- रालोद सुप्रीमों जयंत चैधरी ने ट्वीट कर उठाया सवाल
- आजम खान की सदस्यता समाप्त हो सकती है, तो विक्रम की क्यों नहीं
जनवाणी संवाददाता |
मुजफ्फरनगर: अदालत द्वारा पूर्व कैबिनेट मंत्री और सपा नेता आजम खान की विधानसभा सदस्यता रद्द होने के बाद अब विक्रम सैनी की विधानसभा सदस्यता को लेकर सवाल उठने लगने हैं। चर्चा है कि क्या भाजपा विधायक की सदस्यता भी समाप्त होगी या नहीं? रालोद मुखिया जयंत चैधरी ने भी ट्वीट कर सवाल उठाया है कि आजम खान की तो सदस्यता चली गयी, परन्तु विक्रम सैनी का क्या हुआ?
बता दें कि हैट स्पीच के मामले में अदालत ने आजम खान को दोषी मानते हुए तीन साल की सजा सुनायी थी, जिसके बाद अब उनकी विधानसभा की सदस्यता भी रद्द कर दी गयी। आजम खान की विधानसभा की सदस्यता रद्द होने के बाद अब विक्रम सैनी की विधानसभा सदस्यता को लेकर भी चर्चाएं होने लगी हैं। बता दें कि खतौली विधानसभा से भाजपा विधायक विक्रम सैनी को एमपी-एलएलए कोर्ट ने 2013 सांप्रदायिक दंगे के दौरान धमकी देने के मामले में दोषी पाते हुए 11 अक्टूबर को दो वर्ष कैद की सजा सुनाई थी।
हांलाकि उन्हें कुछ ही देर बात कोर्ट से जमानत मिल गई थी, लेकिन सत्ताधारी दल के विधायक को सजा होने के बाद सियासी गलियारों में नई बहस छिड़ गई थी। रालोद प्रमुख जयंत चैधरी ने अपने ट्वीट में कहा कि आखिर खतौली से भाजपा विधायक विक्रम सैनी का क्या हुआ। उन्हें भी कोर्ट दो साल की सजा सुना चुका है। लोक प्रतिनिधित्व कानून के अनुसार उन पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई।
क्या है लोक जन प्रतिनिधित्व अधिनियम
10 जुलाई 2013 को सुप्रीम कोर्ट की ओर से लिली थामस बनाम भारत संघ मामले में एक बड़ा फैसला सामने आया था। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि अगर कोई विधायक, सांसद या विधान परिषद सदस्य किसी भी अपराध में दोषी पाया जाता है और उसे कम से कम दो साल की सजा होती है तो ऐसे में वह सदस्यता से अयोग्य हो जाएगा।