- सहायक अध्यापक ने प्रेसवार्ता में अफसरों पर लगाए गंभीर आरोप
- साक्ष्य के तौर पर आडियो रिकॉर्डिंग भी मीडिया को उपलब्ध कराई
जनवाणी संवादाता |
शामली: शुक्रवार को प्राथमिक विद्यालय खिजरपुर के सहायक अध्यापक राकेश कुमार शर्मा कैराना रोड स्थित एक रेस्तरां पर पत्रकारों से वार्ता की। इस दौरान उन्होंने बताया कि सहारनपुर जनपद से अंतरजनपदीय स्थानांतरण के बाद कांधला ब्लॉक क्षेत्र के गांव खिजरपुर प्राथमिक विद्यालय में 20 जुलाई 2013 में कार्यभार ग्रहण कर वह शिक्षण कार्य में संलग्न हो गया था। लेकिन प्रार्थी को 20 जुलाई 2013 से 19 सितम्बर 2014 तक 14 माह का वेतन नहीं दिया गया। इतना ही नीं, वेतन की मांग करने पर सस्पेंड कर दिया गया जबकि उसको निलबंन पत्र और अभियोग पत्र भी नहीं दिया गया। इस बारे में उसने तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी, सहायक बेसिक शिक्षाधिकारी को लिखित एवं मौखिक रूप से कई बार अवगत कराया, लेकिन अज्ञात कारणों से प्रार्थी के वेतन का भुगतान नहीं हो पाया। जिसके बाद उसने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट प्रयागराज के द्वारा 19 जुलाई 2019 को पारित आदेश के प्रभावी अंश में कहा गया था कि बिना चार्जशीट किसी भी व्यक्ति को निलंबित रखना न्यायोचित नहीं है। आदेश में बीएसए द्वारा 19 सितम्बर 2014 को किए गए निलबंन आदेश को निरस्त कर प्रार्थी को माह दर माह वेतन प्रदान किए जाने के आदेश दिए थे।
सहायक अध्यापक राकेश कुमार शर्मा ने बताया कि विभाग द्वारा लगभग 05 वर्ष का भुगतान नहीं किया गया। बीएसए आफिस में 26 अप्रैल 2022 को अंतिम अनुस्मारक प्रेषित किया गया। कार्रवाई न होने पर हाईकोर्ट प्रयागराज में अवमानना का प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। जिस पर 07 जुलाई 2022 बीएसए, शामली को एक माह का नोटिस निर्गत करते हुए आदेशों के अनुपालन करने विषयक शपथपत्र प्रस्तुत करने के लिए आदेशित किया था। हाईकोर्ट के आदेश एवं प्र्रार्थी के अनुरोध पर विभागीय अधिकारियों ने 20 जुलाई 2013 से 19 सितम्बर 2014 तक के 14 माह के 3.87 लाख का भुगतान करके कोर्ट के आदेशों की अनुपालना कर प्रार्थी के भुगतान प्रकरण की इतिश्री कर दी। जबकि 19 सितम्बर 2014 से 19 अगस्त 2019 तक 05 वर्ष का वेतन भुगतान एवं 19 अगस्त 2019 से 01 अक्टूबर 2022 तक वेतन वृृद्धियों का अवशेष भुगतान भी लंबित है। पीड़ित ने विभागीय अधिकारियों भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए 04 लाख रुपये हड़पने के बाद भी पांच वर्ष का वेतन भुगतान व अवशेष वृद्धि का भुगतान न कराए जाने का आरोप लगाते हुए लंबित वेतन 40 लाख का 30 प्रतिशत 12 लाख की डिमांड करने का आरोप लगाया। पीड़ित ने बताया कि इस सम्बंध में 17 अक्टूबर 2022 को जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई की मांग की गई है।