Thursday, November 30, 2023
Homeसंवादसबसे दरिद्र कौन

सबसे दरिद्र कौन

- Advertisement -

Amritvani


एक महात्मा भ्रमण करते हुए किसी नगर से होकर जा रहे थे। मार्ग में उन्हें एक रुपया मिला। महात्मा तो वैरागी और संतोष से भरे व्यक्ति थे, भला एक रुपए का क्या करते, इसलिए उन्होंने यह रुपया किसी दरिद्र को देने का विचार किया कई दिन की तलाश के बाद भी उन्हें कोई दरिद्र व्यक्ति नहीं मिला।

एक दिन वो सुबह-सुबह उठते हैं तो क्या देखते हैं, एक राजा अपनी सेना को लेकर दूसरे राज्य पर आक्रमण के लिए उनके आश्रम के सामने से जा रहा है। ऋषि बाहर आए तो उन्हें देखकर राजा ने अपनी सेना को रुकने का आदेश दिया और खुद आशीर्वाद के लिए ऋषि के पास आकर बोले, महात्मन मैं दूसरे राज्य को जीतने के लिए जा रहा हूं, ताकि मेरा राज्य विस्तार हो सके।

इसलिए मुझे विजयी होने का आशीर्वाद प्रदान करें। इस पर ऋषि ने काफी देर सोचा और सोचने के बाद वो एक रुपया राजा की हथेली में रख दिया। यह देख इसके पीछे का प्रयोजन काफी देर तक सोचने के बाद भी राजा के समझ नहीं आया तो राजा ने महात्मा से इसका कारण पूछा। महात्मा ने राजा को जवाब दिया, राजन कई दिनों पहले मुझे ये एक रुपया आश्रम आते समय मार्ग में मिला था।

मुझे लगा किसी दरिद्र को इसे दे देना चाहिए, क्योंकि किसी वैरागी के पास इसके होने का कोई औचित्य नहीं है। बहुत खोजने के बाद भी कोई दरिद्र नहीं मिला लेकिन आज तुम्हें देखकर ये ख्याल आया कि तुमसे दरिद्र तो कोई है ही नहीं इस राज्य में, जो सब कुछ होने के बाद भी किसी दूसरे बड़े राज्य के लिए भी लालसा रखता है। यही एक कारण है कि मैंने तुम्हे ये एक रुपया दिया है। राजा को अपनी गलती का अहसास हो गया और उसने युद्ध का विचार भी त्याग दिया।
                                                                                                      प्रस्तुति : राजेंद्र कुमार शर्मा


janwani address 9

- Advertisement -

Recent Comments