Saturday, June 7, 2025
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दिनभर रहा बादलों का इंतजार, लेकिन रूठे मेघ

  • उमस भरी गर्मी से लबरेज रहेगा जुलाई का महीना
  • ग्लोबल वार्मिंग के बिगड़ते सिस्टम के कारण मौसम में हो रही उठापटक

जनवाणी संवाददाता |

मोदीपुरम: ग्लोबल वार्मिंग के बिगड़ते सिस्टम के कारण इस बार मौसम में तरह तरह का परिवर्तन देखने को मिल रहा है, क्योंकि मई और जून के महीने में अन्य वर्षों के मुकाबले इस वर्ष भयंकर गर्मी पड़ी है। हालांकि वैज्ञानिकों ने इस बार जुलाई के महीने में भी उमस से लबरेज गर्मी पड़ने की आशंका जाहिर की है।

फिलहाल वैज्ञानिक पांच दिन में हल्की बारिश होने की संभावना जता रहे हैं, लेकिन उसके बाद फिर से जुलाई के महीने में उमस भरी चिपचिपी गर्मी पड़ने के भी संकेत वैज्ञानिकों द्वारा दिए जा रहे हैं। जिसके चलते माना जा रहा है कि इस वर्ष जुलाई के महीने में अन्य वर्षों की तुलना में भयंकर गर्मी पड़ेगी, जो पिछले कई वर्षों का भी रिकॉर्ड तोड़ेगी।

हालांकि मौसम में जिस तरह गर्मी पड़ रही है। उससे साफ जाहिर हो रहा है कि इस बार ग्लोबल वार्मिंग सिस्टम बिगड़ने के कारण मौसम इस तरह का रुख कर रहा है। शनिवार सुबह बारिश जरूर हुई, लेकिन बारिश के बाद फिर से गर्मी का प्रकोप शुरू हो गया। जिसके चलते यह देखा गया कि इस बार उमस भरी गर्मी लोगों को परेशानी में डालेगी।

बच्चों और बुजुर्गों के लिए बेहद खराब है यह महीना

जुलाई के महीने की गर्मी बच्चे बुजुर्गों के लिए बेहद खराब होगी, क्योंकि इस गर्मी में बीमारी बढ़ने का अधिक अंदेशा रहता है। उल्टी दस्त और बुखार इस महीने की गर्मी में होने की संभावना रहती है। इसलिए इस महीने इन्हें इस गर्मी से बचने की बेहद जरूरत है।

बेलदार फसलों को नुकसान से बचाएं

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक डा. आरएस सेंगर का कहना है बढ़ती गर्मी बेलदार फसलों के लिए बेहद खराब है, क्योंकि जिस तरह से गर्मी का प्रकोप बढ़ेगा, उसी तरह से बेलदार फसले झुलसेंगी। इसलिए उन्हें पानी देना जरूरी है,

क्योंकि अत्यधिक परेशानी इस तरह की फसलों में होती है। हालांकि बारिश होने से इन फसलों को राहत जरूर मिलेगी, लेकिन जुलाई के महीने में किसानों को बेहद सतर्कता बरतनी पड़ेगी। उसके बाद ही किसानों को फसल अच्छी मिल सकेगी।

10 जुलाई तक मानसून आने की संभावना

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डा. यूपी शाही का कहना है कि मई और जून के महीने में इस बार गर्मी ने कई वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ा है। जुलाई के महीने में भी इस बार गर्मी कई वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ेगी। उमस भरी गर्मी जुलाई के महीने में पड़ने से बेहद परेशानी होगी। इसलिए मौसम में ग्लोबल वार्मिंग सिस्टम में गड़बड़ी होने का कारण से गर्मी बढ़ रही है।

हालांकि मानसून के आने के संकेत हैं। संभावना जताई जा रही है कि 10 जुलाई से पहले मानसून आ जाएगा। इस बार मानसून की बारिश अच्छी होने की उम्मीद है, लेकिन प्री मानसून की बारिश ने इस बार उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। इस बार प्री मानसून की बारिश अन्य वर्षों के मुकाबले बेहद कम हुई है। जिसके चलते किसान और अन्य लोगों को परेशानी से जूझना पड़ा है। बारिश अच्छी होने से गेहूं की फसल को भी काफी फायदा होगा और उसका उत्पादन भी बढ़ेगा।

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