जनवाणी संवाददाता |
देहरादून: जरायम की दुनिया में बादशाहत कायम कर चुके व कुमाऊं का सबसे बड़ा गैंगस्टर रहे प्रकाश पांड़े उर्फ पीपी अब जोग धारण कर मंड़लेश्वर बनने की राह में है। जोग धारण करने के बाद पीपी को प्रकाशानंद गिरि का नाम दिया गया है। प्रदेश की कई जेलों में रहा पीपी वर्तमान में अल्मोड़ा जेल में बंद है। जेल में बंद रहते हुये भी पीपी मौजूदा समय में कई मठों का उत्तराधिकारी है।
बृहस्पतिवार को हरिद्वार से अल्मोड़ा गये थानापतियों ने पीपी को जेल में दीक्षा दिलायी। बताया जा रहा है कि हरिद्वार से गये थानापतियों ने खुद को श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा से जुड़ा बताया। थानापतियों के अनुसार जल्द ही पीपी को जलाभिषेक के बाद मंडलेश्वर की उपाधि प्रदान की जायेगी।
थानापति राजेन्द्र गिरि के अनुसार पीपी (प्रकाश पांड़े) ने धार्मिक क्षेत्र में जाने की इच्छा जतायी थी। थानापतियों द्वारा पीपी को कंठीमाला, रूद्राक्ष माला और वस्त्र देकर उत्तराधिकारी धोषित किया गया। प्रकाशनंद गिरि को अंसेश्वर मठ, मुनस्यारी के कामद मठ की जिम्मेदारी सौपी गयी है।