- बिना अनुमति के व्यवसायिक गतिविधियां हर रोज हो रही संचालित
- 22-बी से नहीं वसूला जा रहा किसी भी तरह का व्यवसायिक टैक्स
- कैंट बोर्ड अधिकारियों की भूमिका भी लग रही संदिग्ध, उठा रहे सवाल
- बड़ा सवाल: आखिरकार 22-बी पर क्यों नहीं हो रही सख्त कार्रवाई
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कैंट बोर्ड में कई अधिकारी आये और चले गए, लेकिन 22-बी पर कानून कार्रवाई नहीं हुई। कागजों में भले ही 22-बी पर सील लगी हैं, लेकिन मौके पर रिसोर्ट चल रहा हैं। व्यवसायिक गतिविधियां यहां हर रोज संचालित हो रही हैं, जिसकी कोई अनुमति नहीं हैं। किसी तरह का व्यवसायिक टैक्स भी वसूला नहीं जा रहा हैं। तमाम नियमों के विरुद्ध 22-बी चल रहा हैं। इस पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही हैं, यह बड़ा सवाल है। कैंट बोर्ड के अधिकारियों की भूमिका पर भी मामले को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। आखिर कब होगी कार्रवाई, इसी इंतजार में हैं।
दरअसल, बाउंड्री रोड पर स्थित है 22-बी। यह कागजों में आवासीय बिल्डिंग हैं, जिसमें नियमों के अनुसार देखा जाए तो कोई भी व्यवसायिक गतिविधियां संचालित नहीं हो सकती, मगर यहां बर्थ-डे पार्टी हो या फिर अन्य कार्यक्रम, सभी किये जा रहे हैं। व्यवसायिक गतिविधियां संचालित करने के लिए बिल्डिंग का पहले व्यवसायिक टेक्स देना होता हैं, जो आवासीय टैक्स से दोगुना होता हैं। फिर कैंट बोर्ड का लॉ कहता है कि आवासीय में कोई भी व्यवसायिक गतिविधियां नहीं चलाई जा सकती हैं।
ऐसा एक भी मामला है तो कानून कैंट बोर्ड को पहले एक लाख का जुर्माना करना होता हैं, यदि इसके बाद भी व्यसायिक गतिविधियां संचालित हो रही है तो फिर उस पर दस हजार रुपये प्रतिदिन जुर्माना लगाया जाता हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि कैंट बोर्ड ने यह नियम बना तो रखा हैं, लेकिन नियम लागू नहीं किया। 22-बी आवासीय बिल्डिंग आॅन रिकॉर्ड हैं, लेकिन वर्तमान में व्यवसायिक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।
इसके लिए जिम्मेदार कैंट बोर्ड के सीईओ ही नहीं, बल्कि डीईओ भी जिम्मेदार हैं। क्योंकि आवासीय बिल्डिंग की जिम्मेदारी डीईओ पर भी होती हैं। उनके स्टाफ की तरफ से भी इसमें कोई कार्रवाई नहीं की गई। आखिर वजह क्या है कि इसमें 22-बी पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही हैं। आखिर इस जिम्मेदारी से कैंट बोर्ड के अधिकारी क्यों भाग रहे हैं? इसमें स्विमिंग पुल बना हैं, जिसकी मेम्बर शिप दी जा रही हैं। यह पूरी तरह से व्यवसायिकरण कर दिया गया है।
एक तरह से देखा जाए तो यह सरकारी जमीन का दुरुपयोग किया जा रहा हैं, जिसमें आवासीय बिल्डिंग को व्यवसायिक रूप देकर अच्छी खासी आमदनी की जा रही हैं। वर्ष 2019 के बाद इसमें सील लगी थी। तब से कागजों में सील लगी हैं, मौके पर नहीं। वैसे नियम यह भी है कि दुबारा भी सील लग सकती हैं, मगर यहां तो कागजों में सील हैं, मौके पर रिसोर्ट संचालित किया जा रहा हैं। जब से इस पर सील लगी है, तब से कैंट बोर्ड के कई सीईओ बदले जा चुके हैं, फिर भी 22-बी पर अधिकारी क्यों मेहरबान हैं? यह बड़ा सवाल हैं। नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है तो फिर कार्रवाई करने से अधिकारी क्यों डर रहे हैं?