- वाह रे प्लानिंग…सड़क के दोनों ओर कारें पार्क करते हैं लोग
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सर्किट हाउस से लेकर कचहरी और फिर कमिश्नरी चौराहे तक कारें सड़कों के किनारे पार्क कर दी जाती हैं। ये करीब दो किलोमीटर की दूरी हैं, जहां पर बेहिसाब वाहनों की पार्किंग हर रोज सड़क पर की जाती हैं। सड़क किनारे पर भी अब तो पार्क करने की जगह नहीं मिलती हैं। कचहरी के एक किलोमीटर के दायरे में तमाम सरकारी विभाग मौजूद हैं, इनमें ही लोगों का आवागमन होता हैं, लेकिन पार्किंग की बड़ी समस्या हैं, इसके लेकर मेरठ विकास प्राधिकरण ने कोई प्लानिंग नहीं की।
महत्वपूर्ण बात ये है कि मेरठ विकास प्राधिकरण के पास भी पार्किंग नहीं हैं। कई विभाग मेडा की बिल्डिंग में खुले हुए हैं, जहां पर रजिस्ट्री आॅफिस में इतना अधिक आवागमन हैं कि उनके वाहन सड़कों पर ही पार्क किये जाते हैं। मेरठ विकास प्राधिकरण में आने वालों के लिए तो पार्किंग होनी चाहिए थी, जो नहीं हैं। प्राधिकरण अफसर सुनियोजित विकास की बात करते हैं, लेकिन खुद के पास भी पर्याप्त पार्किंग नहीं हैं। बेसमेंट में पार्किंग की जगह प्राधिकरण ने कभी प्लान की थी, लेकिन वर्तमान में वहां पर आर्ट गैलरी संचालित हो रही हैं।
ओपन एरिया मेडा के पास हैं, लेकिन उसमें प्राधिकरण अफसरों के वाहन ही पार्क होते हैं, बाहर से आने वाले तो सड़कों के किनारे पर ही पार्किंग करते हैं, जहां से ट्रैफिक पुलिस उन्हें कभी भी उठाकर ले जाती हैं। फिर सर्किंट हाउस तक लोग अपनी कारों की पार्किंग करते हैं, जो शायद मेरठ विकास प्राधिकरण के अफसरों को दिखाई नहीं देती हैं। यदि ये हाल किसी प्राइवेट संस्थान का हुआ होता तो प्राधिकरण की तरफ से पार्किंग के नाम पर नोटिस दर नोटिस भेज दिये जाते, लेकिन अपनी पार्किंग दिखाई नहीं दे रही हैं।
एक अनुमान है कि तीन हजार से ज्यादा वाहन हर रोज कचहरी व उसके आसपास में आते हैं। एसएसपी आॅफिस के सामने डिवाइडर रोड मेडा ने ही बनवाई थी। डीएम ने अपने घर को छोटा करते हुए सड़क का चौड़ीकरण कराया गया था। क्या इस सड़क का चौड़ीकरण वाहनों की पार्किंग के लिए किया गया था? कमिश्नरी चौराहे पर दिन भर कारों की पार्किंग से जाम लगा रहता हैं।
ये भी ट्रैफिक पुलिस को नहीं दिखता हैं। बड़ा सवाल ये है कि प्राधिकरण यहां पर वाहनों की पार्किंग को लेकर कोई प्लान क्यों नहीं कर रहा हैं? प्लानिंग की जाए तो जनता को वाहन पार्क करने में बड़ी राहत मिलेगी। नगर निगम घंटाघर आॅफिस पर तो पार्किंग की प्लानिंग की हैं, वहां काम भी चालू हो गया हैं। उम्मीद की जा रही है कि प्राधिकरण भी अपने आॅफिस के इर्द-गिर्द वाहनों की पार्किंग की प्लानिंग करें।