- डीआईजी पद पर भी तैनात रहे, विक्टोरिया पार्क कांड के बाद हटे थे
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी राजकुमार विश्वकर्मा क्रांतिधरा में तीन बार विभिन्न पदों पर रह चुके हैं और कार्य करने की अद्भुत शैली के कारण काफी चर्चित रहे थे। एसपी सिटी और एसपी देहात और डीआईजी रहे आरके विश्वकर्मा कार्यवाहक डीजीपी यूपी बने हैं। वर्तमान में डीजी पुलिस भर्ती बोर्ड के पद पर तैनात हैं।
यूपी के कार्यवाहक डीजीपी 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी राजकुमार विश्वकर्मा जौनपुर जिले के मड़ियाहूं स्थित मोहल्ला खैरूद्दीनगंज के रहने वाले हैं। साधारण परिवार में जन्मे आर के विश्वकर्मा पुलिस विभाग में महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं और अपराध नियंत्रण को लेकर इनकी प्लानिंग हमेशा सफल रही है। उत्तर प्रदेश के डीजीपी डीएस चौहान के सेवानिवृत्त होने के बाद कार्यवाहक डीजीपी की जिम्मेदारी आईपीएस राजकुमार विश्वकर्मा को दी गई है।
1988 बैच के आईपीएस अधिकारी राजकुमार विश्वकर्मा जौनपुर जिले के मड़ियाहूं के रहने वाले हैं। वे सपा सरकार में आईजी कानून व्यवस्था के पद की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। वर्तमान में उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष हैं। जहां तक क्रांतिधरा की बात है तो 2 अप्रैल 1992 से लेकर 21 मई 1993 तक वह एसपी देहात के रूप में पहली पोस्टिंग पर आए थे। इसके बाद इनको मई 1993 से अप्रैल 1994 तक एसपी सिटी बनाया गया था।
उन दिनों मेरठ क्राइम कैपिटल के रूप में बदनाम हो चुका था और शातिर और इनामी बदमाशों की फेहरिस्त थी। कई बदमाशों को मुठभेड़ में मार गिराया गया था। शासन ने सख्त प्रशासक होने के कारण राज कुमार विश्वकर्मा पर एक बार फिर दांव खेला और 5 फरवरी 2005 से लेकर 28 मई 2006 तक डीआईजी के पद पर तैनात रखा। उस वर्ष विक्टोरिया अग्निकांड होने के कारण पूरे जिला प्रशासन को बदल दिया गया था, इसमें राजकुमार विश्वकर्मा को भी हटा दिया गया था। डीजीपी पद पर तैनाती होते ही मेरठ से तमाम लोगों ने फोन पर बधाई भी दी।