Sunday, September 8, 2024
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सिटी रेलवे स्टेशन के लिए बनीं योजनाएं नहीं चढ़ पाईं परवान

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  • अमृत स्टेशन योजना बांध रही शहर के रेलवे स्टेशन को आधुनिक बनाने की उम्मीद

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: अंग्रेजों के शासनकाल में करीब 111 साल पहले बनाए गए मेरठ सिटी स्टेशन को एक सदी से अधिक समय गुजर जाने के बाद यात्रियों के लिए विभिन्न आधुनिक सुविधाओं की दरकार है, लेकिन मेरठ क्षेत्र का दुर्भाग्य रहा है कि यहां के लिए योजनाएं तो कई बार बनीं, लेकिन उन्हें अमली जामा नहीं पहनाया जा सका है। एक बार फिर मेरठ सिटी स्टेशन को अमृत स्टेशन योजना में शामिल किए जाने के बाद नई उम्मीद जरूर जागी है।

मेरठ सिटी स्टेशन की स्थापना वर्ष 1912 में अंग्रेजी शासन काल के दौरान की गई थी। अगर 111 वर्ष पहले की बात की जाए तो उस समय यह स्टेशन काफी खुल खुल रहा है। लेकिन एक शताब्दी से अधिक समय गुजर जाने के बाद मेरठ जिले की आबादी 34 लाख 44 हजार से अधिक हो चुकी है। इस दौरान मेरठ सिटी स्टेशन से होकर प्रतिदिन 72 ट्रेनों का आगमन प्रतिदिन होता है। जिनमें 35 अप और 37 डाउन ट्रेन शामिल हैं। इसके अलावा मेरठ सिटी स्टेशन पर बनाए गए पांच प्लेटफार्म से होकर कई दर्जन मालगाड़ियां प्रतिदिन गुजरती हैं।

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मेरठ रेलवे स्टेशन के आंकड़ों के अनुसार यहां प्रतिदिन 16500 यात्रियों की आवाजाही होती है। 111 साल की अवधि में सिटी स्टेशन पर हालांकि निर्माण कार्य होते रहे, और बदलते समय के साथ-साथ ट्रेन संचालन के संबंध में सभी आधुनिक मशीनों को यहां स्थापित भी किया गया है, लेकिन स्टेशन की बिल्डिंग साफ संकेत दे रही है कि इसमें आज के समय के अनुसार बहत सारे बदलाव किए जाने की आवश्यकता है। मेरठ सिटी स्टेशन की वर्तमान स्थिति यह है कि यात्रियों की बढ़ती भीड़ के समक्ष यहा मौजूद सुविधाएं बौनी साबित रह गई हैं। यही कारण है कि दिन भर 16500 यात्रियों की आवाजाही का भार वहन करने में स्टेशन पर मौजूद स्टाफ के पसीने छूटते रहते हैं।

स्टेशन अधीक्षक आरपी सिंह बनाते हैं कि समय समय पर विभाग की ओर से मेरठ सिटी स्टेशन को आधुनिक बनाने के लिए सर्वे कराया जाता है। इसी क्रम में वर्ष 2023 के आरंभ में मेरठ सिटी स्टेशन को एयरपोर्ट की तर्ज पर अत्याधुनिक बनाने की तैयारी शुरू की गई। जिसके लिए अधिकारियों की टीम ने सर्वे करते हुए पहले करीब 150 करोड़ रुपये का इस्टीमेट बनाया, हालांकि इस योजना को पहले चरण में हरी झंडी नहीं मिल सकी। जिसके कारण फरवरी से लागू होने वाली यह योजना फिर अधर में लटककर रह गई। इस बीच करीब एक माह पूर्व राज्यसभा में सांसद डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने मेरठ सिटी स्टेशन को लेकर सवाल उठाए थे।

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उनके तारांकित प्रश्न के जवाब में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की, कि मेरठ सिटी रेलवे स्टेशन को अमृत भारत स्टेशन के तौर पर विकसित किया जाएगा। रेल मंत्री ने कहा कि रेल मंत्रालय ने अमृत भारत स्टेशन योजना शुरू की है। मेरठ सिटी रेलवे स्टेशन को भी इसमें शामिल किया गया है। स्टेशन का मास्टर प्लान तैयार कर विभिन्न चरणों में विकास किया जाएगा। एक सप्ताह पूर्व सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने मीडिया से बातचीत करते हुए योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। जिससे यह बात भी स्पष्ट हो गई कि पूर्व में किए गए सर्वे और बनाए गए 150 करोड़ रुपये की परियोजना अब औचित्यहीन होकर रह गई है। इसके स्थान पर अमृत स्टेशन योजना लागू होगी, जिसका बजट 150 के स्थान पर 280 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।

ये है अमृत स्टेशन योजना

सरकार की ओर से वर्ष 2009 में मॉडल स्टेशन योजना की घोषणा की गई थी, जिसका उद्देश्य छोटे स्टेशनों का सौंदर्यीकरण और विकास करना था। अमृत भारत स्टेशन योजना इसी कड़ी में बनाई गई एक विकास योजना है। अमृत भारत स्टेशन योजना रेल यात्रियों की यात्रा अनुभव को पूरी तरह से बदल देगा। प्रकाश व्यवस्था में सुधार से यात्रियों की सुरक्षा में बदलाव आएगा। यात्री अपनी सुरक्षा की चिंता किए बिना आराम से रात में ट्रेनों में चढ़ और उतर सकते हैं। इसकी मदद से देश में मौजूदा छोटे रेलवे स्टेशन का नवीनीकरण किया जाने वाला है।

इससे यात्री और भी सुविधाजनक रूप से यात्रा कर पाएंगे। वहीं अमृत भारत स्टेशन योजना लिस्ट में शामिल स्टेशन का आधुनिकीकरण भी किया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य रेल्वे स्टेशनों का आधुनिकीकरण और सुविधाओं में सुधार करना है। परियोजना के तहत 1000 से अधिक स्टेशनों को दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य में विकसित करने के लिए एक मास्टर प्लान प्रदान किया जाएगा। जोनल रेलवे की ओर से पुनर्विकास किए जाने वाले स्टेशनों का चयन किया जाएगा। इसका उद्देश्य न्यूनतम आवश्यक सुविधाओं से परे संरचनाओं का निर्माण करना और रूफ प्लाजा, कैफेटेरिया, सिटी सेंटर और रेलवे स्टेशन परिसरों का विकास करना है।

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योजना के अंतर्गत स्टेशन के आसपास की सड़कों को चौड़ा किया जाएगा, जिससे की यात्रियों को स्टेशन पहुंचने में परेशानी का सामना न करना पड़े। स्टेशन तक आसानी से पहुंचने के लिए पैदल यात्रियों के अनुकूल रास्ते बनाए जाएंगे। पार्किंग एरिया को फिर से डिजाइन किया जाएगा। स्टेशन परिसर के भीतर उचित संकेत और बेहतर प्रकाश व्यवस्था स्थापित की जाएगी। यात्रियों को स्टेशनों पर मुफ्त वाई-फाई की सुविधा मिलेगी। वेटिंग रूम, प्लेटफॉर्म, रिटायरिंग रूम और कार्यालयों में बेहतर फर्नीचर लगाया जाएगा।

इससे यात्रियों को आराम मिलेगा और वह ट्रेन के जरिये सुखद यात्रा कर सकेंगे। इसमें 5जी टावर लगाने के प्रावधान पर भी विचार किया जाएगा। ट्रेन व स्टेशन के शौचालय को साफ और बेहतर किया जाएगा। भारतीय रेलवे बोर्ड के नियमों और विनियमों के अनुसार विकलांग व्यक्तियों को प्रदान की जाने वाली सुविधाओं में सुधार होगा। आईआरसीटीसी को ट्रेनों में खानपान सेवाओं का नया मेन्यू निर्धारित किया जाएगा। यात्रियों को रीजनल खाना, मौसमी भोजन मिल सकेगा।

अमृत स्टेशन योजना के पहले चरण में मेरठ का चयन नहीं हो सका है। उम्मीद है कि दूसरे चरण में मेरठ स्टेशन को शामिल किया जाएगा। जिसके लिए करीब 280 करोड़ रुपये के बजट से स्टेशन पर सभी आधुनिक सुविधाएं मिल सकेंगी। जिनमें एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं देने का प्रयास किया जाएगा। जिनमें कॉनकोर्स बनाने, प्रवेश-निकास के अलग-अलग द्वारा बनाने, साधारण और एसी वेटिंग रूम को उच्चीकृत करने, टिकट विंडो के पास लॉज बनाने, प्रकाश और सुरक्षा के पर्याप्त साधन उपलब्ध कराने की योजना है। -आरपी सिंह, स्टेशन अधीक्षक, सिटी रेलवे स्टेशन

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