Wednesday, January 8, 2025
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आ गया समंदर का शहंशाह विक्रांत, पीएम मोदी ने देश को सौंपा वॉरशिप

  • समंदर पर तैरता शहर मिला, नेवी के नए ध्वज से हमने गुलामी का प्रतीक हटाया

जनवाणी ब्यूरो

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को देश का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत नेवी को सौंप दिया। उन्होंने नए नौसेना ध्वज का भी अनावरण भी किया। बोले कि इस पर पहले गुलामी का प्रतीक का था, जिसे हमने हटा दिया है। नया नौसेना ध्वज शिवाजी को समर्पित है।

मोेदी ने एयरक्राफ्ट कैरियर को बनाने वाले इंजीनियर्स की तारीफ की और कहा- इस शिप में जितने केबल और वायर हैं, वो कोच्चि से काशी तक पहुंच सकते हैं। उन्होंने कहा कि INS विक्रांत सिर्फ वॉरशिप नहीं, समंदर में तैरता शहर है।

मोदी साढ़े नौ बजे कोच्चि स्थित कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में पहुंचे थे। यहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन मौजूद थे।

मोदी की 3 सबसे बड़ी बातें…

1. ये सशक्त भारत की शक्तिशाली तस्वीर

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “ये भारतीयों के लिए गर्व का मौका है। ये भारत की प्रतिभा का उदाहरण है। ये सशक्त भारत की शक्तिशाली तस्वीर है। ये अमृत महोत्सव का अतुलनीय अमृत है। ये बताता है कि ठान लो तो कुछ भी असंभव नहीं है। हम आज नए सूर्य के उदय के साक्षी बन रहे हैं। इसमें जितनी बिजली पैदा होती है। उससे 5 हजार घरों को रोशन किया जा सकता है। ये दो फुटबॉल ग्राउंड के बराबर है। केबल और वायर कोच्चि से शुरू होकर काशी तक पहुंच सकते हैं। ये जटिलता हमारे इंजीनियर्स की जीवटता का उदाहरण हैं।”

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2. नौसेना का नया ध्वज शिवाजी को समर्पित

मोदी ने कहा- शिवाजी की समुद्री ताकत से दुश्मन कांपते थे। आज मैं नौ सेना नया ध्वज छत्रपति वीर शिवाजी महाराज को समर्पित करता हूं। ये नया ध्वज नौसेना के बल और आत्मसम्मान को बल देगा। अब तक नौसेना के झंडे पर गुलामी की तस्वीर थी। इस तस्वीर को हमने हटा दिया है।

3. INS विक्रांत ने भारत को नए भरोसे से भर दिया

मोदी ने कहा- विक्रांत विशाल है, ये खास है, ये गौरवमयी है। ये केवल वारशिप नहीं है। ये 21वीं सदी के भारत के कठिन परिश्रम, कौशल और कर्मठता का सबूत है। आज भारत उन देशों की सूची में शामिल हो गया है, जो अपनी तकनीक से ऐसे बड़े जहाज बना सकते हैं। आज INS विक्रांत ने भारतीयों को नए भरोसे से भर दिया है।

नए नौसेना ध्वज को जानिए

इंडियन नेवी को शुक्रवार को नया नौसेना ध्वज यानी निशान मिला। इसमें पहले लाल क्रॉस का निशान होता था। इसे हटा दिया गया है। अब बाईं ओर तिरंगा और दाईं ओर अशोक चक्र का चिह्न है। इसके नीचे लिखा है- शं नो वरुण: यानी वरुण हमारे लिए शुभ हों।

25 साल बाद INS विक्रांत का पुनर्जन्म

31 जनवरी 1997 को नेवी से INS विक्रांत को रिटायर कर दिया गया था। अब तकरीबन 25 साल बाद एक बार फिर से INS विक्रांत का पुनर्जन्म हो रहा है। 1971 की जंग में INS विक्रांत ने अपने सीहॉक लड़ाकू विमानों से बांग्लादेश के चिटगांव, कॉक्स बाजार और खुलना में दुश्मन के ठिकानों को तबाह कर दिया था।

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20 मिग-29 फाइटर जेट्स ले जाने में सक्षम INS विक्रांत

INS विक्रांत देश में निर्मित सबसे बड़ा युद्धपोत है। ये एयरक्राफ्ट कैरियर 20 मिग-29 फाइटर जेट्स ले जाने में सक्षम है। इसकी लागत करीब 20 हजार करोड़ रुपए है। 1971 की जंग में INS विक्रांत ने अपने सीहॉक लड़ाकू विमानों से बांग्लादेश के चिटगांव, कॉक्स बाजार और खुलना में दुश्मन के ठिकानों को तबाह किया था।

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केवल 4 देशों के पास 40 हजार टन वाले जहाज बनाने की क्षमता

विक्रांत 40 हजार टन वजन वाला विमान वाहक जहाज है। दुनिया में केवल अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस के पास ही 40 हजार और इससे ज्यादा वजन वाले विमान वाहक जहाज का निर्माण करने की क्षमता है। विक्रांत 20 मिग-29 लड़ाकू विमान और दस हेलीकॉप्टरों को ले जाने में सक्षम है। 2017 में आईएनएस विराट के रिटायर होने के बाद भारत के पास केवल एक विमान वाहक जहाज आएनएस विक्रमादित्य है।

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