Saturday, July 27, 2024
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रखें अपनी कैलोरी पर नजर

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हम भोजन के रूप में जो कुछ ग्रहण करते हैं, उससे हमारे शरीर को कैलोरी प्राप्त होती है। जब शरीर को आवश्यकता से अधिक कैलोरी प्राप्त होती है, तब व्यक्ति मोटापे का शिकार होने लगता है। मोटापा हमारे स्वास्थ्य और सौंदर्य दोनों का शत्रु है। मोटापे से ग्रसित व्यक्ति अनेकरोगों का शिकार हो जाता है। उसे अनेकों परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मोटापे से ग्रसित प्रत्येक व्यक्ति चाहे वह स्त्री हो या पुरूष, छुटकारा पाना चाहता है परंतु चाहकर भी उसे मोटापे से मुक्ति नहीं मिल पाती लेकिन मोटापे से मुक्ति पाना मुश्किल नहीें है। खान-पान और रहन-सहन में सावधानी बरतकर वजन को घटाया जा सकता है।

मोटापे को बढ़ाने वाले तथ्यों को समझ कर उनका अनुसरण किया जाय तो मोटापे को आसानी से अलविदा कहा जा सकता है। मोटापे से परेशान लोग इससे मुक्ति पाने के लिए हर संभव उपाय करने के लिए तैयार रहते हैं। इसी का परिणाम है कि आजकल प्रत्येक छोटी-बड़ी जगहों पर जिम और स्लिमिंग सेंटर खुले हुए हैं। स्लिम एवं ट्रिम होने के लिए लोग इन जिम व स्लिमिंग सेंटरों में जाकर वजन घटाने के लिए कोर्स करते हैं, उन्हें लाभ मिलता भी दिखाई देता है लेकिन यह लाभ स्थाई नहीं होता। कोर्स समाप्त होने के कुछ ही महीने बाद व्यक्ति का वजन पहले जैसा या उससे भी ज्यादा हो जाता है।

वजन घटाने के लिए जरूरी है कि हमारे दैनिक आहार में वैसे आहार शामिल किए जाएं, जिनसे शरीर को कम कैलोरी मिले। इसके लिए यह जानना जरूरी है कि किस चीज में कितनी कैलोरी होती है। फिर हम आसानी से जान सकते हैैं कि हम जो आहार ग्रहण कर रहे हैं उससे हमारे शरीर को कितनी कैलोरी प्राप्त होगी। फिर आहार को नियंत्रित करके वजन बढ़ने को रोका जा सकता है या वजन को घटाया जा सकता है।

जिन लोगों का आधा समय कंप्यूटर के आगे, टीवी के सामने या कार चलाने में बीतता है या फिर जिनके पास व्यायाम करने का समय या साधन नहीं हैं, उन्हें लगभग 1200-1400 कैलोरी की जरूरत होती है। दूसरी ओर कठोर शारीरिक श्रम करने वाले लोगों का 3000 के लगभग तथा किशोरों को 2000-2500 के करीब कैलोरीज की जरूरत होती है।

यहां विचारणीय है कि आहार का कैलोरी काउंट कैसे किया जाय क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति का खान-पान एक दूसरे से भिन्न होता है। कोई चावल खाता है तो कोई रोटी। किसी को मीठी चीजें पसंद हैं तो किसी को नमकीन। चिकित्सा विज्ञान में कैलोरी की गणना करने के उद्देश्य से आहार को सात स्तर पर विभाजित किया गया है-कार्बोहाइड्रेट्स प्रोटीन, वसा,(फैट) खनिज पदार्थ, विटामिन, रेशा तथा पानी आदि। विटामिन, रेशा तथा पानी में कैलोरी नहीं होती लेकिन एक ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स में 4 कैलोरीज, एक ग्राम प्रोटीन में 4 कैलोरीज तथा एक ग्राम वसा में 9 कैलोरीज होती हैं यानी सबसे ज्यादा कैलोरी वसा में होती हैं, 100 ग्राम फल में लगभग 50 कैलोरी होती हैं लेकिन केला चीकू, आम, अंगूर आदि मीठे फलों में 100 ग्राम में 100 कैलोरी होती हैं। 100 ग्राम सब्जी में 20 कैलोरी होती हैं लेकिन आलू व शकरकंदी में कैलोरी की मात्र 100 कैलोरीज (100 ग्राम में) होती हैं।

कार्बोहाइड्रेट्स दो प्रकार के होते हैं-सिंपल और काम्पलेक्स। (सभी अनाज चावल, गेहूं, बाजरा आदि) काम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट्स हैं जो आसानी से नहीं पचते। अन्य सभी मीठी वस्तुएं- फल, चीनी, शीतल पेय आदि, सिम्पल कार्बोहाइड्रेट्स हैं। पाचन जीभ पर ही शुरू हो जाता है। प्रोटीन दालों में तथा वसा घी व मक्खन में प्रचुर मात्र में पाए जाते हैं। एक चपाती में 100 कैलोरीज तथा 1 कटोरी दाल में 150 कैलोरीज होती हैं। 100 ग्राम सूखे फल, मेवा काजू बादाम में 700 कैलोरीज होती हैं। एक गुलाबजामुन में करीब 350 कैलोरीज होती हैं। 300 एम एल शीतल पेय में कैलोरीज की मात्र 200 होती है।

कैलोरीज इस तरह कम करें

हम प्रतिदिन जो आहार ग्रहण करते हैं, उसको तैयार करते समय थोड़ी सी सावधानी बरतें तो उसकी कैलोरीज को आसानी से कम किया जा सकता है, जैसे रोटी के लिए आटा गूंथते समय उसमें चोकर मिला देने से रोटी की कैलोरी कम हो जाएगी क्योंकि चोकर में फाइबर होता है। चावल में ज्यादा सब्जियां डालकर चावल की कैलोरीज को तथा दाल को पतला बनाकर दाल की कैलोरीज को कम किया जा सकता है।

मीठी चीजों में कैलोरीज की मात्रा अधिक होती है इसलिए मीठी चीजों का सेवन कम से कम करना चाहिए या उन मीठे व्यंजनों को खाना चाहिए जिनमें घी न हो। गुलाब जामुन की जगह पेठा खाना हितकर है। फलों का सेवन करें लेकिन आम, केला चीकू आदि फल ज्यादा न खाएं क्योंकि इन फलों में कैलोरी अधिक होती है। आलू की सब्जी कम से कम खानी चाहिए क्योंकि आलू में भी कैलोरी अधिक होती हैं।

प्रत्येक व्यक्ति को अपने शरीर के अनुसार ही खाना चाहिए क्योंकि सभी व्यक्तियों का मेटाबालिज्म रेट एक समान नहीं होता। कोई थोड़ा ज्यादा खा लें तो मोटे हो जाते हैं तो कई बहुत ज्यादा खाकर भी मोटे नहीं हो पाते।
-मोटापे से बचने के लिए आहार नियंत्रण के साथ नियमित रूप से व्यायाम भी करते रहना चाहिए। यदि आहार नियंत्रण तथा नियमित व्यायाम के बाद भी वजन बढ़ रहा हो तो किसी एंडोक्राइनोलाजिस्ट से मिल कर अपने थायराइड की जांच करानी चाहिए क्योंकि इस ग्रंथि के कार्य में असंतुलन के कारण भी वजन बढ़ने लगता है।

यदि आप अपने आहार पर नजर रखेंगे तो निश्चित ही आपका वजन नियंत्रित रहेगा और आप मोटापे का शिकार नहीं होंगे।

एचएन सिंह


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