- जाम के झाम और सड़क के गड्ढों से मिलेगा छुटकारा
- एनसीआर के मरीजों की एम्बुलेंस पर निर्भरता होगी कम
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: रैपिड ट्रेन न सिर्फ यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचाएगी, बल्कि बिजली भी पैदा करेगी, माल ढुलाई भी करेगी, वातावरण को शुद्ध भी करेगी और तो और अब अपनी रैपिड मरीजों का भी पूरा ख्याल रखेगी। दरअसल, रैपिड स्टेशन के प्लेटफॉर्म और यहां लगने वाली लिफ्ट इस प्रकार डिजाइन की गई हैं कि यदि कोई गंभीर मरीज स्ट्रेचर पर है तो वो रैपिड के कम्पार्टमेंट में आसानी से हॉस्पिटल ले जाया जा सकता है।
एनसीआरटीसी के अधिकारियों के अनुसार रैपिड प्रोजेक्ट में पूरे कॉरिडोर में लिफ्ट का आकार ऐसा रखा है कि मेडिकल संबंधी सहायता के लिए इसमें स्टेÑचर पर मरीज को आसानी से हॉस्पिटल ले जाया जा सकता है। रैपिड के प्लेटफॉर्म और ट्रेन के लेवल के साथ साथ यहां लगाई जाने वाली लिफ्ट्स को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि यदि कोई गंभीर मरीज स्ट्रेचर के माध्यम से प्लेटफॉर्म पर पहुंचता है तो उसके आसानी से ट्रेन में शिफ्ट किया जा सकता है।
ट्रेन व प्लेटफॉर्म का लेवल इसमें महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। इससे एनसीआर के तमाम गंभीर मरीज लाभ उठा सकेगें, और उनकी एम्बुलेंस पर निर्भरता काफी हद तक कम हो जाएगी। चूंकि रैपिड की सेवा थोड़ी थोड़ी देरी पर मिलती रहेगी लिहाजा यदि कोई गंभीर मरीज को इलाज के लिए दिल्ली जाना पड़ेगा तो वो रैपिड की मदद ले सकता है। इसके अलावा मुजफ्फरनग, देवबंद व सहारनपुर तक के गंभीर मरीज एम्बुलेंस के माध्यम से मेरठ (मोदीपुरम) तक तो आ जाएंगे,
लेकिन इसके बाद वो रैपिड की मदद से दिल्ली तक जा सकते हैं। रैपिड मोदीपुरम से दिल्ली एक घंटे से भी कम में पहुंच जाएगी। इससे जहां एनसीआर के जाम से मरीजों को छुटकारा मिलेगा वहीं कई स्थानों पर सड़के के गड्ढों से भी मरीजों को बचाया जा सकता है और तो और विभिन्न गंभीर मरीजों की एम्बुलेंस पर निर्भरता भी काफी हद तक कम हो जाएगी। सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि मरीजों को समय से इलाज मिल जाएगा।