जनवाणी संवाददाता |
देहरादून: निर्दलीय विधायक उमेश शर्मा का विधानसभा में 500 करोड़ रूपये खर्च कर राज्य सरकार को गिराने का षडयंत्र रचने सम्बन्धी बयान अब उन्ही के उपर भारी पड़ने लगा है। उनके द्वारा दिये गये बयान से जहां उनकी सार्वजनिक सभाओं में किरकिरी हो रही है और राजनीति के दिग्गज उनके इस बयान को तथ्यहीन बताते हुये उनकी जमकर खिचाई कर रहे है।
निर्दलीय विधायक उमेश शर्मा द्वारा दिये गये बयान को पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने आधारहीन करार देते हुये कहा कि उनका यह बयान भ्रमित करने वाला बयान है। श्री रावत ने कहा कि निर्दलीय विधायक के सरकार गिराने सम्बन्धी दिये गये बयान में कोई दम नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य और केन्द्र कि सरकार लगातार जनहित में कार्य कर रही है।
दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान में हरिद्वार सीट से सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत निर्दलीय विधायक के बयान को पहले ही गैर जिम्मेदाराना करार दे चुके है। उमेश शर्मा के इस बयान से पहले से ही खफा चल रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सार्वजनिक जीवन में भी उमेश शर्मा को अहमियत देना बंद कर दिया है। हालिया मामला बहादराबाद में शिक्षक दिवस पर प्राथमिक शिक्षक संघ के एक कार्यक्रम से जुड़ा हुआ है।
त्रिवेंद्र इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि आंमत्रित थे इसी दौरान निर्दलीय विधायक उमेश शर्मा भी वहीं पहुच गये। उमेश शर्मा को देखते ही त्रिवेंद्र सिंह रावत नाराज हो गये और उन्होंने मंच साझा करने से भी मना कर दिया। इसके बाद श्री रावत ने वहां आये भाजपा कार्यकर्ताओं को भी वहां से जाने को कहा और स्वयं भी मंच छोड़कर चलते बने।