- पहले चरण में फील्ड टैस्टिंग किट के जरिये अभी तक 50 हजार नमूनों का परीक्षण
- ग्रामीण क्षेत्र में आंगनबाड़ी केन्द्रों पर चलेंगे पेयजल एवं स्वच्छता संबंधी जागरूकता कार्यक्रम
- विद्यालयों में स्वच्छता क्लब का गठन करके कराए जाएंगे ड्राइंग प्रतियोगिता कार्यक्रम के आयोजन
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल की गुणवत्ता में सुधार के लिए जल निगम ग्रामीण के तत्वावधान में विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम शुरू कराए गए हैं। जल जीवन मिशन के अन्तर्गत ग्रामीण पाइप पेयजल योजनाओं के संचालन एवं क्रियान्वयन के लिए क्षमता संवर्द्धन, प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत जनपद मेरठ के प्रत्येक राजस्व ग्राम की पांच महिलाओं को फील्ड टैस्टिंग किट (एफटीके) के माध्यम से जल की गुणवत्ता की जांच करने का प्रशिक्षण दिया गया है।
जनपद मेरठ में वर्तमान तक प्रशिक्षित महिलाओं के जरिये 50 हजार जल नमूनों की जांच की जा चुकी है। प्रशिक्षण संस्था मै. आशादीप फाउंडेशन की ओर से ग्रामीण क्षेत्र में राजमिस्त्री, प्लम्बर, फिटर, इलेक्ट्रीशियन, पम्प आॅपरेटर तथा मोटर मैकेनिकों जैसे तकनीकी कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
जल निगम ग्रामीण अधिकारियों के अनुसार अभी तक 12 में से छह ब्लॉक की ग्राम पंचायतों में पांच-पांच महिलाओं को प्रशिक्षण देने का काम किया जा चुका है। सभी ब्लॉक में 15 अगस्त तक महिलाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य दिया गया है, लेकिन इसे आगे बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा अभी तक 100 फील्ड टैस्टिंग किट उपलब्ध हुई हैं। जबकि जनपद में 602 किट्स की जरूरत है। इसके पहले चरण में प्रशिक्षण और जल नमूनों की जांच के साथ-साथ वॉल राइटिंग का काम भी कराया जा रहा है।
अधिकारियों के अनुसार जल जीवन मिशन हर घर जल योजना के अन्तर्गत राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन द्वारा इम्पैनल्ड, सूचीबद्ध आईईसी संस्था मै. जानकी प्रसाद मेमोरियल रिसर्च एजुकेशनल ट्रस्ट को नामित किया गया है। जिसके द्वारा जनपद मेरठ में समस्त प्राथमिक, उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में स्वच्छता क्लब का गठन एवं ड्राइंग प्रतियोगिता कार्यक्रम का आयोजन, ग्राम पंचायत स्तर के संचालित समस्त आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पेयजल एवं स्वच्छता सम्बन्धी जागरूकता कार्यक्रम, ग्राम पंचायत स्तर के सार्वजनिक स्थलों पर पेयजल एवं स्वच्छता मेले का आयोजन, सार्वजनिक स्थल पर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से पेयजल एवं सम्बन्धी कल्चरल एक्टिविटी प्रोग्राम तथा समस्त ग्राम पंचायतों के पंचायत भवन, प्राथमिक पाठशाला, आंगनबाड़ी केन्द्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर) एवं ब्लॉक / जनपद स्तर के मुख्यालयों आदि सार्वजनिक स्थानों पर पेयजल एवं स्वच्छता सम्बन्धी वॉल राइटिंग आदि गतिविधियों की कार्यवाही की जा रही है। अधिकारियों ने इस बारे में डीएम को एक रिपोर्ट भी प्रेषित की है।
जिसमें अवगत कराया गया कि जल जीवन मिशन से पूर्व जनपद मेरठ में जल निगम द्वारा 115 पाइप पेयजल योजनाओं का निर्माण किया गया है। जिनसे 133 ग्राम लाभान्वित हो रहे हैं। उक्त में से 33 ग्रामों की पेयजल योजनाओं की डिजाइन अवधि पूर्ण होने के कारण उक्त ग्राम जल जीवन मिशन के अन्तर्गत पुनर्गठन पेयजल योजना हेतु प्रस्तावित है। जनपद मेरठ में 472 ( 33 ग्राम पुनर्गठन ग्राम सम्मिलित करते हुए) ग्रामों को जल जीवन मिशन के अन्तर्गत शुद्ध पेयजल आपूर्ति से लाभान्वित किया जाना प्रस्तावित है। प्रोजेक्ट्स लि. भूरत्नम कन्स्ट्रक्शन (जेवी), हैदराबाद को आवंटित किया गया है, जिसके द्वारा जनपद के 472 ग्रामों में पाइप पेयजल योजना का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। फर्म द्वारा 332 योजनाएं, जिसमें 472 ग्राम सम्मिलित है, की डीपीआर विरचन कर शासन को प्रेषित की गई है, जिनकी शासन स्तर से स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है।
जनपद में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत लगभग 75 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया जा चुका है। जनपद मेरठ में वर्तमान तक जल जीवन मिशन के अन्तर्गत 2.5 लाख पेयजल गृह संयोजन ग्रामवासियों को उपलब्ध कराए जा चुके हैं। जल जीवन मिशन के अन्तर्गत पेयजल योजनाओं के कार्यों की गुणवत्ता व तकनीकी जांच आदि के लिए जनपद मेरठ में डीपीएमयू मै. मेघज टैक्नो कॉन्सेप्ट प्रा.लि. व थर्ड पार्टी इन्स्पेक्शन के लिए मै. आरवी एसोसिएट्स को नियुक्त किया गया है।
जिसके द्वारा सभी कार्यों का अनुश्रवण किया जा रहा है। जनपद मेरठ ने जल जीवन मिशन कार्यक्रमान्तर्गत जल जीवन सर्वेक्षण माह जून, 2023 (50-75 प्रतिशत) में राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा स्थान ग्रहण किया है। जनपद मेरठ जल जीवन सर्वेक्षण माह जुलाई 2023 में 80 प्रतिशत पेयजल गृह संयोजन पूर्ण कर राष्ट्रीय स्तर पर में पहुंच गया है।
नई तकनीक से साफ होंगे सेप्टिक टैंक
उत्तर प्रदेश जल निगम नागर कार्य इकाई द्वितीय के परियोजना प्रबंधक मोहित वर्मा ने बताया कि मेरठ नगर निगम क्षेत्र में सेप्टिक टैंक खाली करने के लिए नई तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। जिसको नगर निगम को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इस योजना के अंतर्गत प्रति वर्ष 9400 घरों का सेप्टेज साफ करके ट्रीटमेंट किया जाएगा। जिससे प्रतिवर्ष 47 हजार की जनसंख्या लाभान्वित होगी। योजना में 4000 किलो लीटर क्षमता का एक, 3000 किलो लीटर क्षमता के दो व 500 किलो लीटर क्षमता के पांच डी स्लजिंग वाहन लगाए गए हैं।
जिसमें सेप्टिक टैंक खाली करने के लिए लाभार्थी को 2260 रुपये की धनराशि नगर निगम के माध्यम से देनी होगी। जिससे शहर में नदी-नालों में गिराए जा रहे सेप्टेज से निजात मिलेगी। परियोजना प्रबंधक मोहित वर्मा ने बताया कि शहर में अमृत कार्यक्रम के अन्तर्गत 50 केएलडी क्षमता के फीकल स्लज ट्रीटमेन्ट प्लांट का निर्माण किया गया है। योजना की अनुबंधित लागत एक करोड़ 42 लाख 88 हजार 980 रुपये रही है। उक्त एफएसटीपी (को-ट्रीटमेन्ट) का अनुरक्षण व संचालन कार्य सात वर्षों तक नकॉफ इंडिया लि. लखनऊ द्वारा किया जाएगा।