जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: तीन वर्ष में मेरठ के भीतर 27 हजार युवा नौकरी के लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। बावजूद इसके इन्हें नौकरी नहीं मिली सकी है। इसकी वजह सिस्टम में बैठे अफसर जिम्मेदार हैं? सरकार यह दावा करती रही कि रोजगार मेले लगाये जा रहे हैं। युवाओं को रोजगार दिये जा रहे हैं, लेकिन यह हालत तो प्रदेश के एक रोजगार केन्द्र के हालत हैं।
प्रदेश भर के रोजगार केन्द्रों पर कई लाख युवाओं ने रोजगार पाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराये थे, जिनको रोजगार नहीं मिले। युवाओं को रोजगार के लिए बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। प्रत्येक वर्ष अकेले मेरठ ही लाखों युवाओं को ग्रेजुएट करता हैं, लेकिन उन्हें सरकार रोजगार मुहैय्या नहीं करा पा रही है।
यह हालत तो देश की राजधानी दिल्ली से सटे मेरठ की हैं। इससे सटा है नोएडा जो आईटी इंजीनियरों का हब भी कहा जाता है, वहां भी रोजगार नहीं मिल पा रहे हैं। रोजगार दफ्तर की जिम्मेदारी होती है कि युवाओं को प्लेसमेंट कराये, लेकिन यहां रोजगार मेले नाम के लिए लगे तो सही, मगर युवाओं को रोजगार नहीं मिले, यह कड़वा सच है।
हालांकि रोजगार दफ्तर के अधिकारी 24 रोजगार मेले आयोजित करने के दावे कर रहे हैं, जिसमें पांच हजार 35 युवाओं को रोजगार देने का दावा भी किया जा रहा है, लेकिन वर्तमान में रोजगार दफ्तर में रजिस्टेÑशन कराने भी युवा नहीं जाते हैं, क्योंकि पंजीकरण कराने के बाद कोई रिजल्ट नहीं आता, जिसके चलते अब युवाओं ने पंजीकरण कराना ही बंद कर दिया है। बेरोजगारों को रोजगार कितनी कंपनियों ने दिया?
इसका सिर्फ कागजी पेट भरा जा रहा है। धरातल पर कोई काम नहीं किया जा रहा है। रोजगार कार्यालय पर सरकार खूब खर्च कर रही है। प्रदेश में करीब 72 रोजगार कार्यालय हैं, जहां पर लाखों बेरोजगारों के पंजीकरण है, लेकिन रोजगार नहीं मिलने पर उम्मीद टूट रही है। एक तरह से मेरठ एजुकेशन के मामले में हब है। इंजीनियरिंग कॉलेज भी कई नामचीन हैं।
उनके इंजीनियरों को भी प्लेसमेंट नहीं मिल रहा है, जिसके चलते रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। सरकारी जॉब तो दूर की बात, प्राइवेट जॉब भी युवाओं को नहीं मिल पा रहा है। दस से ज्यादा मेरठ में टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज है। दो डिम्ड विश्वविद्यालय है। दो यूनिवर्सिटी, जिसमें एक कृषि विश्वविद्यालय भी है।
जिन युवाओं की जॉब लगी भी थी उनकी जॉब लॉकडाउन के दौरान चली गई। लॉकडाउन से भी युवाओं को बड़ा झटका लगा है। लॉकडाउन के बाद तो हालात विकट हैं। जिस तरह से बेरोजगारी बढ़ रही है, उससे समाज में विकराल समस्या पैदा होने वाली है। इस समस्या से निपटने के लिए यूपी व केन्द्र सरकार को कोई तो प्लानिंग तैयार करनी होगी, जिसके बाद ही युवाओं को रोजगार मिल सकते हैं।