Thursday, January 16, 2025
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आज से टोक्यो पैरालंपिक, भारत को पदकों की उम्मीद जगी

जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: ओलंपिक के बाद अब सभी निगाह टोक्यो में होने वाले पैरालंपिक खेलों पर लगी हैं। इन खेलों में भाग लेने वाले विशेष क्षमता वाले खिलाड़ी अपने जज्बे और संकल्प से बड़ी प्रेरणा के सबब हैं। जिंदगी के इन असल चैंपियनों ने पहले भी दिखाया है कि वो किसी से कम नहीं और इस बार इस बार तैयारी नया इतिहास रचने की है। पिछली बार रियो खेलों में हमने दो स्वर्ण सहित चार पदक जीतकर अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन किया था, इस बार उम्मीदें इतिहास रचने की है।

ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों के अपने अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के बाद पैरालंपिक खेलों में 54 खिलाड़ियों के दल से भी पहली बार दोहरे अंकों में पदक की उम्मीद की जा रही है। भारत ने ओलंपिक में एक स्वर्ण और दो रजत सहित कुल सात पदक जीते थे। भारतीय पैरालंपिक समिति को पैरा खिलाड़ियों से कम से कम 10 पदक की उम्मीद है। भारत पैरालंपिक में नौ खेलों में हिस्सा लेगा।

भारतीय खिलाड़ियों से अभूतपूर्व सफलता की उम्मीद करना बेमानी नहीं होगा क्योंकि विश्व रैंकिंग में कम से कम चार भारतीय नंबर एक पर काबिज हैं जबकि छह खिलाड़ियों की विश्व रैंकिंग दूसरी है। इसके अलावा लगभग 10 खिलाड़ी विश्व रैंकिंग में शीर्ष तीन में शामिल हैं।

कोविड-19 महामारी के कारण पैरालंपिक का आयोजन कड़े सुरक्षा और स्वास्थ्य नियमों के बीच हो रहा है।  पैरा खिलाड़ियों को उनकी दिव्यांगता के प्रकार और सीमा के आधार पर अलग-अलग वर्ग में रखा जाता है। इससे उन्हें समान दिव्यांगता वाले खिलाड़ियों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा पेश करने का मौका मिलता है।

मरियप्पन होंगे भारतीय दल के ध्वजवाहक 

जापान के राजा नारुहितो पैरालंपिक की शुरुआत की घोषणा करेंगे।  पैरालंपिक के उद्घाटन समारोह में भी सिर्फ छह अधिकारियों को हिस्सा लेने की स्वीकृति होगी। भारतीय दल में सिर्फ पांच खिलाड़ी होंगे जिसमें ध्वजवाहक मरियप्पन भी शामिल हैं।

इसके अलावा चक्का फेंक के विनोद कुमार, भाला फेंक के टेकचंद और पावरलिफ्टर जयदीप और सकीना खातून उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेंगे। भारतीय दल ईरान के बाद ओलंपिक स्टेडियम में प्रवेश करने वाला 17वां दल होगा।

पिछली बार जीते थे चार पदक 

भारत ने 1972 में पहली बार पैरालंपिक में हिस्सा लिया था और तब से इन खेलों में कुल 12 पदक जीत चुका है। अगर भारत उम्मीद के मुताबिक सफलता हासिल करता है तो इस बार पदक तालिका में शीर्ष 25 में जगह बना सकता है। भारत 2016 रियो पैरालंपिक में दो स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक के साथ 43वें स्थान पर रहा था। भारत का 54 सदस्यीय दल अब तक का देश का सबसे बड़ा दल है।

देवेंद्र झाझरिया: गोल्डन हैट्रिक पर निगाह 

बचपन में करंट लगने के कारण अपना बायां हाथ गंवाने वाले झझारिया 40 साल की उम्र में स्वर्ण पदक की हैट्रिक के मजबूत दावेदार हैं। वह एफ-46 वर्ग में 2004 एथेंस और 2016 रियो डि जेनेरियो में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं और मौजूदा विश्व रिकॉर्ड धारक हैं।

विश्व चैंपियन संदीप चौधरी (एफ-64 भालाफेंक) 24 सदस्यीय पैरा एथलेटिक्स टीम में स्वर्ण पदक के तीसरे दावेदार हैं। वह दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी और विश्व रिकॉर्ड धारक हैं। पदक के अन्य दावेदार गत विश्व चैंपियन सुंदर सिंह गुर्जर और अजीत सिंह (दोनों एफ-46) तथा नवदीप सिंह (एफ-41) हैं। ये तीनों भालाफेंक के खिलाड़ी हैं।

थंगावेलू: फिर स्वर्ण जीतने की तैयारी 

पांच बरस की उम्र में घुटने से नीचे का पैर बस से कुचले जाने के बाद स्थायी रूप से दिव्यांग हुए मरियप्पन एक अन्य भारतीय पैरा खिलाड़ी हैं जो 2016 में टी-63 ऊंची कूद में जीते स्वर्ण पदक का बचाव करने उतरेंगे। वह अभी दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी हैं।

बैडमिंटन दिला सकता है कई पदक 

बैडमिंटन पैरालंपिक में पदार्पण करेगा और इसमें भारत की पदक जीतने की अच्छी संभावनाएं हैं। दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी और कई बार के विश्व चैंपियन प्रमोद भगत पुरुष एसएल 3 वर्ग में स्वर्ण पदक के मजबूत दावेदार हैं।

दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी कृष्णा नागर (एसएच 6) के अलावा सुहास एलवाई और तरुण ढिल्लों (एसएल 4) से भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। महिला वर्ग में दो बार की पूर्व विश्व चैंपियन पारूल परमार और युवा पलक कोहली (एसएल 3-एसयू 5) से महिला वर्ग में पदक की उम्मीद है।

निशानेबाज-तीरदांज भी दावेदार 

भारत को अपने निशानेबाजों और तीरंदाजों से भी पदक की उम्मीद है। तीरंदाजी में भारत की ओर से राकेश कुमार और श्याम सुंदर (कंपाउंड), विवेक चिकारा और हरविंदर सिंह (रिकर्व) और महिला तीरंदाज ज्योति बालियान (कंपाउंड व्यक्तिगत और मिश्रित स्पर्धा) चुनौती पेश करेंगे।

इसके अलावा भारतीय खिलाड़ी पैरा कैनोइंग, पैरा तैराकी, पैरा पावरलिफ्टिंग, पैरा टेबल टेनिस और पैरा ताइक्वांडो में भी हिस्सा लेंगे। भारत को तीरंदाजी में इन खेलों का पहला पदक मिल सकता है।

दर्शकों को अनुमति नहीं:  पैरालंपिक के दौरान ओलंपिक की तरह की दर्शकों को स्टेडियम में आने की इजाजत नहीं होगी। आयोजक हालांकि कुछ स्थलों पर बच्चों को स्टेडियम में आने की स्वीकृति देने का प्रयास कर रहे हैं।

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