- पंजाब कांग्रेस में नहीं थम रही उठापटक
- सुनील जाखड़ ने नहीं दिया नोटिस का जवाब
- नई सियासी राह अख्तियार कर सकते हैं जाखड़
- महासचिव तारिक अनवर बोले. कार्रवाई होगी
चंडीगढ़ |
जनवाणी ब्यूरो: करारी शिकस्त और सत्ता गंवाने के बावजूद पंजाब कांग्रेस में उठापटक खत्म होने का नाम नहीं ले रही। पार्टी के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ का रवैया इशारा कर रहा है कि इस कद्दावर नेता की राहें भी कांग्रेस से जुदा हो सकती है।
जाखड़ ने हाईकमान के नोटिस का जवाब नहीं दिया। इसकी एक सप्ताह की मियाद सोमवार को खत्म हो गई। जिसके बाद सख्त रुख दिखाते हुए कांग्रेस हाईकमान उनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी में है। उन्हें नोटिस भेजने वाले कांग्रेस महासचिव तारिक अनवर ने कहा कि सुनील जाखड़ को एक हफ्ते का समय दिया था। यह समय बीत चुका है।जो भी संवैधानिक परंपरा है, उस हिसाब से उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
चरण जीत चन्नी को के खिलाफ बयानबाजी को लेकर जाखड़ के खिलाफ नोटिस जारी किया गया था । जाखड़ को दिल्ली भी तलब किया जा सकता है। हालांकि पार्टी के रवैये से खिन्न जाखड़ पार्टी भी छोड़ सकते हैं। सक्रिय पॉलिटिक्स से वह पहले ही किनारा कर चुके हैं। जाखड़ को पूर्व सीएम चरणजीत चन्नी के बारे में विवादित टिप्पणी को लेकर नोटिस जारी हुआ था।
सुनील जाखड़ ने दावा किया कि कैप्टन को हटाने के बाद सबसे ज्यादा विधायक उनके समर्थन में थे इसके बावजूद हिंदू होने की वजह से उन्हें दरकिनार कर चन्नी को सीएम बनाया गया
लगातार अनदेखी से खफा जाखड़
कांग्रेस ने पंजाब में फिर सिख.हिंदू के सियासी संतुलन के लिए भारत भूषण आशु पर दांव खेला है। लुधियाना के दिग्गज हिंदू नेता और सरकार में मंत्री रहे आशू को वर्किंग प्रधान बनाया गया है। वह पंजाब प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के साथ काम करेंगे। हालांकि आशू को भी जाखड़ ग्रुप का ही माना जाता है। बताया जाता है कि राहुल गांधी तक प्रमोट कर मंत्री पद पर पहुंचाने के पीछे जाखड़ को ही माना जाता है।