Thursday, October 24, 2024
- Advertisement -

शुभ मुहूर्त में करें देवों के देव महादेव की आराधना, मिलेगा लाभ

  • एक मार्च को महाशिवरात्रि पर बुध, शुक्र, मंगल, शनि और चंद्र मकर राशि में होने से बनेगा पंचग्रही योग
  • चार पहर की पूजा से मिलेगी जीवन के पापों से मुक्ति
  • महाशिवरात्रि व्रत से मिलेगा मनोवांछित फल, सिद्ध होगी मनोकामना

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। इस बार महाशिवरात्रि आगामी एक मार्च को मनाई जाएगी। भगवान भोलेनाथ को चतुर्दशी तिथि बहुत ही प्रिय होती है।

महाशिवरात्रि पर्व को लेकर कई तरह के कथाएं प्रचलित हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। यही कारण है कि महाशिवरात्रि को अत्यन्त महत्वपूर्ण और पवित्र माना जाता है।

शिवभक्तों के लिए महाशिवरात्रि का त्योहार बहुत ही खास होता है। भारतीय ज्योतिष विज्ञान परिषद के चैप्टर चेयरमैन ज्योतिषाचार्य आचार्य मनीष स्वामी ने बताया कि इस दिन शिवभक्त व्रत रखते हुए भगवान शिव के मंदिर में जाकर जलाभिषेक, रुद्राभिषेक एवं दुग्धाभिषेक भी करते हैं और विशेष रूप से पूजा आराधना भी की जाती हैं।

शिवपुराण के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की रात में भगवान शिव अग्रि स्तंभ के रूप में ब्रह्माजी और विष्णुजी के सामने प्रकट हुए थे। उस समय आकाशवाणी हुई थी कि इस तिथि की रात में जागकर जो भक्त मेरे लिंग रूप का पूजन करेगा, वह अक्षय पुण्य प्राप्त करेगा।

महाशिवरात्रि की रात्रि को भक्त जागरण करके माता-पार्वती और भगवान शिव की आराधना करते हैं। मान्यता है जो भक्त ऐसा करते हैं। उनकी सभी मनोकामना पूरी होती है।

महाशिवरात्रि पर ग्रहों का पंचग्रही योग

महाशिवरात्रि पर ग्रहों का विशेष योग बनने जा रहा है। ज्योतिषाचार्य मनीष स्वामी ने बताया कि इस बार मकर राशि में पंचग्रही योग का निर्माण हो रहा है। मकर राशि में शनि, मंगल, बुध, शुक्र और चंद्रमा ये पांचों ग्रह एक साथ रहेंगे। इसके अलावा लग्न में कुंभ राशि में सूर्य और गुरु की युति भी रहेगी। शिवरात्रि मंगलवार को मनाई जाएगी और इसबार का कारक ग्रह मंगल मकर में उच्च का रहेगा। शनि खुद की मकर राशि में रहेगा। बुध-शुक्र भी मित्र राशि में रहेंगे।

महाशिवरात्रि पर चार पहर की पूजा महत्व

शिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक का खास महत्व है। चार पहर की पूजा संध्या काल से प्रारंभ होकर अगले दिन ब्रह्म मुहूर्त तक चलती है इस रात के चारों प्रहरों में जागकर भगवान शिव का पूजन करने वाले पर भक्त को भगवान शिव की कृपा मिलती है। इस दिन हर एक प्रहर की अलग पूजा विधि है। चार बार शिव पूजन करने के लिए चार प्रहर प्राप्त करने के लिए रात की अवधि को चार भागों में विभाजित किया जाता है।

महाशिवरात्रि शुभ मुहूर्त

  • चतुर्दशी तिथि आरंभ एक मार्च मंगलवार, 3 बजकर 16 मिनट से
  • चतुर्दशी तिथि समाप्त दो मार्च बुधवार, 1 बजे।

महाशिवरात्रि पर चारों प्रहर की पूजा का शुभ मुहूर्त

पहले पहर की पूजा

  • एक मार्च 2022 को शाम 6:21 से रात 9:27 बजे तक।

दूसरे पहर की पूजा

  • एक मार्च 2022 को रात 9:27 से रात 12:33 बजे तक।

तीसरे पहर की पूजा

  • दो मार्च 2022 को रात्रि 12:33 से सुबह 3:39 बजे तक।

चौथे पहर की पूजा

  • दो मार्च 2022 को सुबह 3:39 बजे से 6:45 बजे तक।
What’s your Reaction?
+1
0
+1
7
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

Ghaziabad News: अवैध संबंधों में बाधक बनने पर की गई थी मासूम आकाश की हत्या

जनवाणी संवाददाता | गाजियाबाद: नंदग्राम थाना क्षेत्र में स्थित पिकनिक...
spot_imgspot_img