Wednesday, July 3, 2024
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इलाका वीआईपी, अवैध पार्किंग में तब्दील

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  • एसएसपी आवास और कमिश्नरी के आसपास पार्क की जाती हैं गाड़ियां
  • टैÑफिक पुलिस के गाड़ियों को उठाए जाने के बावजूद नहीं सुधर रहे हालात
  • गाड़ी उठाने में भी बरती जा रही है सावधानी, भाजपाई गाड़ियों से बरता जा रहा परहेज

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: सिविल लाइन थाना क्षेत्र का वीआईपी माना जाने वाला इलाका जहां कमिश्नरी कार्यालय, जिलाधिकारी व एसएसपी का अवास व पुलिस लाइन के आसपास का इलाका शामिल है, वो सारा इलाका अवैध पार्किंग में तब्दील हो गया है। कहने को सिविल लाइन का ये वीआईपी इलाका है, लेकिन इसकी हालत बद से बदतर बना दी गयी है। हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जनपद के सबसे बडेÞ पुलिस अधिकारी एसएसपी के सरकारी बंगले के आसपास कलक्ट्रेट व कचहरी में काम से आने वाले अपनी गाड़ियां पार्क कर चले जाते हैं।

एसएसपी के बंगले के आसपास का इलाका देखकर लगता ही नहीं कि पुलिस के जनपद के सबसे बडेÞ अफसर रहते होंगे। इससे और 50 कदम की दूरी पर कमिश्नरी है। मंडलायुक्त समेत कमिश्नरी के तमाम अधिकारी बैठते हैं। कमिश्नरी के बाहर भी मेन रोड का पूरा इलाका लोग पार्किंग स्थल की तरह यूज कर रहे हैं। एसएसपी कार्यालय के सामने वाली सड़क और कार्यालय के बाहर वाली रोड भी लोगों की गाड़ियां खड़ी करने के काम आ रही है। प्राधिकरण के गेट से लेकर सर्किट हाउस पुलिस लाइन तक सड़क के दोनों ओर की जगह लोग गाड़िया पार्क करने में ही यूज कर रहे हैं।

75 साल में एक पार्किंग नहीं

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जो लोग टैÑफिक पुलिस की कार्रवाई का विरोध करते हैं उनका कहना है कि जब गाड़ी से कोर्ट कचहरी या कलक्ट्रेट व कमिश्नरी अपने काम से आएगे तो पैदल तो आएंगे नहीं। ज्यादातर लोग गाड़ियों से ही आते हैं। ऐसे में कहीं तो गाड़ी खड़ी करेंगे ही। देश को आजाद हुए 75 साल से ज्यादा हो गए। सिस्टम को चलाने वाले एक पार्किंग स्थल तक नहीं दे सके और क्या देंगे इस शहर को।

उठाने के बाद भी हालात जस के तस

ऐसा नहीं कि ट्रैफिक पुलिस अंजान है और काम नहीं कर रही है। प्रतिदिन दर्जनों गाड़ियां सिविल लाइन इलाके से उठायी जा रही हैं। उनके चालान भी किए जा रहे हैं। इस दौरान काफी हंगामा भी होता है, लेकिन हालात सुधर रहे हों, ऐसा कतई नहीं है। हालात जस के तस बने हैं।

देखकर उठाते हैं गाड़ियां

टैÑफिक पुलिस को जो स्टाफ रोड पर पार्क की जा रही गाड़ियों को उठाने आता है। वह इस बात का ध्यान रखता है कि किसी गाड़ी सत्ताधारी दल के किसी नेता की ना हो, जबकि कमिश्नरी के बाहर जितनी भी गाड़ियां खड़ी होती हैं। उनमें से ज्यादातर सीएम या पीएम का झंडा लगी होती हैं। इन ऐसी गाड़ियों को उठाने में पूरा परहेज बरता जाता है।

एनएच-58 पर जाम लगना अब हो गई आम बात

मोदीपुरम: एनएच-58 पर जाम लगा अब आम बात हो गई है। जाम लगने के कारण घंटों तक यात्री वाहनों को लेकर हाइवे पर ही खड़े रहते हैं। जिसके कारण लोगों को दिनभर परेशानी से जुड़ना पड़ता है। उधर, रुड़की रोड पर भी रैपिड ट्रेन का काम चलने के कारण हाइवे पर जाम रहता है। इस जाम में खड़े रहने के कारण लोगों को परेशानी से जूझना पड़ता है। स्थानीय पुलिस से लेकर और ट्रैफिक पुलिस इस जाम से छुटकारा दिलाने में नहीं दिखाई देती है। जिसके चलते यह समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।

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एनएच-58 पर सिवाया टोल प्लाजा पर सबसे अधिक जाम लगता है। इसके बाद मोदीपुरम फ्लाईओवर पर बेतरतीब तरीके से खड़े वाहनों के कारण जाम की समस्या रहती है। सबसे अधिक जाम की समस्या इस हाइवे पर खड़ौली में देखने को मिलती है। हाइवे पर जगह-जगह अवैध कट खोलने के कारण जाम की एक समस्या यह भी है। इन सभी समस्याओं से निजात दिलाने के लिए पुलिस की रुचि नहीं दिखाई दे रही है। जिसके कारण लोगों को परेशानी से ही जूझना पड़ रहा है।

यही हाल रुड़की रोड पर देखने को मिल रहा है। यहां दिन निकलते ही जाम लग जाता है। सुबह से लेकर शाम तक वहां जाम नजर आता है, लेकिन यहां भी कोई समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा कोई भी प्रयास नहीं किया गया है। जिसके कारण लोगों को परेशानी से जुड़ना पड़ता है।

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