Monday, July 1, 2024
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सांसारिक वस्तुओं का परिग्रह न करना आंकिचन्य धर्म

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जनवाणी ब्यूरो |

नजीबाबाद: दशलक्षण पर्व के नौवे दिन उत्तम आंकिंचन्य धर्म पर चर्चा करते हुए वक्ताओं ने कहा कि मनुष्य को सांसारिक वस्तुओं का अपनी आवश्यकतानुसार ही संचय करना चाहिए। अधिक संचय की प्रवृति लोभ व कषाय की ओर ले जाती है।

सोमवार को श्रीदिगम्बर जैन पंचायती मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में धर्म चर्चा करते हुए जिनेश्वर दास जैन ने कहा कि दशलक्षण पर्व में अपनी आत्मा का चिन्तन करना आवश्यक है।

आत्मा की शुद्धि करते हुए हमें दशलक्षण पर्व का महत्व समझना चाहिए। अजय जैन ने कहा कि सांसारिक वस्तुओं का परिग्रह न करना आकिंचन्य धर्म है।

मनुष्य की प्रवृति अधिक से अधिक संचय करने की होती है ऐसे में ये पर्व मनुष्य को संचय की प्रवृति से दूर रहने का भी संदेश देते हैं। इससे पूर्व श्री दिगम्बर जैन पंचायती मंदिर व सरजायती मंदिर मे पूजन पाठ किया गया।

आादिनाथ भगवान की वेदी पर राजीव जैन ने चन्द्रप्रभु भगवान की वेदी पर जिनेशवर दास जैन, नमन जैन, अनुभव जैन ने व महावीर की वेदी व माडला पर अजय जैन ने पूजा की।

सरजायती जैन मंदिर मे जितेन्द्र जैन ने अभिषेक व पूजन किया। इसके अलावा महिलाओं मे सुषमा जैन, समला जैन,सुशीला जैन, अलका जैन, छवि जैन,रैना जैन,अरनव जैन,यश जैन ने भी पूजा में भाग लिया।

अनन्त चतुदर्शी पर होगी विशेष पूजा

श्री दिगम्बर जैन समाज के तत्वावधान में अनन्त चतुदर्शी के मौके पर मंगलवार को श्री जी के सामूहिक अभिषेक के बाद नित्य नियम व पर्व पूजा के अलावा अनन्तनाथ तीर्थंकर की विशेष पूजा का आयोजन होगा। मंत्री नीरज जैन ने बताया कि 3 सितम्बर को जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर श्री आदिनाथ भगवान का अपराह्न 11 बजे श्री दिगम्बर जैन पंचायती मंदिर में क्षमावणी पर्व मनाते हुए अभिषेक व पूजन होगा।

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