- ब्रह्मपुरी में की छापेमारी, चोरी का माल बरामद करने के लिए दोनों युवकों को ले गई दिल्ली एटीएस
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: राजधानी दिल्ली में 25 करोड़ की चोरी की घटना के मामले में दिल्ली एटीएस टीम ने ब्रह्मपुरी के रहने वाले दो शातिर युवकों को उठाया है। दोनों युवकों का कनेक्शन दिल्ली में हुई 25 करोड़ की चोरी की घटना से जुड़ा है। दोनों युवकों की तलाश में एटीएस टीम ने ब्रह्मपुरी और अलीपुर गांव में एक आॅफिस में छापा मारा। दिल्ली राजधानी में गत दिनों 25 करोड़ रुपये की चोरी की घटना को कुछ बदमाशों ने अंजाम दिया था। जिसमें मेरठ के ब्रह्मपुरी इलाके से घटना के तार जुड़े होने की जानकारी एटीएस टीम को मिली थी।
बताते हैं कि चोरी का माल ब्रह्मपुरी क्षेत्र तारापुरी निवासी आरिफ पुत्र माशूक अली और तारापुरी निवासी माशूक अली पुत्र ताज मोहम्मद ने अपने ठिकानों पर छिपाकर रखा था। चोरी के आरोप में हिरासत लिए कुछ बदमाशों से एटीएस टीम ने पूछताछ कर ब्रह्मपुरी में दो बदमाशों की तलाश में छापेमारी की। घटना में मेरठ के आरिफ और माशूक अली शामिल हैं इस बात की पुख्ता जानकारी के बाद एटीएस टीम ब्रह्मपुरी पहुंची।
ब्रह्मपुरी तारापुरी से एटीएस टीम ने एक आरोपी को घर में दबिश देकर उठा लिया। उसके बाद एटीएस टीम दूसरे आरोपी माशूक की तलाश में लोहिया नगर के अलीपुर में एक आॅफिस में छापा मारा। एटीएस टीम दोनों बदमाशों को गाड़ी में डालकर दिल्ली ले गई। बताया जाता है कि आरिफ और माशूक अली इस 25 करोड़ चोरी की घटना में शामिल थे। जिसकी एटीएस टीम को तलाश थी। चोरी की यह घटना दिल्ली के मधु विहार थाना क्षेत्र में हुई थी।
दिल्ली के कमिश्नर की गाड़ी के चालान पर हंगामा
मेरठ: सिविल लाइन थाना क्षेत्र के पुलिस लाइन के सामने आरआई के आवास, लेकिन सड़क से अलग हटकर कच्चे में खड़ी दिल्ली के एक कमिश्नर रैंक के अफसर की निजी कार का चालान करने को लेकर जमकर हंगामा हुआ। दरअसल, हुआ ये कि बुधवार दोपहर करीब एक बजे दिल्ली के यह प्रशासनिक अधिकारी निजी कार्य से मेरठ विकास प्राधिकरण पहुंचे। प्राधिकरण के गेट पर उन्हें उताकर चालक गाड़ी पार्किंग के लिए जगह तलाश कर रहा था।
किसी ने उसको बताया कि यहां पूरे सिविल लाइन एरिया में कोई पार्किंग नहीं है। प्राधिकरण में निजी गाड़ियां खड़ी करने की मनाही है। इसके बाद चालक ने सर्किट हाउस के सामने कच्चे में कार लगा दी और उसी में बैठ गया। उसी दौरान आईआई के बंगले से सादावर्दी में एक कर्मचारी बाहर आया। उसने दिल्ली के अफसर की गाड़ी का फोटो खींचा और टैÑफिक पुलिस को भेज दिया।
चंद मिनट बाद वहां ट्रैफिक पुलिस की टोइंग वेन आ गयी। गाड़ी उठाने लगी। इसका गाड़ी में बैठे चालक ने विरोध किया। बातचीत के दौरान वहां हंगामा हो गया। काफी देर तक कहासुनी हो रही, लेकिन पीछा तभी छूटा जब दिल्ली के इस अधिकारी की गाड़ी का 200 रुपये का चालान कर दिया गया।