जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: भारत में फेक न्यूज के जरिए धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश करने वाले 10 यूट्यूब चैनलों को सरकार ने ब्लॉक कर दिया है। इसके अलावा 45 वीडियोज को भी भारत में प्रतिबंधित किया गया है। केंद्रीय सूचना-प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस कार्रवाई की जानकारी दी।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को यह जानकारी दी। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि जिन वीडियो को प्रतिबंधित किया गया है, उन्हें कुल मिलाकर 1.30 करोड़ बार देखा जा चुका है और उनमें दावा किया गया है कि सरकार ने कुछ समुदायों के धार्मिक अधिकार छीन लिए हैं।
ठाकुर ने कहा, ‘‘इन चैनलों में ऐसी सामग्री थी, जो समुदायों के बीच भय और भ्रम फैलाती है।’’ मंत्रालय ने कहा कि उदाहरण के लिए सरकार द्वारा कुछ समुदायों के धार्मिक अधिकार छीनने, धार्मिक समुदायों के खिलाफ हिंसक धमकियों और भारत में गृह युद्ध की घोषणा करने जैसे झूठे दावे शामिल हैं। मंत्रालय ने कहा कि खुफिया एजेंसियों से मिली सूचनाओं के आधार पर कार्रवाई की गयी है।
इसमें कहा गया है, ‘‘मंत्रालय द्वारा प्रतिबंधित किये गए कुछ वीडियो का इस्तेमाल अग्निपथ योजना, भारतीय सशस्त्र बलों, भारत का राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र, कश्मीर से जुड़े मुद्दों पर गलत सूचनाएं प्रसारित करने के लिए किया जा रहा था।’’
बयान के अनुसार, यह सामग्री राष्ट्रीय सुरक्षा और दूसरे देशों के साथ भारत के मैत्रीपूर्ण संबंधों के नजरिए से झूठी और संवेदनशील मानी गयी। इसमें कहा गया है कि इन वीडियो को प्रतिबंधित करने का आदेश सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशा निर्देश एवं डिजिटल मीडिया नैतिकता संहिता) नियम 2021 के प्रावधानों के तहत 23 सितंबर को जारी किया गया।
ठाकुर ने बताया कि इससे पहले सरकार ने साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले 102 यूट्यूब चैनल और फेसबुक अकाउंट को प्रतिबंधित किया था। मंत्रालय ने कहा कि कुछ वीडियो में जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख के हिस्सों के साथ भारत की सीमाओं को गलत तरीके से दिखाया गया है। उसने कहा कि मानचित्र का ऐसा गलत चित्रण भारत की संप्रभुत्ता तथा क्षेत्रीय अखंडता के लिए हानिकारक पाया गया।