से मिली चांद की गवाही
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: ईद-उल-अजहा (बकरीद) का त्योहार 10 जुलाई को मनाया जाएगा। इसकी घोषणा गुरुवार देर शाम रुयत ए हिलाल (चांद) कमेटी की बैठक में की गई। चांद दिखने की तस्दीक आॅल इण्डिया मिल्ली काउंसिल के शहर अध्यक्ष कारी शफीकुर्रहमान कासमी ने भी कर दी है।
चांद के दीदार को लेकर शाम मगरिब की नमाज के बाद चांद कमेटी की बैठक गुदड़ी बाजार स्थित ऊंची मस्जिद में नायाब शहर काजी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। मेरठ के आसमान में बादल छाए होने के कारण यहां चांद का दीदार नहीं हो पाया। इसके बाद जमीयत उलेमा ए हिन्द के दिल्ली स्थित कार्यालय में सम्पर्क किया गया। यहां से चांद दिखने की तस्दीक (सूचना) कर दी गई। इसके अलावा पटना, हैदराबाद, कोलकाता व गुजेरात भी सम्पर्क किया गया। यहां भी चांद दिखाई देने की सूचना प्राप्त हुई।
बैठक में मौलाना शाहनावाज, मुफ्ती सैफुल्लाह, हाजी इमरान सिद्दीकी, हाफिज इमरान, मौलाना कुर्बान, हाजी शीराज रहमान व मुजाहिद सिद्दीकी मुख्य रुप से मौजूद थे। उधर, मिल्ली काउंसिल के शहर अध्यक्ष कारी शफीकुर्रहमान कासमी ने भी दिल्ली व देवबंद सहित देश के विभिन्न शहरों में उलेमाओं से सम्पर्क कर चांद की स्थिति पर विचार किया। इसके बाद उन्होंने भी देर शाम चांद होने का ऐलान कर दिया। इसके अलावा बाले मियां वक्फ के मुतवल्ली मुफ्ती अशरफ ने बताया कि यहां पर ईद की नमाज का वक्त शुक्रवार को तय होगा।
शाही ईदगाह मेें 7:30 बजे होगी ईद की नमाज
उधर, शाही ईदगाह में बकरीद की नमाज सुबह साढ़े सात बजे होगी। यह फैसला ईदगाह कमेटी के पदाधिकारियों की बैठक में लिया गया। बैठक के बाद ईदगाह के मुतवल्ली सलमान सब्जवारी ने बताया कि ईद की नमाज का वक्त तय कर दिया गया है और इससे शहर काजी को भी अवगत करा दिया गया है। बैठक में शहर कारी शफीकुर्रहमान, रऊ उल हसन अंसारी, अलाउद्दीन, तनसीर अहमद, डा. अब्दुल माजिद, एम यासीन व सगीर मुख्य रुप से मौजूद थे।
हापुड़ रोड नहीं अब कमेले के गोदामों में लगेगी पैंठ
पिछले कई सालों से हापुड़ रोड पर लगती आ रही जानवरों की पैंठ इस बार पुराने कमेले के गोदामों में लगाई जाएगी। इसकी जिम्मेदारी तीन लोगों को दी गई है। इन तीनों लोगों ने वहां विभिन्न गोदामों को किराए पर लिया है जिसमें अब यह जानवरों की पैंठ लगाई जाएगी।
उधर प्रशासन से मांग की गई थी कि नौचंदी मैदान की जगह पैंठ के लिए उपलब्ध करा दी जाए। जिसे प्रशासन ने शासनादेश का हवाला देते हुए निरस्त कर दिया। इसके बाद इन लोगों ने कमेले की जमीन की मांग की, लेकिन चूंकि यह भी सरकारी जमीन है इसलिए प्रशासन ने इस पर भी हाथ खड़े कर दिए। गौरतलब है कि शासनादेश के अनुसार सरकारी भूमि पर कोई पैंठ नहीं लगाई जा सकती।
इसके बाद पुराने कमेले में बने गोदामों का प्रस्तावा प्रशासन के समक्ष रखा गया जिसे अधिकारियों ने स्वीकार कर लिया। इस पैंठ की जिम्मेदारी जिन लोगों को दी गई है। उनमें कांग्रेस नेता सलीम खान, दिलशाद शौकत व रिजवान शामिल हैं। सलीम खान ने बताया कि यहीं तीनों लोग इस पैंठ की जिम्मेदारी संभालेंगे। बकौल सलीम खान पुराने कमेले के पास लगभग आधा दर्जन गोदामों को किराए पर लिया गया है। और यह सभी गोदामों की जमीन लगभग 15 हजार गज है।
गोदामों में पैंठ लगाने से पैदा हो सकती हैं दिक्कतें: प्रशासन ने कमेले के गोदामों पर पैंठ लगाने की इजाजत तो दे दी, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि यहां पैंठ के दौरान कई समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं। सबसे बड़ी बात यह कि यहां पर पुल के निर्माण का कार्य चल रहा है जिस कारण हापुड़ रोड पर आवागमन काफी हद तक बंद है। इससे पुल के दूसरी ओर की आबादी को कमेले के गोदामों तक पहुंचने में काफी परेशानी आएगी। इसके अलावा कमेला रोड काफी कंजस्टड है जिस कारण यहां जाम की गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है।