Friday, July 5, 2024
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ऐसी भी क्या जल्दी थी

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  • घंटाघर से पीर चौराहे तक डिवाइडर बनने से पहले ही लगा दिये खंभे

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: कहीं देखा है कि किसी शहर में डिवाइडर बनने से पहले ही खंभे लगा दिये गये हों। लेकिन यह कारनामा भी अपने शहर में विभाग ने कर दिखाया। लगभग 25 दिन पूर्व घंटाघर से पीर चौराहे तक रातों रात बिना किसी योजना के आनन-फानन में करीब 22-23 खंभे लगा दिये गये। उसके लगभग 15 दिन बाद डिवाइडर का निर्माण शुरू किया गया। अब सवाल यह है कि, कौन हैं वो लोग जो इस तरह की राय देते हैं।

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जल्दी का काम तो ऐसे ही होता है। खंभे जो लगे हैं वो डिवाइडर के हिसाब से नहीं बल्कि आड़े-तिरछे लगे हैं जो कि डिवाइडर से बाहर निकल रहे हैं। अब जो डिवाइडर में कट निकलेंगे वह भी रसूखदार और बड़े-बड़े शो-रूम मालिकों के हिसाब से बनेंगे। बिना रूपरेखा तैयार किये जब कोई काम किया जाता है तब हमेशा परेशानी आम आदमी को होती है और खर्चा अतिरिक्त। इस 400 मीटर की सड़क पर डिवाइडर बनाने की कोई तुक नहीं बैठती।

यह मान लीजिए कि सड़क कितनी भी अच्छी हो जाये लेकिन डिवाइडर बनने से आने वाले समय में इस रोड पर हर समय जाम लगने की पूरी संभावना है। सड़क चौड़ी नहीं हुई और न ही हो सकती, केवल नाला पाटा गया है। जिस पर सभी दुकानदारों का सामान रखा रहता है। उसके बाद ग्राहकों की बड़ी-बड़ी गाड़िया खड़ी होंगी।

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अब निकलने की कितनी जगह बचेगी इसका अंदाजा खुद ही लगाया जा सकता है। पिछले एक वर्ष से इस सड़क की जो दुर्दशा है वो यहां से गुजरने वाला व्यक्ति ही जानता है। मात्र यह सड़क ही नहीं, शहर की सभी सड़कों का हाल खराब है। लंबे समय से विभाग की इस ओर अनदेखी लोगों की समझ से परे है।

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