Saturday, January 18, 2025
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1247 रूफटॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग बुझाएंगे धरा की प्यास

  • लघु सिंचाई विभाग के माध्यम से 26 बड़े प्रोजेक्ट की प्रक्रिया शुरू
  • पहले चरण में 13 सिस्टम बनाने का काम शुरू

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: जनजागरण के लिए चलाई गई मुहिम असर ला रही है। जनपद में 1247 रूफटॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग बनकर तैयार हैं। वहीं जनपद में 26 बड़े प्रोजेक्ट लघु सिंचाई विभाग की ओर से तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके पहले चरण में 44.38 लाख रुपये की लागत से 13 स्थानों पर टेंडरिंग की प्रक्रिया चल रही है। भूजल संचय अभियान के लिए यूं तो कई विभाग अपने अपने स्तर से काम कर रहे हैं लेकिन इनकी निगरानी के लिए लघु सिंचाई विभाग को नोडल बनाया गया है।

एक ओर गांव दर गांव अमृत सरोवर और अटल भूजल योजना के अंतर्गत ग्राउंड वाटर को सुधारने की दिशा में गंभीरता के साथ कदम उठाए जा रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर ग्राउंड वाटर की स्थिति में सुधार के लिए शासन प्रशासन स्तर पर रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के प्रति भी गंभीर रुख अपनाया गया है। मेरठ जनपद की ही अगर बात की जाए यहां जिलाधिकारी स्तर से सभी सरकारी अर्ध सरकारी और गैर सरकारी विभागों को रूफटॉप रेन वाटर फॉरेस्ट इन के लिए कई बार दिशा निर्देश जारी किए जा चुके हैं।

लघु सिंचाई विभाग से जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार जिलाधिकारी के स्तर से जारी किए गए दिशा निर्देश का परिणाम यह सामने आया है कि मेरठ जनपद में अब तक 1247 संस्थाओं ने रूफटॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा लिया है। जिसमें रिचार्ज पिट के जरिये ग्राउंड रिचार्ज की व्यवस्था की गई है। जिला प्रशासन और नोडल विभाग का यही प्रयास है कि आने वाले वर्ष में यह संख्या दोगुनी हो जाए। जनपद में जल संचयन के लिए गांव-गांव में अमृत सरोवर बनाने के अभियान के अंतर्गत पहले चरण में चिन्हित किए गए 220 गांवों में काम शुरू कराया गया है।

इनमें से 95 अमृत सरोवर पूरी तरह तैयार किए जा चुके हैं। जिसके लिए करीब दो करोड़ 17 लाख रुपये मनरेगा योजना में खर्च किए जा चुके हैं। अटल भूजल योजना के अंतर्गत भी मेरठ जनपद में करीब 100 तालाबों को बनवाने का काम कराया गया है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि एनसीआर में औसतन 800 मिमी वर्षा होती है। जिसमें से ग्रामीण क्षेत्र में 17 प्रतिशत और शहरी क्षेत्र में केवल आठ प्रतिशत पानी ही ग्राउंड वाटर तक पहुंच पाता है इन प्रयासों का असर यह हो हुआ है के तालाबों के जरिए ग्राउंड वाटर तक पहुंचने वाले जल का प्रतिशत तीन से पांच तक बढ़ सकेगा।

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वही रूफटॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग की दिशा में उठाए गए कदमों से भी कमोबेश पांच प्रतिशत तक वाटर लेवल में सुधार होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसी क्रम में लघु सिंचाई विभाग की ओर से खरखोदा माचरा और सिटी पीएसी वाहिनी समेत 13 स्थानों पर रूफटॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट लगाने का काम शीघ्र ही शुरू किए जाने वाला है।

इसके लिए विभाग की ओर से टेंडरिंग की प्रक्रिया चलाई जा रही है इस एक सिस्टम को लगाने के लिए तीन लाख 26 हजार रुपए की लागत आती है मेरठ जनपद में पहले चरण में बनने वाले इन 13 रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम में 44.38 लाख रुपये की लागत आएगी । इसके बाद दूसरे चरण में भी 13 और ऐसे ही सिस्टम सरकारी कार्यालयों अथवा सार्वजनिक भवनों पर लगाए जाएंगे।

अटल भूजल जन जागरण यात्रा कल से

अटल भूजल योजना के अंतर्गत छह को लखनऊ से प्रदेश स्तर पर डिजिटल रथ की शुरूआत की जाएगी। इसके उपरांत सात जुलाई को बागपत से रथ की शुरुआत होगी। जहां से आठ को मुजफ्फरनगर, नौ को शामली होते हुए रथ 10 जुलाई को मेरठ पहुंचेगा। जहां यात्रा का समापन किया जाएगा। इसका उद्देश्य लोगों का जल के बचाव के प्रति जागरूकता अभियान चलाना है। यह जानकारी भूजल परियोजना अधिकारी आशीष गुप्ता ने दी। उन्होंने बताया कि इसी क्रम में 16 से 22 जुलाई के बीच प्रदेश स्तर पर जल संरक्षण सप्ताह मनाया जाएगा। जिसके अंतर्गत जनपद में विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

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