- गैंगस्टर कोर्ट मेें सुनाया गया फैसला, 3 साक्ष्य के अभाव में दोष मुक्त करार
जनवाणी संवाददाता |
बिजनौर: एनआईए अधिकारी डिप्टी एसपी तंजील अहमद व उसकी पत्नी की हत्या कर दिल्ली से लखनऊ तक सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ाने वाले कुख्यात मुनीर व उसके साथी को गैंगस्टर एक्ट में सजा सुनाई गई है। साथ ही मुनीर के तीन साथियों को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया है। छह साल 12 दिन पहले हुए सनसनीखेज वारदात से लखनऊ से दिल्ली तक गूंज गया था।
शुरूआती जांच में मामला आंतकियों से जुड़ा माना जा रहा था, लेकिन बाद में खुलासा में वारदात की वजह प्रॉपर्टी का होना पाया गया था। एनआइए अधिकारी तंजील अहमद व उनकी पत्नी फरजाना के इस हत्याकांड से उस वक्त सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ गई थी। प्रदेश सरकार ने पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाये रखने के लिए तत्कालीन प्रदेश के पुलिस प्रमुख डीजीपी जावेद अहमद, एटीएस के तत्कालीन एडीजी असीम अरुण को बिजनौर जिले में कैम्प कराया था।
इसके अलावा एनआईए, आईबी समेत कई एजेंसियों के अफसर वारदात का मोटिव तलाशते रहे और चार दिन की मशक्कत के बाद मुनीर का नाम सामने आया। जांच जैसे जैसे आगे बढ़ी खुलासे चौकाने वाले होते गए थे। शनिवार को मुनीर व उसके साथियों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट में फैसला आना था। पुलिस मुनीर व रेयान को कड़ी सुरक्षा में लेकर न्यायालय पहुंची।
दोपहर को न्यायधीश ने मुनीर को दस वर्ष की सजा व एक लाख रूपये का जुर्माना तथा उसके साथी रेयान को पांच वर्ष की सजा व 50 हजार का जुर्माना की सजा सुनाई। साथ ही जमानत पर चल रहे जैनी, तंजीम व रिजवान को दोषमुक्त करार दिया। एसपी डा. धर्मवीर सिंह ने डिप्टी एसपी के हत्यारों की सजा होने की पुष्टि की है।
तंजील हत्याकांड का यह था घटनाक्रम…
दो अप्रैल 2016 की रात सहसपुर निवासी एनआइए अधिकारी तंजील अहमद एवं उनकी पत्नी फरजाना स्योहारा निवासी अपनी भांजी की शादी में शामिल होने के बाद वापस सहसपुर लौट रहे थे। मुरादाबाद हाईवे उतरते ही सहसपुर के बाहर एक पुलिया हर बाइक सवारों ने ओवरटेक कर गोलियां बरसाई थी। तंजील की मौत मौके पर ही हो गई थी जबकि उनकी पत्नी ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था। पुलिस ने तंजील मर्डर में छह अप्रैल 2016 को मुनीर सहितदो दोस्तों को दबोचकर उनसे पूछताछ की तो उन्होंने सारा राज उगल दिया था। उनकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त बाइकव पिस्टल भी बरामद कर ली गई थी।