नमस्कार,दैनिक जनवाणी डॉट कॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनन्दन है। जोहरा सहगल एक ऐसा नाम जिसने आने वाली पीढ़ी की लड़कियों के लिए सिनेमा की राह आसान बनाई। भारत की पहली महिला अभिनेत्री और नृतकी कही आने वाली जोहरा सहगल के अंदर कला कूट-कूटकर भरी थी।
अपने अभिनय से जोहरा सहगल ने देश ही नहीं विदेश में भी अपनी अलग पहचान बनाई। तो आइये जानते है नवाबी खानदान की बेटी जोहरा सहगल के बारें कुछ अनसुने किस्से…
जोहरा का उत्तर प्रदेश में हुआ जन्म
जोहरा का जन्म 27 अप्रैल, 1912 को उत्तर प्रदेश के रामपुर के रियायसत के नवाबी खानदान में हुआ था। जोहरा का पूरा नाम मुमताज उल्लाह खान बेगम था। रिपोर्ट्स के अनुसार, महज 1 साल की उम्र में ग्लूकोमा की वजह से जोहरा की एक आंख की रोशनी चली गई थी। बाद में यह ठीक हो गई थी। बचपन में ही जोहरा ने अपनी मां को खो दिया था, जिसके बाद उन्हें पढ़ाई के लिए लाहौर भेज दिया गया।
फिल्म ‘धरती के लाल’ से की शुरुआत
देश के विभाजन के बाद जोहरा अपने पति के साथ मुंबई में रहने लगीं। यहां वह पृथ्वी थिएटरी से जुड़ीं और कई साल तक मंच पर अभिनय किया। 1946 में फिल्म ‘धरती के लाल’ से उन्होंने बड़े पर्दे पर अपने सफर की शुरुआत की। चेतन आनंद की ‘नीचा नगर’ से उन्हें अंतरराष्ट्रीय ख्याति मिली। करियर की दूसरी पारी में वह ‘सांवरिया’, ‘चीनी कम’, ‘वीर जारा’ जैसी फिल्मों में नजर आई थीं।
विदेश में भी अभिनय से चलाया जादू
जोहरा ने 1960 के दशक में रुडयार्ड किपलिंग की ‘द रेस्क्यू ऑफ फ्लू प्लेस’ में काम कर फिल्म समीक्षकों की खूब वाहवाही लूटी थी। 1990 के दौरान लंदन से भारत लौटने से पहले जोहरा ने द ज्वेल इन द क्राउन, माई ब्यूटीफुल लॉन्ड्रेटे, तंदूरी नाइट्स और नेवर से डाई जैसे टेलीविजन सीरीज में भी काम किया। इससे इन्हें विदेश में भी अपने अभिनय के जरिए एक अलग पहचान मिली।
102 वर्ष में हुआ निधन
जोहरा सहगल का जुलाई 2014 को न्यूमोनिया से उनका निधन हो गया था। वह 102 वर्ष की थीं। सितंबर 2020 में गूगल ने उनकी फिल्म ‘नीचा नगर’ के कान्स फिल्म फेस्टिवल में प्रसारित होने की सालगिरह पर डूडल के जरिए उन्हें सम्मानित किया था। यह कान्स अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित होने वाली पहली भारतीय फिल्म थी।