- कई स्थानों पर स्टील स्पैन चुनौतीपूर्ण था, लेकिन आधुनिक प्रणाली के बल पर जीता किला
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: दिल्ली मेरठ रैपिड कॉरिडोर पर विभिन्न स्थानों पर बनाए गए स्टील स्पैन अपने आप में किसी जादुगरी से कम नहीं हैं। दिल्ली से लेकर मेरठ तक के पूरे कॉरिडोर पर विभिन्न स्थानों पर यह स्टील स्पैन स्थापित हो चुके हैं तो कहीं पर अंडर प्रोसेस हैं। कॉरिडोर पर दिल्ली सेक्शन में ही छह स्टील स्पैन स्थापित कर दिए गए हैं।
दरअसल, कहीं-कहीं पर स्टील स्पैन की स्थापना बेहद चुनौतीपूर्ण है, लेकिन आधुनिक प्रणाली के आधार पर इन चुनौतियों को एनसीआरटीसी ने स्वीकार किया। हाल ही में दिल्ली में लगभग 40 से 50 मीटर चौड़े गाजीपुर ड्रेन के समीप स्टील स्पैन की स्थापना बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य था, क्योंकि यह ड्रेन कॉरिडोर अलाइनमेंट के डायगनल बहता है। इसी को ध्यान में रखते हुए गाजीपुर ड्रेन में पिलर्स निर्माण के लिए गहरी नींव बनाई गई।
पिलर्स निर्माण के लिए हैवी क्रेनों का उपयोग किया गया। कई अन्य आधुनिक तकनीकों के बल पर स्टील स्पैन स्थापित किए गए। रैपिड कॉरडोर पर जहां जहां जटिल क्षेत्र (नदी, पुल, रेलवे क्रॉसिंग, मेट्रो कॉरिडोर, एक्स्प्रेस वे) हैं, वहां यह स्टील स्पैन बेहद कारगर साबित होते हैं।
अब तक 12 स्टील स्पैन स्थापित
एनसीआरटीसी के अधिकारियों के अनुसार दिल्ली मेरठ कॉरिडोर पर अब तक कुल 12 स्टील स्पैन स्थापित किए जा चुके हैं। यह स्टील स्पैन 70 किलोमीटर के एलिवेटेड हिस्से पर विभिन्न हिस्सों में स्थापित किए गए हैं। इनमें जो स्टील स्पैन मेरठ में स्थापित किया गया है वो दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे (डीएमई) पर स्थापित है।
क्या होता है स्टील स्पैन ?
स्टील स्पैन विशाल संरचनाएं होती हैं, जिनमें संरचनात्मक स्टील से बने बीम होते हैं। एनसीआरटीसी स्ट्रक्चरल स्टील से बने इन स्पैन के विभिन्न पाटर््स का निर्माण कारखानों में करता है। ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के लिए इन सभी पाटर््स को रात में ट्रेलरों पर लाद कर साइट पर लाया जाता है और विशेष प्रक्रिया की मदद से व्यवस्थित तरीके से आपस में जोड़कर स्पैन का निर्माण साइट पर ही किया जाता है।