- पांच हजार वोट भी नहीं काट सके कांग्रेस के रिहानुद्दीन और एआईएमआईएम के जीशान आलम
- बसपा प्रत्याशी का चुनाव भी रहा उम्मीद से अलग
जनवाणी संवाददाता |
सरधना: यूपी की सबसे हॉट सीट में से एक सरधना विधानसभा पर इस बार परिणाम राजनीति के चाणक्यों की उम्मीद से भी अलग आया है। जहां एक ओर मुस्लिम प्रत्याशियों के कमजोर चुनाव ने भाजपा प्रत्याशी ठाकुर संगीत सोम का गणित बिगाड़ दिया। वहीं बसपा प्रत्याशी भी लोगों के अनुमान से अलग ही वोट प्राप्त कर पाए। कांग्रेस प्रत्याशी सैय्यद रिहानुद्दीन और एआईएमआईएम प्रत्याशी जीशान आलम मिलकर भी पांच हजार वोट काटने या प्राप्त करने में सफल नहीं हो सके।
जबकि उम्मीद जताई जा रही थी कि यह दोनों प्रत्याशी मिलकर मुस्लिमों की करीब 12-15 वोट को गठबंधन से अपनी ओर करने में कामयाब हो सकते हैं। उधर, बसपा प्रत्याशी संजीव धामा का आंकड़ा भी करीब 18 हजार पर सिमट कर रह गया। मुस्लिम वोटों का बिखराव नहीं होना गठबंधन प्रत्याशी अतुल प्रधान की जीत और भाजपा प्रत्याशी संगीत सोम की हार का कारण माना जा रहा है।
सरधना विधानसभा सीट पर भाजपा से दो बार विधायक रहे ठाकुर संगीत सोम और सपा-रालोद गठबंधन प्रत्याशी अतुल प्रधान की सीधी टक्कर थी। मगर अन्य दलों के प्रत्याशियों की भागेदारी चुनाव के गणित को बदलने का रास्ता माना जा रहा था। गठबंधन प्रत्याशी अतुल प्रधान की मुस्लिम वोटों पर सबसे मजबूत दावेदारी थी। मगर कांग्रेस ने इस सीट से पूर्व विधायक जकीऊद्दीन के पुत्र सय्यद रिहानुद्दीन को मैदान में उतारा तो राजनीतिज्ञों को नए सीरे से बिसात बिछानी पड़ी।
जब तक भाजपा कांग्रेस प्रत्याशी को ध्यान में रखते हुए गणित सेट करती, तभी एआईएमआईएम ने जीशान आलम को प्रत्याशी के रूप में मैदान में खड़ा कर दिया। जिसके बाद तो मानों भाजपा नेताओं के चेहरे खिल गए। उम्मीद जताई जा रही थी कि रिहानुद्दीन अपने पिता की विरासत का फायदा उठाते हुए कम से कम भी नहीं तो 10 हजार से अधिक वोट प्राप्त करने में जरूर कामयाब होंगे। वहीं एआईएमआईएम के जीशान आलम पर भी पांच सात हजार वोट खींचने का अनुमान लगाया जा रहा था।
दोनों मुस्लिम प्रत्याशी जितना मजबूत चुनाव लड़ते, उतना ही भाजपा को फायदा होना था। मगर चुनाव में ऐसा नहीं हुआ। दोनों प्रत्याशी मिलकर भी चार हजार वोट नहीं काट सके या प्राप्त कर सके। जिसका नतीजा यह रहा कि मुस्लिम प्रत्याशियों के कमजोर चुनाव ने भाजपा प्रत्याशी ठाकुर संगीत सोम का गणित बिगाड़ दिया। चुनावी गणित के हिसाब से इन्हीं कारणों के चलते संगीत सोम को हार का सामना करना पड़ा।
बसपा प्रत्याशी की वोट भी चौंकाने वाली
माना जा रहा था कि यदि बसपा प्रत्याशी संजीव धामा मजबूती से चुनाव लड़ते हैं तो अतुल प्रधान और संगीत सोम दोनों को ही नुकसान होना था। दोनों के बीच फर्क किया जाए तो ज्यादा नुकसान संगीत सोम को होता। उम्मीद जताई जा रही थी कि बसपा प्रत्याशी दलित-जाट वोटों को साधने में कामयाब हुए तो करीब 25-30 वोट समेट सकते हैं। मगर यहां भी अनुमान से अलग ही परिणाम सामने आया। संजीव धामा को 18140 वोट पर संतोष करना पड़ा। इस आंकड़े ने परिणाम को बदल दिया।
पूर्व विधायक की विरासत भी नहीं आई काम
कांग्रेस ने सरधना सीट पर सय्यद रिहानुद्दीन को प्रत्याशी बनाकर उतारा था। रिहानुद्दीन पूर्व विधायक जकीऊद्दीन के पुत्र है। राजनीति तौर पर रिहानुद्दीन अपने पिता की विरासत को संभाल रहे थे। मगर एक गलत फैसले ने उनके राजनीतिक कॅरियर पर सवाल खड़ा कर दिया। पिता की राजनीतिक विरासत भी रिहानुद्दीन के काम नहीं आ सकी। हालत यह रही कि रिहानुद्दीन अपनी जाति की वोट भी प्राप्त नहीं कर सके। राजनीति के मैदान में मतदाताओं ने रिहानुद्दीन की सारी गलत गलत फहमी दूर कर दी।
किसको कितनी वोट मिली
सपा प्रत्याशी अतुल प्रधान 118573
भाजपा प्रत्याशी संगीत सोम 100373
बसपा प्रत्याशी संजीव धामा 18140
कांग्रेस प्रत्याशी सय्यद रिहानुद्दीन 2144
एआईएमआईएम प्रत्याशी जीशान आलम 1459