Sunday, September 8, 2024
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योगी जी! इन मक्खियों से बचा लो हमारी जिंदगी, नहीं तो…

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नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक अभिनंदन और स्वागत है। साल 2014 वैसे तो नए साल की खुशियां लेकर आया था, लेकिन यूपी के हरदोई जिले में करीब आधा दर्जन गांवों के लिए यह साल एक ऐसे मौत का फरमान लेकर आया जो ना तो मरने दे रहा और ना ही जीने दे रहा है। जी हां सच्चाई जानकर आप भी हैरान और परेशान रह जाएंगे। आइए आपको ले चलते हैं उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में…

ये है उत्तर प्रदेश का जिला हरदोई। जिले में करीब आधा दर्जन से अधिक गांव मक्खियों के आतंक से तबाह हो गए हैं। मक्खियों का आतंक इतना बढ़ गया है कि यहां कोई भी अपनी बेटी की शादी तक नहीं करना चाहता है।

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यही नहीं जिनकी शादियां हो गई हैं उनकी पत्नियां अब अपनी ससुराल में वापस नहीं आना चाहती हैं। यह कोई एक-दो परिवारों की बात नहीं है बल्कि दर्जनों मामले साल 2014 से अब तक चर्चा का विषय बने हुए हैं। शासन प्रशासन से यहां के ग्रामीण अपनी समस्या लेकर जाते तो हैं मगर समस्या ही कुछ ऐसी है कि समाधान नहीं सूझ रहा है।

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बता दें कि हरदोई जिले के कई गांवों में मक्खी एक विकट समस्या के रूप में बनी हुई हैं। यहां की आबादी मक्खियों के कारण मानसिक विक्षिप्तता जैसी समस्याओं से जूझ रही है। गांव के अंदर पहुंचते ही यहां की महिलाएं और पुरुष चारों तरफ मक्खियों की बड़ी समस्या होने की बात कहते हुए दिखाई पड़ रहे हैं और यह हालात कई सालों से एक जैसे ही है।

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मक्खियों का आतंक कुछ इस कदर बढ़ा हुआ है कि दिन में भी लोग मच्छरदानी लगाकर रोजमर्रा के कार्य कर रहे हैं। यहां तक की मक्खियों के आतंक से निजात पाने के लिए लोग जेल तक जा चुके हैं।

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…तो इस कारण से पनपी है मक्खी की समस्या

क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि मक्खियों के आतंक की वजह एक बड़ा पोल्ट्री फार्म है। बताते हैं कि यहीं पास में जब से यह पोल्ट्री फार्म खुला है तब से धीरे धीरे मक्खियों की आबादी बढ़ती जा रही है और जीना मुहाल हो गया है।

कारण, चारो ओर सफाई नाम की कोई चीज नहीं है। पोल्ट्री फार्म का मालिक गंदगी फैला रहा है, शासन प्रशासन के लोग शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई करने से मना कर रहे हैं।

मक्खियों को भगाने के लिए दिया जा रहा धरना

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मक्खियों का आतंक अब गांव की महिलाओं के साथ साथ पुरुषों से भी नहीं झेला जा रहा है। लोग अब इसे एक बड़ी समस्या के तौर पर देख रहे हैं। इन गांवों में रहने वाले लोग अब मक्खियों से छुटकारा पाने के लिए गांव के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। सबसे बड़ी बात कि इस धरने में गांव की महिलाएं भी शामिल हैं, जो सुबह अपना चूल्हा चौका करके दोपहर तक धरना स्थल पर बैठ जाती हैं।

ग्रामीणों की व्यथा, नहीं हो रही सुनवाई

ग्रामीणों का कहना है कि हम लोगों के लिए शादी के रिश्तें आते हैं, मगर मक्खियों के कारण वापस हो जाते हैं। दूसरे गांव की बेटी यहां आने के लिए तैयार नहीं हो रही हैं। गांव के ही मुंगालाल, अनुज, शारदा, मुलायम, शिवराज ने बताया कि उनकी शादी तीन वर्ष पूर्व हुई थी।

पत्नियां कहती हैं- कहीं और जाकर रहो

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उनकी पत्नियां मक्खियों के कारण गांव नहीं आ रही हैं। पत्नियों का कहना है कि हमें गांव में नहीं रहना है। कहीं और जाकर रहो, तब आऊंगी। गांव की पुष्पा, राम देवी, सुमन, राम कुमारी, श्यामा, पूनम ने बताया कि अगर समस्या से निजात नहीं मिलता, तो वे लोग भी दो-चार दिन में मायके रहने चली जाएंगी।

छात्रों को भी हो रही है दिक्कत

छात्र सत्यवान, नितिन, विकास, आकाश, रोहित, धर्मराज ने बताया कि मक्खियों के कारण वे लोग दिन में पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। रात में लाइट गायब हो जाती है। इससे उनको पढ़ाई करने में समस्या आ रही है। जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करना चाहिए।

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इतनी बड़ी आबादी की सुनवाई नहीं

हरदोई जिले के अहिरोरी ब्लाक के बढ़ईयनपुरवा समेत सात गांवों में मक्खियों के आतंक से करीब 22 हजार से अधिक आबादी परेशान है। क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि मक्खियों की मुख्य वजह क्षेत्र में बना पोल्ट्री फार्म और उसकी गंदगी है। आरोप यह है कि पोल्ट्री फार्म के लोग मृत मुर्गियों और उनकी गंदगी को खुले में डाल रहे हैं, जिससे गंदगी दुर्गंध होने के कारण बड़ी संख्या में मक्खियां उत्पन्न हो रही हैं और वह क्षेत्र के आधा दर्जन से ज्यादा गांवों के लोगों को प्रभावित कर रही हैं।

यह मक्खियां ज्यादातर गांव के घरों में सो रहे बच्चों भोजन बर्तन हर तरफ दिखाई पड़ रही हैं। मक्खियों की बहुतायत होने के कारण ज्यादातर लोग बीमार पड़ रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस समस्या को लेकर कई बार प्रशासन को अवगत कराया गया है, लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं हुआ है।

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कैसे शुरू हुई मक्खियों की परेशानी

मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक, साल 2014 से पहले यहां सब कुछ ठीक था। लेकिन, 2014 में यहां एक कमर्शियल लेयर्स फॉर्म, यानि पोल्ट्री फॉर्म खुला। पोल्ट्री फार्म खुलने के कुछ दिन तक सब कुछ ठीक चल रहा था।

फिर धीरे-धीरे मक्खियों की आबादी बढ़ने लगी और आज इन गावों में मक्खियों की आबादी पहले के मुकाबले सैकड़ों गुना बढ़ गई है। इस पोल्ट्री फार्म के सबसे नजदीक है बढ़ईनपुरवा गांव, यही वजह है कि मक्खियों से सबसे ज्यादा परेशान भी यही गांव है।

इन गांवों में है सबसे अधिक परेशानी

मक्खियों का आतंक ऐसे तो सबसे ज्यादा बढ़ईयनपुरवा गांव में है। पिछले एक साल में इस गांव से कई बहुएं अपने मायके चली गई हैं। वहीं इस गांव के लड़के लड़कियों की शादी भी नहीं हो रही है। गांव वाले बताते हैं कि इस साल इस गांव में एक भी शादी नहीं हुई है। हालांकि, कुइयां, पट्टी, डही, सलेमपुर, फत्तेपुर, झालपुरवा, नयागांव, देवरिया और एकघरा में रहने वाले लोग भी मक्खियों के आतंक से बेहद परेशान हैं।

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